नागरिक उड्डयन मंत्रालय
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भारत की विमानन क्रांति


क्षेत्रीय रनवे से वैश्विक मार्गों तक

Posted On: 22 APR 2025 6:19PM by PIB Delhi

विमानन क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है। इस क्षेत्र के माध्यम से हम अपने लोगों, संस्कृति और समृद्धि को जोड़ रहे हैं। 4 बिलियन लोगों, तेजी से बढ़ते मध्यम वर्ग और इसके परिणामस्वरूप मांग में हो रही वृद्धि  सहित यह क्षेत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरक शक्ति है।”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी

सारांश

  • भारत के विमानन पट्टे कानूनों को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाते हुए संसद ने विमान वस्तु हित संरक्षण विधेयक, 2025 पारित किया, ताकि पट्टे की लागतों में कमी लाई जा सके।
  • भारतीय वायुयान अधिनियम 2024 ने 1934 के औपनिवेशिक युग के विमान अधिनियम की जगह लेते हुए भारत के विमानन क्षेत्र का आधुनिकीकरण किया।
  • 2024 में एक ही दिन में 5 लाख से अधिक यात्रियों के साथ भारत के घरेलू हवाई यात्री यातायात  ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की।
  • उड़ान योजना ने अपने 9वें वर्ष में प्रवेश करते हुए, 619 मार्गों और 88 हवाई अड्डों का सफलतापूर्वक परिचालन शुरु कर दिया है, साथ ही उसकी 120 अतिरिक्त गंतव्यों तक विस्तार करने की योजना है।
  • कोलकाता और चेन्नई हवाई अड्डों पर उड़ान यात्री कैफे शुरू किए गए हैं, जो यात्रियों को किफ़ायती, गुणवत्तापूर्ण भोजन प्रदान करते हैं।
  • ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों को चालू करने और देश भर में मौजूदा सुविधाओं को उन्नत बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति के साथ, विमानन अवसंरचना का तेजी से विस्तार जारी है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारत के विमानन क्षेत्र में परिवर्तनकारी विकास और नवाचार के युग का सूत्रपात किया है। क्रांतिकारी विधायी सुधारों, अवसंरचना के व्यापक विस्तार तथा कनेक्टिविटी, सुरक्षा और स्थिरता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता से प्रेरित होकर मंत्रालय ने ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल करते हुए भारत को दुनिया के अग्रणी विमानन बाजारों में से एक बना दिया है। यह आलेख 2047 तक विकसित राष्ट्र - विकसित भारत @2047 बनने की भारत की महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति में सहायता करने को तत्‍पर मजबूत विमानन इकोसिस्‍टम को दर्शाते हुए मंत्रालय की रणनीतिक पहलों और प्रमुख उपलब्धियों की रूपरेखा प्रस्‍तुत करता है। निम्नलिखित खंड इस परिवर्तन के प्रमुख स्तंभों - विधायी, अवसंरचना, समावेशिता, स्थिरता और वैश्विक एकीकरण - पर प्रकाश डालते हैं, जो एक सक्षम विमानन महाशक्ति के रूप में भारत के उद्भव को रेखांकित करते हैं।

