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सी.बी.आई.सी. ने भारतीय सीमा शुल्क के नाम पर की जाने वाली धोखाधड़ी के खिलाफ अभियान चलाया


सी.बी.आई.सी. ने लोगों से धोखेबाजों के काम करने के तरीके को पहचानने, अपना विवरण सुरक्षित रखने, कॉल करने वाले के पिछले रिकॉर्ड की पुष्टि करने और सतर्क रहकर ऐसी हरकतों की रिपोर्ट करने का आग्रह किया

Posted On: 16 JUN 2024 12:15PM by PIB Delhi

समाचार पोर्टल/सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें देश भर में भारतीय सीमा शुल्क अधिकारी बनकर लोगों से उनकी गाढ़ी कमाई ठगने वाले धोखेबाजों ने धोखाधड़ी की है। ये धोखाधड़ी मुख्य रूप से फोन कॉल या एसएमएस जैसे डिजिटल माध्यमों का उपयोग करके की जाती है, और तत्काल दंडात्मक कार्रवाई के ‘कथित’ डर के माध्यम से पैसे ऐंठने पर केंद्रित होती है।

 

इन धोखाधड़ी का मुकाबला करने के लिए, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) जन जागरूकता के माध्यम से एक बहु-मोडल जागरूकता अभियान चला रहा है, जिसमें शामिल हैं:

• समाचारपत्र के माध्यम से विज्ञापन का प्रकाशन 

• आम जनता को एसएमएस/ईमेल

• सोशल मीडिया अभियान

• इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने के लिए स्थानीय प्रशासन और व्यापार संगठनों के समन्वय में देश भर में सीबीआईसी क्षेत्रीय संरचनाओं द्वारा जन जागरूकता अभियान।

 

सीबीआईसी जनता को इस तरह के घोटालों का शिकार बनने से खुद को बचाने के लिए निम्नलिखित उपाय करने की सलाह देता है:

 

• सावधान रहें: भारतीय सीमा शुल्क अधिकारी निजी खातों में शुल्क के भुगतान के लिए कभी भी आम जनता से फोन, एसएमएस या ई-मेल के माध्यम से संपर्क नहीं करते हैं। यदि आपको धोखाधड़ी का संदेह है या कोई अनियमितता मिलती है, तो कॉल डिस्कनेक्ट करें और संदेशों का जवाब न दें।

• सुरक्षित रहें: कभी भी व्यक्तिगत जानकारी (पासवर्ड, सीवीवी, आधार नंबर, आदि) साझा या प्रकट न करें, या उनकी पहचान और वैधता की पुष्टि किए बिना अज्ञात व्यक्तियों या संगठनों को पैसे न भेजें।

• जांच करें: भारतीय सीमा शुल्क विभाग से सभी संचार में एक दस्तावेज पहचान संख्या (डीआईएन) शामिल होती है, जिसकी जांच सीबीआईसी वेबसाइट https://esanchar.cbic.gov.in/DIN/DINSearch पर की जा सकती है।

• रिपोर्ट करें: ऐसे मामलों की तुरंत www.cybercrime.gov.in या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर रिपोर्ट करें।

 

धोखेबाजों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ सामान्य तरीके इस प्रकार हैं:

 

• फर्जी कॉल/एसएमएस: धोखेबाज कूरियर अधिकारियों/कर्मचारियों के रूप में खुद को कॉल, टेक्स्ट मैसेज या ईमेल के माध्यम से संपर्क करते हैं और दावा करते हैं कि कस्टम्स ने एक पैकेज या पार्सल को रोक लिया है और इसे जारी करने से पहले कस्टम्स ड्यूटी या करों का भुगतान करने की आवश्यकता है।

• दबाव की रणनीति: धोखेबाज खुद को कस्टम्स/पुलिस/सीबीआई अधिकारी बताकर उन पैकेजों/उपहारों के लिए कस्टम्स ड्यूटी/निकासी शुल्क का भुगतान करने की मांग करते हैं, जो कथित तौर पर किसी अन्य देश से प्राप्त किए गए हैं और जिन्हें कस्टम्स क्लीयरेंस की आवश्यकता है। लक्षित व्यक्तियों से उनके सामान को छोड़ने के लिए भुगतान करने के लिए कहा जाता है।

• पैसे की मांग: लक्षित व्यक्तियों को सूचित किया जाता है कि उनके पैकेज को अवैध सामग्री (जैसे ड्रग्स/विदेशी मुद्रा/नकली पासपोर्ट/निषिद्ध वस्तुएं) या कस्टम्स नियमों के उल्लंघन के कारण कस्टम्स द्वारा जब्त कर लिया गया है। धोखेबाज कानूनी कार्रवाई या जुर्माना लगाने की धमकी देते हैं और समस्या को हल करने के लिए भुगतान की मांग करते हैं।

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