उप राष्ट्रपति सचिवालय
सच्चा सशक्तिकरण तब संभव है, जब हम जरूरतमंद व्यक्तियों का हाथ थामकर उन्हें स्वयं सशक्त बनाने में मदद करते हैं: उपराष्ट्रपति
जब महिलाएं आगे आती हैं, तब संतुलित आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति होती है: उपराष्ट्रपति
उत्तरपूर्व हमारा रत्न है: उपराष्ट्रपति
हमारी जनजातीय संस्कृति भव्य है; हमारी जनजातीय संस्कृति हमारी संपदा है: उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने बल देकर कहा कि दूरदर्शी नेतृत्व अधिकारियों को सही दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित करता है
उपराष्ट्रपति ने नई दिल्ली में मेघालय के स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के साथ बातचीत की
Posted On:
13 MAY 2025 2:26PM by PIB Delhi
भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज कहा, "किसी व्यक्ति की जेब को मुफ्त उपहारों या दान से सशक्त करना सच्चा सशक्तिकरण नहीं है। सच्चा सशक्तिकरण वह है जब आप किसी व्यक्ति का हाथ थामकर उसे स्वयं सशक्त बनाने में मदद करते हैं। इससे खुशी मिलती है, संतुष्टि मिलती है, आपको आंतरिक शक्ति मिलती है और यह आपको आपके परिवार पर गर्व कराता है।"
आज नई दिल्ली में मेघालय के गारो हिल्स, खासी हिल्स और जैंतिया हिल्स क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सदस्यों को संबोधित करते हुए, श्री धनखड़ ने कहा, "हमारे देश का उत्तर पूर्वी हिस्सा हमारा रत्न है। 90 के दशक में, यानी लगभग तीन दशक पहले, केन्द्र सरकार की एक नीति थी और वह नीति थी 'लुक ईस्ट'। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस नीति को एक नया आयाम दिया - 'लुक ईस्ट' से 'एक्ट ईस्ट'। और यह कार्रवाई बहुत प्रभावी ढंग से हुई है। मेघालय, मैं आपको बता दूं, पर्यटकों के लिए स्वर्ग है। प्रकृति का अनमोल उपहार।"
'लुक ईस्ट, एक्ट ईस्ट' नीति के तहत हुई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए उपराष्ट्रपति ने बल देकर कहा कि मेघालय में पर्यटन, खनन, आईटी और सेवा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने राज्य की आर्थिक विकास और महिला सशक्तिकरण में उपलब्धियों की सराहना की और इसका श्रेय केंद्र और राज्य स्तर पर दूरदर्शी नेतृत्व को दिया।
उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में हुए शासन सुधारों और विकास की प्रशंसा करते हुए कहा, "यह दूरदर्शी नेतृत्व ही है जो अधिकारियों को सही दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। सौभाग्य से हमारे देश में पिछले एक दशक से यह हो रहा है और आपके राज्य में भी हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, देश ने पिछले एक दशक में अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी और महिला विकास, महिला सशक्तीकरण में ऐसी उपलब्धि हासिल की हैं जो दुनिया के लिए ईर्ष्या का विषय हैं। हमारी जनजाति संस्कृति शानदार है, हमारी जनजाति संस्कृति हमारी संपदा है”
राज्य की आर्थिक प्रगति की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, "किसी राज्य की अर्थव्यवस्था का निर्धारण सकल राज्य घरेलू उत्पाद, जीएसडीपी से निर्धारित होता है। और इसके लिए मेघालय राज्य ने 13प्रतिशत की वृद्धि देखी है। साल दर साल 13प्रतिशत की वृद्धि बहुत प्रशंसनीय है। राज्य की अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए उनकी गहरी प्रतिबद्धता के लिए मुख्यमंत्री को बधाई। और अभी, यह अनुमानित है कि यह 66,000 करोड़ रुपये से अधिक है। मेघालय दिल से एक बड़ा राज्य है, लेकिन भौगोलिक रूप से उतना बड़ा नहीं है। लेकिन आपकी अर्थव्यवस्था का आकार अच्छा है। आपने एक बढ़ा लक्ष्य निर्धारित किया है। और आपका लक्ष्य है कि राज्य 2028 तक 10 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।"
समावेशी विकास के महत्व पर विचार व्यक्त करते हुए राज्य में अपार प्रतिभा और पर्यटन, खनन, आईटी, सेवा क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण है, मानव संसाधन का पोषण किया जाना चाहिए। मानव संसाधन को स्वतंत्र होना चाहिए। और उस श्रेणी में भी, सामाजिक विकास, आर्थिक विकास तब संतुलित होता है जब महिलाएं आगे आती हैं। मुझे बहुत खुशी और प्रसन्नता है कि रिवॉल्विंग फंड और संख्या दोनों के संबंध में दस गुना वृद्धि हुई है।"
मेघालय के मुख्यमंत्री श्री कोनराड संगमा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस बातचीत के दौरान उपस्थित थे ।
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(Release ID: 2128389)