प्रणालीगत परिवर्तन को बढ़ावा दे रहे हैं विधायी सुधार

  • विमान वस्तु हित संरक्षण विधेयक, 2025 - यह महत्वपूर्ण कानून, जो नागरिक उड्डयन मंत्री श्री राम मोहन नायडू के माध्‍यम से निर्देशित और अप्रैल 2025 में संसद में पारित किया गया, भारत के विमान पट्टे और वित्तपोषण ढांचे को केप टाउन कन्वेंशन, 2001 द्वारा निर्धारित अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाता है। कानूनी प्रवर्तन में मौजूद खामियों को दूर करते हुए यह विधेयक को भारतीय वाहकों के लिए विमान पट्टे की लागत में कमी लाने के लिए रणनीतिक रूप से तैयार किया गया है, जो पहले अन्य देशों की तुलना में 8-10 प्रतिशत  अधिक थी। इससे भारत के तेजी से बढ़ते विमानन बाजार में निवेशकों का विश्वास काफी हद तक बढ़ने की संभावना है। विधेयक के इच्छित प्रभाव में यात्रियों और शिपर्स के लिए कम जोखिम प्रीमियम, कम ब्याज दरें और पट्टे की लागत शामिल हैं। इसका उद्देश्य घरेलू लीजिंग हब के विकास को बढ़ावा देते हुए बेहतर अनुबंध प्रवर्तनीयता और पुनर्प्राप्ति निश्चितता भी है।
  • भारतीय वायुयान अधिनियम 2024 - यह ऐतिहासिक अधिनियम 2024 में संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया और 1 जनवरी 2025 को लागू हो गया। यह औपनिवेशिक युग के विमान अधिनियम, 1934 को पुन: लागू करते हुए और उसे अद्यतन करते हुए भारत के विमानन क्षेत्र को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अधिनियम का उद्देश्य ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहलों के तहत स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देते हुए विनियमों  को शिकागो कन्वेंशन और अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) जैसे अंतर्राष्ट्रीय कन्‍वेंशन के साथ संरेखित करना और लाइसेंस जारी करने को सरल बनाकर नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित बनाना है। यह अतिरिक्‍तताओं को भी हटाता है और अपील के लिए प्रावधान प्रस्‍तुत करता है।

बुनिया

 

दी ढांचे का विस्तार: भारतीय विमानन के भविष्य का निर्माण

  • नए टर्मिनल क्षमता की नींव रखी गई: वाराणसी, आगरा, दरभंगा और बागडोगरा जैसे प्रमुख स्थानों पर नए टर्मिनलों की नींव रखे जाने सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का विकास जारी है।
  • ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों का परिचालन: वर्ष 2014 से, 'सैद्धांतिक रूप से' स्वीकृत 21 हवाई अड्डों में से 12 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों का परिचालन किया जा चुका है। इनमें दुर्गापुर, शिरडी, कन्नूर, पाकयोंग, कलबुर्गी, ओर्वाकल (कुरनूल), सिंधुदुर्ग, कुशीनगर, ईटानगर (होलोंगी), मोपा, शिवमोग्गा और राजकोट (हीरासर) शामिल हैं। इसके अलावा, नोएडा (जेवर) और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों का विकास तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिनका वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में परिचालन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सरकार ने अगले 5 वर्षों में 50 और हवाई अड्डे विकसित करने और अगले 10 वर्षों में 120 नए गंतव्यों को जोड़ने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।
  • हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण पूंजीगत व्यय: राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) के तहत वित्त वर्ष 2019-20 से वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 91,000 करोड़ रुपये से अधिक के पर्याप्त पूंजीगत व्यय की योजना बनाई गई है, जिसमें से नवंबर 2024 तक लगभग 82,600 करोड़ रुपये पहले ही खर्च किए जा चुके हैं।

आरसीएस-उड़ान: हवाई यात्रा को सबके लिए सुलभ बनाना और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना

  • भारत को जोड़ रही है आरसीएस-उड़ान : अक्टूबर 2016 में शुरुआत के बाद से क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) - उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) अपने 9वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है। इसके तहत  619 मार्गों को चालू किया गया है और देश भर में 88 हवाई अड्डों को जोड़ा गया है। यह योजना किफायती हवाई यात्रा और संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता को साकार करती है।
  • क्षेत्रीय संपर्क का विस्तार: अकेले 2024 में, 102 नए आरसीएस मार्ग शुरू किए गए, जिनमें से 20 पूर्वोत्तर राज्यों में हैं। इस योजना ने 1.5 करोड़ यात्रियों के लिए किफायती हवाई यात्रा को सुगम बनाया है, और इसका लक्ष्य 120 नए गंतव्यों को जोड़ने वाली एक संशोधित उड़ान पहल के माध्यम से अगले दशक में इसे 4 करोड़ और तक विस्‍तारित करना है। यह योजना हेलीपैड और छोटे हवाई अड्डों के लिए सहायता के माध्यम से पूर्वोत्तर क्षेत्र सहित दूरस्थ, पहाड़ी और आकांक्षी जिलों को जोड़ने को भी प्राथमिकता देती है।
  • उड़ान यात्री कैफ़े के साथ हवाई अड्डों पर किफ़ायती भोजन: हवाई यात्रा को सबके लिए सुलभ बनाने के माननीय प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप हवाई अड्डों पर किफ़ायती और गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्‍य से उड़ान यात्री कैफ़े पहल की शुरुआत की गई। कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और चेन्नई हवाई अड्डे पर कैफ़े शुरु किए गए हैं, जहाँ चाय 10 रुपये में और समोसा 20 रुपये में मिलता है। कोलकाता कैफ़े को काफ़ी सफलता मिली है, जिसके कारण इस पहल का देश भर में विस्तार हुआ है।

