निर्वाचन आयोग
कश्मीर के विस्थापित मतदाताओं को बड़ी राहत; भारत निर्वाचन आयोग ने जम्मू और उधमपुर में रहने वाले विस्थापितों के लिए फॉर्म-एम की बोझिल प्रक्रिया को रद्द कर दिया
इन क्षेत्रों के बाहर रहने वाले विस्थापितों के लिए, फॉर्म एम जारी रहेगा, लेकिन राजपत्रित अधिकारी सत्यापन के बजाय स्व-सत्यापन प्रमाण पत्र के साथ मान्य
जम्मू और उधमपुर के सभी विस्थापित क्षेत्रों में विशेष मतदान केंद्र बनाए जाएंगे
Posted On:
12 APR 2024 5:40PM by PIB Delhi
आम चुनाव 2024 को मद्देनजर रखते हुए कश्मीरी विस्थापितों की मतदान सुविधा के लिए एक बड़ा फैसला करते हुए, भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने जम्मू और उधमपुर में रहने वाले घाटी के विस्थापित लोगों के लिए फॉर्म-एम भरने की बोझिल प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है। इसके अतिरिक्त, जम्मू और उधमपुर के बाहर रहने वाले विस्थापितों के लिए (जो फॉर्म एम जमा करना जारी रखेंगे), ईसीआई ने फॉर्म-एम के साथ संलग्न प्रमाण पत्र के स्व-सत्यापन को मान्य कर दिया है। इस प्रकार इस प्रमाण-पत्र को राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित करने की परेशानी को दूर किया गया है। आयोग ने आज मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयुक्तों श्री ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू के साथ एक बैठक के बाद यह निर्णय लिया।
अनेक कश्मीरी विस्थापित समूहों से विभिन्न अभ्यावेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें प्रत्येक चुनाव में फार्म-एम भरने में आने वाली कठिनाइयों का उल्लेख किया गया था। इसके कारण उन्हें अपने मताधिकार का प्रयोग करने में काफी परेशानी होती थी। फॉर्म-एम प्रक्रिया के कारण इन मतदाताओं को अन्य मतदाताओं की तुलना में अधिक बाधाओं का सामना करना पड़ता था। उल्लेखनीय है कि फॉर्म-एम भरने की प्रक्रिया अक्सर जटिल और बोझिल होती है, जिसमें विशिष्ट दस्तावेज़, विस्थापन स्थिति के प्रमाण और राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापन की आवश्यकता होती है। जम्मू और कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भी राजनीतिक दलों के साथ पूर्ण सहमति और परामर्श के बाद 09 अप्रैल, 2024 को आयोग को अपनी टिप्पणियां प्रस्तुत की थीं। आयोग ने योजना के संबंध में कई कश्मीरी विस्थापित समूहों से प्राप्त ज्ञापन, राजनीतिक दलों से प्राप्त प्रतिक्रिया और मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जम्मू व कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र की टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए, कश्मीरी विस्थापितों के लिए अस्थायी शिविरों में व्यक्तिगत रूप से मतदान करने और लोकसभा के चल रहे आम चुनाव से संबंधित डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान करने की योजना को अधिसूचित किया। इसके संबंध में आदेश संख्या 3/जे एंड के-एचपी/2024(NS-I) दिनांक 11 अप्रैल, 2024 के तहत अधिसूचना जारी की गई।
जम्मू और उधमपुर के विस्थापित मतदाताओं के लिए:
- सभी 22 विशेष मतदान केंद्रों (जम्मू में 21 और उधमपुर में 1) को अलग-अलग शिविरों/क्षेत्रों में निर्धारित किया जाएगा। इसके लिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक क्षेत्र में कम से कम एक विशेष मतदान केंद्र हो। यदि एक जोन में कई मतदान केंद्र हैं, तो जोनल अधिकारी मतदाताओं के प्रत्येक सेट के लिए दूरी/पहुंच की आसानी को ध्यान में रखते हुए ऐसे प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए अंतर-क्षेत्रीय क्षेत्राधिकार निर्धारित करेंगे। यदि कोई ऐसा क्षेत्र है जिसमें मौजूदा विशेष मतदान केंद्रों में से कोई भी नहीं है, तो राजनीतिक दलों के साथ परामर्श सहित मतदान केंद्र स्थापित करने के संबंध में आयोग के सभी मौजूदा निर्देशों का पालन करते हुए एक उपयुक्त सरकारी भवन में संबंधित सहायक रिटर्निंग अधिकारी (एआरओ)– विस्थापित द्वारा एक नया विशेष मतदान केंद्र प्रस्तावित किया जाएगा। इसके परिणामस्वरूप, इन क्षेत्रों/शिविरों में रहने वाले मतदाताओं को जम्मू और उधमपुर में संबंधित एईआरओ-विस्थापित द्वारा संबंधित मतदान केंद्रों तक निर्धारित किया जाएगा।
