स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

भारत भर में विश्व सिकल सेल रोग जागरूकता दिवस मनाया गया


सिकल सेल रोग के लिए 6,15,806 व्यक्तियों की जांच की गई, जांच किए गए लाभार्थियों को 2,59,193 सिकल सेल स्थिति पहचान पत्र वितरित किए गए

पिछले वर्ष राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन की शुरुआत के बाद से कुल 3,39,77,877 व्यक्तियों की सिकल सेल के लिए जांच की गई और 1,12,01,612 सिकल सेल स्थिति पहचान पत्र वितरित किए गए

राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया जागरूकता दिवस के तहत पूरे भारत के 17 राज्यों और 343 जिलों में 44,751 कार्यक्रम आयोजित किए गए

Posted On: 20 JUN 2024 3:50PM by PIB Delhi

19 जून को विश्व सिकल सेल रोग (एससीडी) जागरूकता दिवस के अवसर पर, इस बीमारी के बारे में जागरूकता पैदा करने और सिकल सेल रोग को फैलने से रोकने के लिए देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।

पिछले वर्ष राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन (एनएससीएईएम) की शुरुआत के बाद से, पोर्टल पर आज तक कुल 3,39,77,877 जांच रिकॉर्ड अपलोड किए गए हैं और राज्यों ने कुल 1,12,01,612 सिकल सेल स्थिति पहचान पत्र वितरित किए हैं।

सिकल सेल दिवस पर, एनएससीएईएम के तहत देश भर में अधिक मामलों वाले 17 राज्यों और 343 जिलों में 44,751 कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों के दौरान आयोजित गतिविधियों के एक हिस्से के रूप में, सिकल सेल रोग के लिए 6,15,806 व्यक्तियों की जांच की गई और जांच किए गए लाभार्थियों को 2,59,193 सिकल सेल स्थिति पहचान पत्र वितरित किए गए।

सिकल सेल रोग को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार “जागरूकता पैदा करने, सार्वभौमिक जांच, प्रारंभिक पहचान और उचित देखभाल जैसे पहलुओं पर काम कर रही है।“ उन्होंने कहा कि सरकार इस क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की शक्ति का भी लाभ उठा रही है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे पी नड्डा ने दोहराया कि सरकार सिकल सेल रोग से निपटने के लिए "प्रगति के माध्यम से आशा: वैश्विक सिकल सेल देखभाल और उपचार को आगे बढ़ाना" के मंत्र के अनुसार काम कर रही है। उन्होंने रेखांकित किया कि सरकार के प्रयास "शीघ्र निदान को बढ़ावा देने, उपचार तक पहुंच सुनिश्चित करने और प्रभावित लोगों के लिए देखभाल की गुणवत्ता को बढ़ाने पर केंद्रित हैं।"

कल से शुरू हुई जागरूकता गतिविधियाँ, अगले 15 दिनों (19 जून से 3 जुलाई) तक 17 चिन्हित एससीडी राज्यों के 343 जिलों में स्थित सभी सुविधा केन्द्रों पर जारी रहेंगी। अगले 15 दिनों का लक्ष्य 10,00,000 व्यक्तियों की जांच करना और जांच किये गए व्यक्तियों को 3,00,000 सिकल सेल स्थिति पहचान पत्र वितरित करना है।

बिहार के महाराजगंज, सिवान में अनुमंडल अस्पताल द्वारा सिकल सेल रोग के खिलाफ समुदायों को सशक्त बनाने के लिए जागरूकता शिविर आयोजित किए गए।

 

जिला-स्तरीय कार्यक्रमों में अधिकतम संख्या में रोगियों को परामर्श देने और जन जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित करने जैसे कार्यक्रम शामिल होंगे। इसके साथ ही, गुणवत्तापूर्ण उपचार और अनुवर्ती कार्रवाई सुविधा प्रदान करके प्रबंधन की दिशा में गहन प्रयास किए जाएंगे।

इन आयोजनों का एक प्रमुख उद्देश्य है - जनजातीय कार्य मंत्रालय (एमओटीए) को उसकी विभिन्न जागरूकता-सृजन गतिविधियों में सहयोग देना।

उपर्युक्त उद्देश्यों को पूरा करने के लिए आयोजित राज्य कार्यक्रम निम्नलिखित हैं:

