आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय
अपशिष्ट नहीं, उत्सव अधिक: 25वें हॉर्नबिल महोत्सव ने स्थिरता का मार्ग प्रशस्त किया!
Posted On:
11 DEC 2024 5:26PM by PIB Delhi
“त्योहारों के त्योहार” के रूप में मनाए जाने वाले 25वें हॉर्नबिल महोत्सव ने इस वर्ष शून्य-अपशिष्ट और एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक (एसयूपी) से मुक्त होकर स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। नागालैंड की समृद्ध संस्कृति, संगीत और परंपराओं को प्रदर्शित करने के लिए जाना जाने वाला, यह महोत्सव पर्यावरण के अनुकूल कार्यक्रम प्रबंधन का एक सशक्त उदाहरण स्थापित कर रहा है। प्रतिदिन दो लाख से अधिक आगंतुकों के साथ, यह पहल पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ कार्यप्रणालियों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का प्रतीक है।
इस वर्ष हॉर्नबिल महोत्सव का उद्घाटन नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने किया। यह महोत्सव स्थिरता से संबंधित वैश्विक लक्ष्यों के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य भारत में पर्यावरण के अनुकूल आयोजनों के लिए एक मानक (बेंचमार्क) बनना है। अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़ी सख्त कार्यप्रणालियों को लागू करके और समुदायों को शामिल करके, इसने सांस्कृतिक समारोहों का सामंजस्य पर्यावरण संरक्षण के साथ बिठाने का मार्ग प्रशस्त किया है।
इस महोत्सव को शून्य-अपशिष्ट वाला और एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक (एसयूपी) से मुक्त कार्यक्रम बनाने हेतु कई प्रभावशाली उपाय अपनाए गए।
पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के प्रयास में स्ट्रॉ, डिस्पोजेबल प्लेट, कप और प्लास्टिक बैग सहित एकल-उपयोग वाले सभी प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इस पहल का समर्थन करने हेतु विक्रेताओं को बांस के स्ट्रॉ, बायोडिग्रेडेबल कटलरी, पत्ती-आधारित प्लेट और पेपर बैग जैसे टिकाऊ विकल्पों का उपयोग करने की आवश्यकता थी, जो पर्यावरण के अनुकूल और खाद बनाने योग्य हैं। इन विकल्पों ने अपशिष्ट को कम करने और हरे-भरे व स्वच्छ वातावरण को बढ़ावा देने में मदद की। इस पहल की सफलता सुनिश्चित करने हेतु, समर्पित प्रवर्तन टीमों और स्वयंसेवकों ने अनुपालन के लिए आयोजन स्थल की सक्रिय रूप से निगरानी की। वे विक्रेताओं के साथ जुड़े रहे, मार्गदर्शन प्रदान करते रहे और यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित जांच करते रहे कि केवल अनुमोदित सामग्रियों का ही उपयोग हो। आगंतुकों को पर्यावरण के प्रति जागरूक विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु शिक्षाप्रद संकेत लगाए गए और जागरूकता अभियान भी चलाए गए, जिससे स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता और अधिक मजबूत हुई।
एक व्यापक अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली स्थापित की गई, जिसकी शुरुआत स्रोत पर अपशिष्ट के पृथक्करण से हुई। गीले, सूखे एवं पुनर्चक्रण योग्य कचरे के लिए लेबल वाले डिब्बे पूरे आयोजन स्थल पर रखे गए और प्रशिक्षित स्वयंसेवक आगंतुकों को समुचित निपटान सुनिश्चित करने में सहायता तथा व्यवहार में परिवर्तन लाने को प्रोत्साहित कर रहे थे। सूखे कचरे की छंटाई का एक समर्पित केन्द्र एकत्रित सामग्री को प्लास्टिक, कागज, कांच और धातु जैसी श्रेणियों में संसाधित किया और पुनर्चक्रण योग्य वस्तुओं को अधिकृत केन्द्रों में भेजा गया। गीले कचरे को कंपोस्टिंग इकाइयों का उपयोग करके साइट पर संसाधित किया गया, जिससे खाद का उत्पादन हुआ जो स्थानीय कृषि क्षेत्रों एवं सामुदायिक उद्यानों के लिए लाभकारी होगा और जिससे एक चक्रीय अपशिष्ट प्रबंधन मॉडल तैयार होगा।
