उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
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डार्क पैटर्न पर उच्च स्तरीय हितधारक बैठक आयोजित


आज के उपभोक्ता सतर्क, जानकार और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं : केंद्रीय मंत्री उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी

केंद्रीय मंत्री ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को उपभोक्ता संरक्षण के अनुपालन में डार्क पैटर्न का विश्लेषण करने और उसे खत्म करने के लिए स्व-ऑडिट करने का निर्देश दिया

Posted On: 28 MAY 2025 7:55PM by PIB Delhi

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने आज डिजिटल कॉमर्स में डार्क पैटर्न के बारे में बढ़ती चिंता को दूर करने के लिए एक उच्च स्तरीय हितधारक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा की आज के उपभोक्ता सतर्क, सूचित और अपने अधिकारों के प्रति तेजी से जागरूक हो रहे हैं - वे धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं करेंगे।

भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग ने बैठक बुलाई जिसमें प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों, उद्योग संघों, स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के प्रमुख प्रतिनिधियों को एक साथ लाया गया, ताकि भ्रामक ऑनलाइन आचरण को समाप्त करने पर केंद्रित बातचीत की जा सके।

केंद्रीय मंत्री ने जिम्मेदार उद्योग व्यवहार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डार्क पैटर्न पर दिशानिर्देश प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों और उद्योग संघों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ गहन परामर्श का परिणाम थे। आपसी सहमति बनने के बाद मंत्री ने सभी कंपनियों से आग्रह किया कि वे अब दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन करें और उन्हें अपने आंतरिक प्रशासन और उपभोक्ता संरक्षण तंत्र में एकीकृत करें।

हाल के घटनाक्रमों पर प्रकाश डालते हुए श्री जोशी ने कहा कि राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर डार्क पैटर्न से संबंधित उपभोक्ता शिकायतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने सभी प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों को स्पष्ट निर्देश जारी किया कि वे अपने प्लेटफॉर्म पर डार्क पैटर्न की पहचान करने और उन्हें खत्म करने के लिए नियमित आंतरिक ऑडिट करें। उन्होंने कहा, ‘‘कंपनियों को केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की कार्यवाही का इंतजार नहीं करना चाहिए। उन्हें नोटिस जारी होने से पहले इन भ्रामक आचरण को सक्रिय रूप से पहचानना चाहिए और उन्हें खत्म करना चाहिए। यह सिर्फ विनियामक का अनुपालन नहीं है, यह कंपनियों का उपभोक्ताओं के साथ विश्वास बनाने के बारे में है।”

उन्होंने आगे कहा कि डार्क पैटर्न बस्टर हैकाथॉन 2023 के माध्यम से सामने आए रचनात्मक विचारों और तकनीकी समाधानों ने आईआईटी बीएचयू के साथ मिलकर विभाग को तीन शक्तिशाली उपभोक्ता संरक्षण उपकरण - जागृति ऐप, जागो ग्राहक जागो ऐप और जागृति डैशबोर्ड विकसित करने और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

श्री प्रल्हाद जोशी ने कहा, "ये उपकरण ऑनलाइन उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाली भ्रामक डिजाइन आचरण से निपटने के हमारे संकल्प का प्रमाण हैं।" उन्होंने विस्तार से बताया कि जागृति ऐप उपभोक्ताओं को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर डार्क पैटर्न की रिपोर्ट सीधे सीसीपीए को करने में सक्षम बनाता है और संदिग्ध वेबसाइटों को चिह्नित करता है, जबकि जागो ग्राहक जागो ऐप उपयोगकर्ताओं को जाली प्लेटफ़ॉर्म से बचाता है और उपभोक्ता द्वारा देखे जा रहे ई-कॉमर्स लिंक के लिए रियल टाइम सुरक्षा स्कोर प्रदान करता है। इसके अलावा जागृति डैशबोर्ड एक मजबूत विश्लेषणात्मक उपकरण के रूप में कार्य करता है, जो सीसीपीए की जांच के तहत ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के लिए डार्क पैटर्न पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करता है। श्री जोशी ने इस बात पर जोर दिया कि ये प्रयास डिजिटल बाजार में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव श्रीमती निधि खरे ने विषय का परिचय दिया और इस अति महत्वपूर्ण मुद्दे के समाधान के लिए विभाग के बहुआयामी प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने वेबसाइट और ऐप्स पर इस्तेमाल किए जाने वाले डार्क पैटर्न डिजाइन तत्वों की खतरनाक वृद्धि पर प्रकाश डाला, जिसका इस्तेमाल उपयोगकर्ताओं को गुमराह करने या उन्हें अनपेक्षित विकल्प चुनने के लिए मजबूर करने के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि ये प्रथाएं उपभोक्ता की स्वायत्तता को कमजोर करती हैं, क्रय व्यवहार में हेरफेर करती हैं और उपभोक्ता के विश्वास और कल्याण पर हानिकारक प्रभाव डालती हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण और निष्पक्ष डिजिटल व्यापार सुनिश्चित करने के लिए डार्क पैटर्न से निपटना आवश्यक है।

उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2024 पर कई कंपनियों ने सुरक्षा प्रतिज्ञा ली है, जो यह सुनिश्चित करती है कि वे उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाएंगी। उनके प्लेटफॉर्म पर डार्क पैटर्न की कोई भी गतिविधि उनके द्वारा ली गई प्रतिज्ञा का उल्लंघन है। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) देश भर में उपभोक्ताओं के लिए मुकदमा-पूर्व स्तर पर शिकायत निवारण के लिए एकल केन्द्र के रूप में उभरी है। इसमें अभिसरण साझेदार के रूप में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं। आज, कई संगठन और महत्वाकांक्षी उपभोक्ता उपभोक्ता संरक्षण और उपभोक्ता जागरूकता की दिशा में काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि विभाग को ग्राहकों से सीधे फीडबैक मिल रहा है और वह डार्क पैटर्न की पहचान कर रहा है। उन्होंने यह कहते हुए अपना भाषण समाप्त किया कि हम आज उपभोक्ता संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराने के लिए एकत्र हुए हैं।

बैठक के दौरान प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों 1एमजी.कॉम, एयरबीएनबी, अमेजन, एप्पल, जेप्टो, बुकिंग.कॉम, ओला इलेक्ट्रिक, टाटा डिजिटल, एडिडास इंडिया, सैमसंग, इकिगाई लॉ, इंडिगो एयरलाइंस, इक्सिगो, मेकमाईट्रिप, मास्टरकार्ड, मेटा, नेटमेड्स, नम्मा यात्री, फार्मइजी, रिलायंस रिटेल, रैपिडो, शिपरॉकेट, स्नैपडील, स्विगी, थॉमस कुक, उबर, व्हाट्सएप, यात्रा, जोमैटो एवं ब्लिंकिट, फ्लिपकार्ट, गूगल, जस्टडायल, ओएनडीसी और पेटीएम के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त प्रमुख उद्योग संघों सीएआईटी, सीसीआई, फिक्की, नैस्काम, पीएचडीसीसीआई और रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के साथ-साथ स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठन और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय भी इस बैठक में शामिल हुए।

उपभोक्ता मामले विभाग के अपर सचिव श्री भरत हरबंसलाल खेड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि विभाग सदैव उपभोक्ता संरक्षण सुनिश्चित करते हुए व्यापार करने में आसानी का समर्थन करता है। ई-कॉमर्स पर उपभोक्ता संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 अधिसूचित किया गया। उन्होंने डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन के लिए दिशानिर्देश, 2023 जारी करने में विभाग की ऐतिहासिक उपलब्धि का विवरण दिया, जिसे व्यापक हितधारक परामर्श के माध्यम से विकसित किया गया था और जिसका उद्देश्य स्पष्ट रूप से हेरफेर करने वाले डिजिटल डिजाइन प्रथाओं को परिभाषित और प्रतिबंधित करना था। उन्होंने यह भी बताया कि दिशानिर्देशों द्वारा 13 डार्क पैटर्न को मान्यता दी जा रही है।

बैठक के दौरान, संयुक्त सचिव श्री अनुपम मिश्रा ने भ्रामक डिजाइन प्रथाओं, जिन्हें डार्क पैटर्न के रूप में भी जाना जाता है, पर बढ़ती चिंताओं को रेखांकित करते हुए एक व्यापक प्रस्तुति दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि किस प्रकार ये प्रथाएं उपभोक्ता की पसंद को कमजोर करती हैं तथा उपभोक्ताओं को यूजर इंटरफेस का उपयोग गुमराह करने, दबाव डालने या धोखा देने की अनुमति देती हैं - जिसके परिणामस्वरूप अक्सर अवांछित खरीदारी, गोपनीयता का उल्लंघन और डिजिटल एडिक्शन में वृद्धि होती है। प्रस्तुति में विभाग के सक्रिय दृष्टिकोण पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें "डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन के लिए दिशानिर्देश, 2023" का निर्माण और अधिसूचना शामिल है, जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत 13 विशिष्ट डार्क पैटर्न को परिभाषित और विनियमित करता है। उन्होंने हितधारक सलाह, अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य और केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) द्वारा उठाए गए प्रवर्तन उपायों पर भी जानकारी साझा की, जो डार्क पैटर्न से निपटने के लिए समर्पित दिशानिर्देश जारी करने वाले पहले देश के रूप में भारत की स्थिति की पुष्टि करता है।

उच्च स्तरीय बैठक कार्रवाई के लिए एक मजबूत आह्वान के साथ संपन्न हुई, जिसमें डिजिटल उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई और सभी हितधारकों से पारदर्शी, नैतिक और उपयोगकर्ता-केंद्रित ऑनलाइन वातावरण बनाने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया गया। विभाग ने दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन में व्यवसायों को समर्थन देने के लिए अपनी तत्परता दोहराई और भारत के डिजिटल बाजार को निष्पक्ष और समावेशी बनाए रखने के लिए उद्योग, शिक्षा और नागरिक समाज के साथ निरंतर सहयोग का स्वागत किया।

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