यात्री यातायात में तेजी से वृद्धि क्षेत्रीय गति को दर्शाती है

  • घरेलू यात्रियों में तेजी से वृद्धि: 2024 में घरेलू हवाई यात्री यातायात दोगुना से अधिक होकर 22 करोड़ 81 लाख हो गया, जो 2014 से पहले 65 वर्षों में दर्ज 10 करोड़ 38 लाख यात्रियों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है। 17 नवंबर, 2024 को पहली बार एक ही दिन में 5 लाख से अधिक यात्रियों के साथ ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए, 2024 की जनवरी-नवंबर अवधि में घरेलू हवाई यात्री यातायात में 2023 की इसी अवधि की तुलना में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की गई।
  • अंतर्राष्ट्रीय यातायात में मजबूत वृद्धि: अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर भी पर्याप्त वृद्धि देखी गई, जनवरी और नवंबर 2024 के बीच 64.5 मिलियन यात्रियों ने यात्रा की, जो 11.4 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
  • भारत का शीर्ष वैश्विक विमानन बाजार के रूप में उद्भव : हवाई यात्रियों की सालाना कुल संख्या 350 मिलियन से अधिक हो गई है, जिसने भारत को वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बना दिया है। पिछले एक दशक में, घरेलू हवाई यात्री यातायात में सालाना 10-12 प्रतिशत  की वृद्धि हुई है।

सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और निर्बाध यात्रा

  • अत्याधुनिक डीएफडीआर और सीवीआर प्रयोगशाला का उद्घाटन: नई दिल्ली में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) में एडवांस्‍ड डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (डीएफडीआर और सीवीआर) प्रयोगशाला का उद्घाटन विमानन सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। 9 करोड़ रुपये की यह सुविधा घटनाओं के मूल कारणों की पहचान करने और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दक्षता को महत्वपूर्ण रूप से बेहतर बनाएगी, जिससे एक सुरक्षित विमानन इकोसिस्‍टम में योगदान मिलेगा। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने इस महत्वपूर्ण प्रयोगशाला की स्थापना में सहायता प्रदान की है।
  • निर्बाध यात्रा के लिए डिजी यात्रा का विस्तार: 24 हवाई अड्डों पर डिजी यात्रा सेवाओं ने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा में उल्लेखनीय वृद्धि की है। यह पहल यात्रियों को निर्बाध, संपर्क रहित यात्रा का अनुभव प्रदान करती है। 80 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं ने यह ऐप डाउनलोड किया है, और डिजी यात्रा सुविधा का उपयोग करके 4 करोड़ से अधिक यात्राएँ पूरी की गई हैं।
  • सीप्लेन संचालन के लिए दिशा-निर्देश जारी: भारत में क्षेत्रीय संपर्क को और बेहतर बनाने के लिए 22 अगस्त 2024 को सीप्लेन संचालन हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए। ये दिशा-निर्देश सुरक्षा और संरक्षा को प्राथमिकता देते हैं और इनका उद्देश्य पूरे देश में सीप्लेन संचालन की शुरुआत को सुगम बनाना है। उड़ान राउंड 5.5 में 50 से अधिक जल निकायों से सीप्लेन संचालन के लिए बोलियाँ आमंत्रित की गई हैं।