अपशिष्ट को और कम करने हेतु, खाद्य स्टालों पर केले के पत्तों और खोई-आधारित प्लेटों जैसे दोबारा उपयोग या खाद बनाने योग्य बर्तनों का उपयोग किया गया, जबकि आगंतुकों को अपने स्वयं के बर्तन लाने या कार्यक्रम स्थल पर दोबारा उपयोग योग्य बर्तन खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया गया। प्लास्टिक की बोतलों के उपयोग को हतोत्साहित करने हेतु पूरे उत्सव स्थल पर पानी भरने वाले स्टेशन स्थापित किए गए और आगंतुकों को अपनी स्वयं की दोबारा उपयोग योग्य बोतलें लाने के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिसमें खरीदकर दोबारा पानी भरने योग्य विकल्प उपलब्ध हैं। इसके अलावा, हॉर्नबिल महोत्सव में 42 शौचालय स्थापित किए गए, जिनमें से 36 मोरुंग (खाद्य क्षेत्र) में और 6 सार्वजनिक स्थानों पर स्थित थे। पूरे आयोजन के दौरान इन शौचालयों की नियमित रूप से सफाई और रखरखाव किया गया।
आईईसी अभियानों ने महोत्सव के दौरान स्थायी व्यवहार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पूरे आयोजन स्थल पर जानकारीपूर्ण प्रदर्श (डिस्प्ले) लगाए गए, जिससे आगंतुकों को पर्यावरण के अनुकूल कार्यप्रणालियों को अपनाने से संबंधित वास्तविक समय में दिशानिर्देश और व्यावहारिक सुझाव मिले। इसके अतिरिक्त, स्वयंसेवकों ने उपस्थित लोगों को शून्य-अपशिष्ट प्रोटोकॉल को समझने और उसका अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए मौके पर जागरूकता सत्र आयोजित किए।
हॉर्नबिल महोत्सव के शून्य-अपशिष्ट दृष्टिकोण ने महत्वपूर्ण पर्यावरणीय प्रभावों को जन्म दिया है। विशेष रूप से एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक (एसयूपी) कचरे में कमी आई है। प्रत्येक दिन लगभग एक लाख एसयूपी वस्तुओं का उपयोग करने से रोका गया और इस 10-दिवसीय उत्सव के दौरान कुल मिलाकर लगभग 10 लाख कम वस्तुएं उपयोग में लाई गईं, जिससे उक्त क्षेत्र में प्लास्टिक प्रदूषण में काफी कमी आई। इसके अतिरिक्त, एसयूपी के उपयोग को समाप्त करके, इस महोत्सव ने संभवतः 50 मीट्रिक टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को रोक लिया, जिससे इसके कार्बन उत्सर्जन में कमी आई। पर्यावरण के अनुकूल सामग्रियों की स्थानीय सोर्सिंग ने परिवहन-संबंधी उत्सर्जन को और कम कर दिया। इसके अलावा, प्लास्टिक कचरे को रोककर, इस महोत्सव ने मीथेन एवं एथिलीन जैसी हानिकारक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में मदद की और इस प्रकार वैश्विक जलवायु लक्ष्यों के साथ तालमेल बिठाया तथा नागालैंड में वायु गुणवत्ता में सुधार किया। इस महोत्सव ने छंटाई केन्द्रों को स्थापित करके और पुनर्चक्रण को प्रोत्साहित करके एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दिया, जिसमें कागज, कांच और धातुओं जैसी पुनर्चक्रण योग्य सामग्रियों को अधिकृत केन्द्रों में भेजा गया, जिससे संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित हुआ और ऊर्जा की खपत कम हुई।
नागालैंड में हॉर्नबिल महोत्सव की शून्य-अपशिष्ट पहल की सफलता दुनिया भर में बड़े पैमाने के आयोजनों के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर सकती है। त्योहारों, संगीत समारोहों और सार्वजनिक समारोहों में इसी प्रकार के उपायों को अपनाकर, हम पर्यावरणीय क्षति को काफी हद तक कम कर सकते हैं, इकोसिस्टम की रक्षा कर सकते हैं और जलवायु परिवर्तन से निपट सकते हैं। यह पहल न केवल नागालैंड के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि जलवायु परिवर्तन और प्लास्टिक प्रदूषण के विरुद्ध लड़ाई में वैश्विक समुदाय के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है।
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