मध्य प्रदेश: उपराष्ट्रपति ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ डिंडोरी जिले में आयोजित उद्घाटन समारोह में भाग लिया, जिसमें 11,000 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया।

छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और जनजातीय मंत्री के साथ रायपुर जिले के भीमराव अंबेडकर सरकारी मेडिकल कॉलेज में कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने रायपुर में विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

 

कर्नाटक: कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने मैसूर जिले में विश्व सिकल सेल दिवस कार्यक्रमों का उद्घाटन किया।

झारखंड: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने रांची जिले में विश्व सिकल सेल दिवस कार्यक्रमों का उद्घाटन किया।

झारखंड में सिकल सेल एनीमिया के लिए जांच शिविर का आयोजन किया गया।

 

अन्य राज्यों में, विभिन्न मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रमों में शामिल हुए।

गुजरात में विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस कार्यक्रम का आयोजन

उत्तराखंड में सिकल सेल एनीमिया जांच के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

 

तमिलनाडु के तिरुपति जिले के जनजातीय क्षेत्र में नरेगा श्रमिकों के बीच सिकल सेल रोग जागरूकता अभियान का आयोजन

उत्तर प्रदेश में सिकल सेल जागरूकता शिविर का आयोजन

 

पृष्ठभूमि:

सिकल सेल रोग (एससीडी) एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जिसमें असामान्य लाल रक्त कोशिकाएँ होती हैं, जो अर्धचंद्राकार या दरांती के आकार की हो जाती हैं। ये अनियमित आकार की कोशिकाएँ रक्त वाहिकाओं में रुकावट पैदा कर सकती हैं, जिससे कई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएँ हो सकती हैं। दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली यह बीमारी, भारत में जनजातीय आबादी को असमान रूप से प्रभावित करती है।

देश में एससीडी की गंभीर समस्या से निपटने के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 1 जुलाई 2023 को मध्य प्रदेश के शहडोल में राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन (एनएससीएईएम) का शुभारंभ किया था। मिशन का उद्देश्य सभी एससीडी रोगियों को किफायती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण देखभाल प्रदान करना, एससीडी के प्रसार को कम करना और 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करना है। एनएससीएईएम ने एससीडी के उच्च प्रसार वाले 17 राज्यों की पहचान की है, अर्थात गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, असम, उत्तर प्रदेश, केरल, बिहार और उत्तराखंड।

मिशन 0-40 वर्ष की आयु के व्यक्तियों की जांच और प्रबंधन पर केंद्रित है। प्रभावित लोगों और उनके परिवारों पर एससीडी के प्रभाव को कम करने का प्रयास करते हुए, मिशन पूरी सरकार और पूरे समाज के दृष्टिकोण के साथ पूर्ण समर्थन और सक्रिय सहयोग प्रदान करता है। बीमारी को खत्म करने के लिए, रणनीतिक हस्तक्षेपों में सार्वभौमिक जांच और प्रारंभिक पहचान, जागरूकता पैदा करना, विवाह पूर्व परामर्श तथा प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल स्तरों पर प्रभावित व्यक्तियों का समग्र प्रबंधन शामिल हैं।

राज्यों द्वारा किए जाने वाले जांच प्रयासों की नियमित रूप से निगरानी की जाती है। सभी राज्यों द्वारा जांच किये गए डेटा को संकलित करने के लिए एक डैशबोर्ड और सिकल सेल रोग पोर्टल लॉन्च किया गया है (https://sickle.nhm.gov.in/)। जांच के पारंपरिक तरीकों के अलावा, जांच-बिंदु (पॉइंट-ऑफ-केयर) परीक्षणों को आईसीएमआर द्वारा अनुमोदित और मान्य किया गया है और राज्य इनका उपयोग कर रहे हैं। राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के तहत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने निम्नलिखित पर दिशा-निर्देश और प्रशिक्षण सामग्री जारी की है: सिकल सेल रोग की रोकथाम और प्रबंधन के लिए परिचालन दिशानिर्देश (https://sickle.nhm.gov.in/uploads/english/OperationalGuidelines.pdf), और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ), चिकित्सा अधिकारियों, बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ताओं (एम/एफ)/आशा और स्टाफ नर्सों को प्राथमिक देखभाल से जुड़े प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल (https://sickle.nhm.gov.in/home/guidelines)।

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