स्थिरता और क्षमता निर्माण: भविष्य के लिए तैयारी

  • हवाई अड्डों पर हरित ऊर्जा अपनाने को बढ़ावा देना : मंत्रालय सक्रिय रूप से संधारणीय विमानन को बढ़ावा देता है, जिसके तहत लगभग 80 हवाई अड्डे अब 100 प्रतिशत  हरित ऊर्जा पर परिचालन  कर रहे हैं। 100 से अधिक हवाई अड्डों को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर ले जाने की आकांक्षा है। एयरपोर्ट्स काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) द्वारा बेंगलुरु हवाई अड्डे ने उच्चतम कार्बन मान्यता स्तर 5 प्राप्त किया है, जबकि दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद हवाई अड्डों ने कार्बन न्‍यूट्रल बनने के लिए स्तर 4+ मान्यता प्राप्त की है। चेन्नई हवाई अड्डा भी पूरी तरह से हरित ऊर्जा पर काम करता है और इसमें 1.5 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र है।
  • पायलटों की बढ़ती मांग को पूरा करना: प्रशिक्षित पायलटों की बढ़ती आवश्यकता, जिसके अगले 10-15 वर्षों में 30,000 से 34,000 तक पहुँचने का अनुमान है, को देखते हुए मंत्रालय उड़ान प्रशिक्षण संगठनों (एफटीओ) और सालाना जारी होने वाले वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस की संख्या बढ़ाने पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
  • विमानन क्षेत्र में करियर के लिए छात्रों का मार्गदर्शन: नागरिक उड्डयन  मंत्री श्री राम मोहन नायडू ने भावी प्रतिभाओं को निखारने के लिए भारतीय विमानन अकादमी में स्कूली छात्रों के लिए 'विमानन क्षेत्र में करियर के लिए मार्गदर्शन कार्यक्रम' लॉन्‍च किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को इस क्षेत्र में मौजूद करियर के विविध अवसरों के बारे में प्रेरित और शिक्षित करना है। नागरिक उड्डयन मंत्री ने पायलटों की महत्वपूर्ण मांग और घरेलू प्रतिभाओं को विकसित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

विमानन विकास में अतिरिक्त उपलब्धियाँ

  • रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ): भारत को प्रतिस्पर्धी वैश्विक एमआरओ हब के रूप में बढ़ावा देने के लिए विमान के कल-पुर्जों के लिए समान 5 प्रतिशत  एकीकृत माल और सेवा कर (आईजीएसटी) दर शुरू की गई है।
  • महिलाओं का समावेशन: भारत में 13-18 प्रतिशत  महिला पायलट  हैं, जो वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 2025 तक सभी विमानन भूमिकाओं में महिलाओं का 25 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
  • अंतर्राष्ट्रीय मान्यता: नागरिक उड्डयन पर दूसरा एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन नई दिल्ली में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया, जिसका समापन दिल्ली घोषणापत्र के साथ हुआ।
  • एयर कार्गो इंफ्रास्ट्रक्चर: वित्त वर्ष 2024 में कार्गो हैंडलिंग क्षमता 8 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुँच गई, जो कि खराब होने वाली वस्तुओं के भंडारण और सुव्यवस्थित सीमा शुल्क प्रोटोकॉल पर नए फोकस के साथ सालाना 10प्रतिशत + की दर से बढ़ रही है।

 विकसित भारत @2047 के लिए मार्ग प्रशस्त करना

 

भारत को वैश्विक स्‍तर पर विमानन क्षेत्र में अग्रणी देश के रूप में स्थापित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध नागरिक उड्डयन मंत्रालय दूरदर्शी नीतियों, विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और समावेशी, सतत विकास के माध्यम से परिवर्तनकारी बदलाव ला रहा है। जिस तरह भारत यात्री यातायात में नए रिकॉर्ड कायम करना, क्षेत्रीय संपर्क का विस्तार करना और विमानन ढांचे का आधुनिकीकरण करना जारी रखे हुए है, राष्ट्र ऊर्जावान  वैश्विक विमानन केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। ये सम्मिलित प्रयास लाखों लोगों के लिए यात्रा के अनुभव को बेहतर बनाते हैं और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देते हैं, राष्ट्रीय एकीकरण को मजबूती प्रदान करते हैं और भारत को विकसित राष्ट्र बनने - विकसित भारत@2047 के अपने विजन की ओर आत्मविश्वास से उड़ान भरने के लिए सशक्त बनाते हैं। 

संदर्भ

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