वस्त्र मंत्रालय
वस्त्र एवं परिधान के वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 3.9 प्रतिशत
वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल-अक्टूबर की अवधि के दौरान कुल 21,358 मिलियन डॉलर के निर्यात में से 8,733 मिलियन डॉलर के निर्यात के साथ रेडीमेड गारमेंट्स (आरएमजी) का कुल निर्यात में सबसे बड़ा हिस्सा (41 प्रतिशत), सूती वस्त्र (33 प्रतिशत, 7,082 मिलियन डॉलर), मानव निर्मित वस्त्र (15 प्रतिशत, 3,105 मिलियन डॉलर) का स्थान है
वित्त वर्ष 2022-23 में 10,481 मिलियन डॉलर की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में (8,946 मिलियन डॉलर) के दौरान भारत में वस्त्र और परिधान उत्पादों का आयात लगभग 15 प्रतिशत कम हुआ है
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02 JAN 2025 12:16PM by PIB Delhi
भारत वर्ष 2023 में दुनिया में वस्त्र और परिधान का छठा सबसे बड़ा निर्यातक है। भारत के कुल निर्यात में हस्तशिल्प सहित वस्त्र और परिधान (टीऔरए) की हिस्सेदारी वर्ष 2023-24 में उल्लेखनीय 8.21प्रतिशत है। वस्त्र और परिधान के वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 3.9 प्रतिशत है। भारत के लिए प्रमुख वस्त्र और परिधान निर्यात गंतव्य संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ हैं और कुल वस्त्र और परिधान निर्यात में इनकी हिस्सेदारी लगभग 47 प्रतिशत है। भारत एक प्रमुख वस्त्र और परिधान निर्यातक देश है और व्यापार अधिशेष का लाभ उठाता है। आयात का बड़ा हिस्सा पुनः निर्यात या कच्चे माल की उद्योग आवश्यकता की पूर्ति के लिए होता है।
उल्लेखनीय है कि निर्यात मांग और आपूर्ति का एक कार्य है और वैश्विक मांग, आंतरिक खपत और मांग, ऑर्डर प्रवाह, लॉजिस्टिक्स आदि जैसे कारकों पर निर्भर करता है। निर्यात कई भू-राजनीतिक स्थितियों (जैसे लाल सागर संकट, बांग्लादेश संकट आदि) से भी प्रभावित होता है। वित्त वर्ष 2024 में मुख्य रूप से लाल सागर के आसपास भू-राजनीतिक संकटों के कारण निर्यात शुरू में कम रहा। इस कारण जनवरी, फरवरी और मार्च 2024 के दौरान निर्यात पर प्रभाव पड़ा।
हस्तशिल्प सहित वस्त्र एवं परिधान का निर्यात (अप्रैल-अक्टूबर)
मूल्य मिलियन अमरीकी डॉलर में
माल
|
अक्टूबर-23
|
अक्टूबर-24
|
प्रतिशत परिवर्तन
|
अप्रैल-अक्टूबर 2023
|
अप्रैल-अक्टूबर 2024
|
परिवर्तन
(प्रतिशत में)
|
रेडीमेड परिधान
|
909
|
1227
|
35 प्रतिशत
|
7,825
|
8,733
|
12 प्रतिशत
|
सूती वस्त्र
|
1005
|
1049
|
4 प्रतिशत
|
7,014
|
7,082
|
1 प्रतिशत
|
मानव निर्मित वस्त्र
|
414
|
474
|
14 प्रतिशत
|
2,958
|
3,105
|
5 प्रतिशत
|
ऊनी एवं ऊनी वस्त्र
|
16
|
14
|
-11 प्रतिशत
|
117
|
95
|
-19 प्रतिशत
|
रेशम उत्पाद
|
13
|
14
|
5 प्रतिशत
|
70
|
98
|
40 प्रतिशत
|
हथकरघा उत्पाद
|
12
|
13
|
4 प्रतिशत
|
89
|
84
|
-6 प्रतिशत
|
कालीन
|
126
|
147
|
17 प्रतिशत
|
795
|
893
|
12 प्रतिशत
|
जूट उत्पाद
|
25
|
36
|
44 प्रतिशत
|
218
|
220
|
1 प्रतिशत
|
कुल वस्त्र एवं परिधान
|
2,520
|
2,974
|
18 प्रतिशत
|
19,087
|
20,309
|
6 प्रतिशत
|
हस्तशिल्प
|
129
|
171
|
33 प्रतिशत
|
921
|
1,050
|
14 प्रतिशत
|
हस्तशिल्प सहित कुल वस्त्र और परिधान
|
2,649
|
3,144
|
19 प्रतिशत
|
20,007
|
21,358
|
7 प्रतिशत
|
स्रोत: डीजीसीआईएस, अनंतिम डेटा
वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि ( 21,358 मिलियन डॉलर) के दौरान कपड़ा और परिधान (हस्तशिल्प सहित) के समग्र निर्यात में वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि ( 20,007 मिलियन डॉलर) की तुलना में 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान कुल निर्यात ( 21,358 मिलियन डॉलर) में 8,733 मिलियन डॉलर के निर्यात के साथ रेडीमेड गारमेंट्स (आरएमजी) श्रेणी की सबसे बड़ी हिस्सेदारी (41प्रतिशत) है, इसके बाद सूती वस्त्र (33 प्रतिशत, 7,082 मिलियन डॉलर), मानव निर्मित वस्त्र (15 प्रतिशत, 3,105 मिलियन डॉलर) हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान सभी प्रमुख वस्तुओं के निर्यात में वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि की तुलना में वृद्धि देखी गई है, सिवाय ऊन और हथकरघा के, जिनमें क्रमशः 19 प्रतिशत और 6 प्रतिशत की गिरावट आई है।
हस्तशिल्प सहित वस्त्र एवं परिधान का आयात (अप्रैल-अक्टूबर)
मूल्य मिलियन अमरीकी डॉलर में
माल
|
अक्टूबर-23
|
अक्टूबर-24
|
प्रतिशत परिवर्तन
|
अप्रैल-अक्टूबर 2023
|
अप्रैल-अक्टूबर 2024
|
परिवर्तन
(प्रतिशत में)
|
रेडीमेड परिधान
|
162
|
183
|
13 प्रतिशत
|
934
|
951
|
2 प्रतिशत
|
सूती वस्त्र
|
209
|
310
|
48 प्रतिशत
|
1,529
|
1,721
|
13 प्रतिशत
|
मानव निर्मित वस्त्र
|
342
|
297
|
-13 प्रतिशत
|
2,127
|
1,859
|
-13 प्रतिशत
|
ऊनी एवं ऊनी वस्त्र
|
30
|
28
|
-8 प्रतिशत
|
219
|
197
|
-10 प्रतिशत
|
रेशम उत्पाद
|
15
|
16
|
5 प्रतिशत
|
130
|
102
|
-21 प्रतिशत
|
हथकरघा उत्पाद
|
0
|
0
|
34 प्रतिशत
|
1
|
1
|
56 प्रतिशत
|
कालीन
|
4
|
4
|
0 प्रतिशत
|
19
|
21
|
12 प्रतिशत
|
जूट उत्पाद
|
20
|
24
|
20 प्रतिशत
|
179
|
151
|
-16 प्रतिशत
|
कुल वस्त्र एवं परिधान
|
783
|
861
|
10 प्रतिशत
|
5,138
|
5,004
|
-3 प्रतिशत
|
हस्तशिल्प
|
34
|
44
|
29 प्रतिशत
|
326
|
421
|
29 प्रतिशत
|
हस्तशिल्प सहित कुल वस्त्र और परिधान
|
817
|
905
|
11 प्रतिशत
|
5,464
|
5,425
|
-1 प्रतिशत
|
स्रोत: डीजीसीआईएस, अनंतिम डेटा
भारत द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 ( 8,946 मिलियन डॉलर) के दौरान वस्त्र और परिधान उत्पादों का आयात वित्त वर्ष 2022-23 ( 10,481 मिलियन डॉलर) की तुलना में लगभग 15 प्रतिशत कम हुआ है।
वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि ( 5,425 मिलियन डॉलर) के दौरान कपड़ा और परिधान (हस्तशिल्प सहित) का कुल आयात वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि (5,464 मिलियन डॉलर) की तुलना में 1 प्रतिशत घटा है।
वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान कुल आयात ( 5,425 मिलियन डॉलर) में 1859 मिलियन डॉलर के आयात के साथ मानव निर्मित वस्त्र श्रेणी की सबसे बड़ी हिस्सेदारी (34 प्रतिशत) है, इस क्षेत्र में मांग-आपूर्ति में अंतर देखा गया है।
आयात में वृद्धि मुख्य रूप से सूती वस्त्रों में देखी गई है, जिसका मुख्य कारण लंबे रेशे वाले कपास फाइबर का आयात है और आयात की ऐसी प्रवृत्ति बढ़ती खपत और आत्मनिर्भरता के बीच देश में उत्पादन क्षमता में वृद्धि की ओर संकेत करती है।
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एमजी/आरपीएम/केसी/एजे/एनजे
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