- II. इन विशेष मतदान केंद्रों में से प्रत्येक के अनुरूप मतदाता नामावली को उनके संबंधित विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों की मूल मतदाता नामावलियों से लिया जाएगा। प्रत्येक जोन के लिए संबंधित विशेष मतदान केंद्रों के लिए मतदाता सूची के रूप में उपयोग किए जाने वाली ड्राफ्ट मतदाता नामावली के उद्धरण जम्मू और उधमपुर में संबंधित एईआरओ– विस्थापित द्वारा अधिसूचित किए जाएंगे। नामावली को समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाएगा और साथ ही इसे जोन कार्यालय सहित जोन में सभी विशिष्ट स्थानों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के राहत और पुनर्वास आयुक्त के कार्यालय जैसे महत्वपूर्ण स्थानों तथा वेबसाइटों आदि पर उपलब्ध कराके उसका व्यापक प्रचार किया जाएगा। प्रारूप मतदाता नामावली की अधिसूचना जारी होने के 7 दिनों के भीतर सभी मतदाताओं को जम्मू और उधमपुर के संबंधित सहायक रिटर्निंग अधिकारियों (विस्थापित) से संपर्क करना होगा। इस मामले में निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार किया जाएगा:
· प्रारूप सूचियों में किसी भी पात्र नाम का न होना
· वह डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान का विकल्प चुनना चाहता है
- वह कश्मीर घाटी में मूल मतदान केंद्र पर मतदान करना चाहता है,
- जिन्होंने पहले ही अपना फॉर्म-एम जमा कर दिया है और उन्होंने ऐसे विशेष मतदान केंद्र का चयन किया है जो प्रारूप में आवंटित स्थान से अलग है और वे फॉर्म-एम में पहले से दिए गए विकल्प के अनुसार उसे बनाए रखना चाहते हैं।
सात दिनों की अवधि बीतने के बाद, सहायक रिटर्निंग अधिकारी (विस्थापित) प्रत्येक विशेष मतदान केंद्र के लिए अंतिम मतदाता सूची निष्कर्षों को अधिसूचित करेंगे और मतदान के दिन इन मतदान केंद्रों पर इसका उपयोग किया जाएगा। सहायक रिटर्निंग अधिकारियों (विस्थापित) द्वारा कश्मीर में मूल मतदान केंद्रों पर उपयोग की जाने वाली मतदाता सूची के अंकन के लिए कश्मीर में संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों के रिटर्निंग अधिकारियों/सहायक रिटर्निंग अधिकारियों के साथ इन अंतिम मतदाता सूची निष्कर्षों की एक प्रति तुरंत साझा की जाएगी।
iii. यह सुनिश्चित करने के लिए कि फॉर्म 12 सी भरकर डाक मतपत्र का विकल्प चुनने वाले किसी भी मतदाता को इन विशेष मतदान केंद्रों पर मतदान करने का अवसर न दिए जाने के संबंध में एआरओ (विस्थापित जम्मू), जो योजना के तहत डाक मतपत्रों के लिए नोडल अधिकारी है यह सुनिश्चित करेगा कि यदि इनमें से किसी भी मतदाता से फॉर्म 12सी प्राप्त होता है और डाक मतपत्र भेज दिया गया है, संबंधित मतदाता नामावली के उद्धरण में उक्त मतदाता के नाम के सामने डाक मतपत्र (पीबी) का अंकन किया जाए।
उन विस्थापितों के लिए, जो जम्मू और उधमपुर से बाहर रह रहे हैं
फॉर्म एम के साथ संलग्न प्रमाणपत्र को राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित कराने की परेशानी को दूर करने के लिए, इन फॉर्मों का 'स्वयं सत्यापन' पर्याप्त होगा। हालांकि, विशेष मतदान केंद्रों पर प्रतिरूपण से बचने के लिए, उन्हें मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की पहचान के लिए ईपीआईसी (मतदाता पहचान पत्र) या आयोग द्वारा निर्धारित कोई वैकल्पिक दस्तावेज प्रस्तुत करना आवश्यक होगा।
(वैकल्पिक आईडी दस्तावेज़: https://www.eci.gov.in/eci-backend/public/api/download?url=LMAhAK6sOPBp%2FNFF0iRfXbEB1EVSLT41NNLRjYNJJP1KivrUxbfqkDatmHy12e%2FzBiU51zPFZI5qMtjV1qgjFsi8N4zYcCRaQ2199MM81QYarA39BJWGAJqpL2w0Jta9CSv%2B1yJkuMeCkTzY9fhBvw%3D%3D )
पृष्ठभूमि: कश्मीरी विस्थापितों के लिए योजना
आयोग ने पत्र संख्या 464/जेएंडके-एचपी/2024, दिनांक 22 मार्च, 2024 के माध्यम से कश्मीरी विस्थापितों के लिए अस्थायी शिविरों में व्यक्तिगत रूप से मतदान करने या तीन संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में से किसी एक से संबंधित डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान करने की योजना जारी की थी। इस योजना में 2024 के लोकसभा आम चुनाव के मद्देनजर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 1-बारामूला, 2-श्रीनगर और 3-अनंतनाग-राजौरी से संबंधित मसौदा शामिल है।
योजना के अनुसार, कश्मीरी विस्थापित मतदाता, जो दिल्ली, जम्मू और उधमपुर में विभिन्न राहत शिविरों में रह रहे हैं और जिन्होंने आगामी लोकसभा आम चुनाव, 2024 में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के माध्यम से व्यक्तिगत रूप से अपना वोट डालने का विकल्प चुना है, वे दिल्ली (4), जम्मू (21) और उधमपुर (1) में स्थित निर्दिष्ट मतदान केंद्रों में से किसी एक पर फॉर्म एम भरकर जमा कर सकते हैं। वे विस्थापित मतदाता जिन्होंने डाक मतपत्रों का उपयोग करके मतदान करने का विकल्प चुना है, वे निर्धारित फॉर्म 12-सी के जरिए डाक मतपत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं।
जम्मू, उधमपुर और दिल्ली के अलावा विभिन्न स्थानों पर रहने वाले विस्थापित मतदाता व्यक्तिगत रूप से या डाक मतपत्र का उपयोग करके भी मतदान कर सकते हैं और आयोग की वेबसाइट से फॉर्म-एम और फॉर्म 12-सी डाउनलोड कर सकते हैं। ऐसे फॉर्मों को मतदाता के रहने वाले स्थानों के निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी से सत्यापित कराया जाएगा। मतदाता पंजीकरण अधिकारी ईआरओ-नेट के माध्यम से कश्मीर में विभिन्न संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में नामांकित विस्थापित मतदाता विवरण प्राप्त कर सकते हैं। संबंधित ईआरओ, फॉर्म-एम में विवरण सत्यापित करने के बाद इसे स्कैन और अपलोड करेगा ताकि इसे आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए दिल्ली, जम्मू और उधमपुर में एआरओ-विस्थापित को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित किया जा सके।
भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने लोकसभा, 2024 के आम चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की थी, जिसमें जम्मू और कश्मीर में निम्नलिखित चरणों में मतदान कराया जाएगा।
चरण
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पीसी का नंबर और नाम
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मतदान की तिथि
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अनुसूची 1ए
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4-उधमपुर
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19.04.2024
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अनुसूची 2बी
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5-जम्मू
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26.04.2024
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अनुसूची-III
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3- अनंतनाग-राजौरी
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07.05.2024
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अनुसूची-IV
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2-श्रीनगर
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13.05.2024
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अनुसूची-V
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1-बारामूला
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20.05.2024
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(Release ID: 2017786)
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