इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
वर्षांत समीक्षा- 2023: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
Posted On:
26 DEC 2023 1:01PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गांधीनगर में सेमीकॉनइंडिया- 2023 का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तीन दिवसीय सेमीकॉनइंडिया- 2023 का उद्घाटन किया। अपने विशेष संबोधन में उन्होंने लोगों के दैनिक जीवन में सेमीकंडक्टर की भूमिका को रेखांकित किया और बताया कि कैसे भारत सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम के तहत सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकोसिस्टम के निर्माण को लेकर प्रतिबद्ध है। इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी, संचार और रेलवे मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, विशेष रूप से सेमीकंडक्टर पर ध्यान देने के साथ हर क्षेत्र को रूपांतरित करने में प्रधानमंत्री की भूमिका को रेखांकित किया। साथ ही, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल ने भी सभा को संबोधित किया और अपने संबोधन में विनिर्माण, विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में प्रधानमंत्री के दूरदर्शी मार्गदर्शन की सराहना की।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स पर अपना ध्यान केंद्रित करके प्रौद्योगिकी क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। इस क्रांति के एक हिस्से के तहत सेमीकंडक्टर एक जरूरी भूमिका निभाते हैं और संचार, रक्षा, ऑटोमोबिल व कंप्यूटिंग उपकरणों सहित लगभग सभी क्षेत्रों में इसका उपयोग होता है। देश की प्रगति के महत्वपूर्ण स्तंभ- 'इलेक्ट्रॉनिक्स' और 'आत्मनिर्भर भारत' की सोच को सुदृढ़ करते हुए भारत अपनी मूल्य श्रृंखला को व्यापक व विस्तृत करने और एक विश्वस्तरीय सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकोसिस्टम की सुविधा प्रदान करने के लिए तैयार है।
भारत सेमीकंडक्टर मिशन ने जुलाई, 2023 में 'भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करना' विषयवस्तु पर सेमीकॉनइंडिया- 2023 सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में 23 से अधिक देशों के 8,000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। सेमीकॉनइंडिया- 2023 में माइक्रोन टेक्नोलॉजी, एप्लाइड मैटेरियल्स, फॉक्सकॉन, कैडेंस व एएमडी जैसी वैश्विक कंपनियों और एसईएमआई की भागीदारी देखी गई।
तीन दिवसीय जीपीएआई शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित हुआ, वैश्विक एआई एक्सपो में 150 से अधिक स्टार्टअप्स और प्रमुख तकनीकी कंपनियों ने अपने एआई अनुप्रयोगों व उत्पादों का प्रदर्शन किया
आगामी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वैश्विक साझेदारी (जीपीएआई) सम्मेलन की अध्यक्षता करने में भारत सबसे आगे है। भारत ने नई दिल्ली में 12-14 दिसंबर, 2023 तक वार्षिक जीपीएआई शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी। जीपीएआई शिखर सम्मेलन ने 28 सदस्य देशों और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों को एकजुट करना शुरू कर दिया, जिससे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के लगातार विकसित हो रहे परिदृश्य को आकार देने वाले जरूरी विषयों पर गहन चर्चा के लिए एक असाधारण मंच तैयार हुआ है।
जीपीएआई शिखर सम्मेलन के दौरान प्राप्त प्रमुख परिणाम निम्नलिखित हैं:
- जीपीएआई नई दिल्ली घोषणापत्र ने जीपीएआई सदस्यों के बीच सुरक्षित, संरक्षित व विश्वसनीय एआई को आगे बढ़ाने और जीपीएआई परियोजनाओं की स्थिरता का समर्थन करने की प्रतिबद्धता पर आम सहमति बनाई।
- प्रधानमंत्री ने एआई के नैतिक उपयोग के लिए एक वैश्विक ढांचा तैयार करने के लिए मिलकर काम करने का आह्वाहन किया।
- एआई प्रतिभा और एआई-संबंधित विचारों के क्षेत्र में प्रमुख देश के रूप में भारत को रेखांकित किया गया।
- भारत एआई नवाचार के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में उभर रहा है।
- भारत ने एआई के लिए सभी प्रमुख पहल- एआई पर संयुक्त राष्ट्र सलाहकार समूह और ब्रिटेन एआई सुरक्षा शिखर सम्मेलन को जीपीएआई नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के तहत एक साथ लाया।
- एआई रिसर्च एनालिटिक्स और नॉलेज डिसेमिनेशन प्लेटफॉर्म (एआईआरएडब्ल्यूएटी) व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय कार्यक्रम और भारत में एआई इकोसिस्टम को आकार देने में इसकी भूमिका पर प्रमुखता से जोर दिया गया।
- अनुसंधान समुदाय को उनके मूल और व्यावहारिक अनुसंधान को प्रदर्शित करने के लिए मंच प्रदान किया गया।
- एक्सपो में स्टार्टअप समुदाय को अपने एआई उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किया गया।
- एआई पिच फेस्ट ने आगामी स्टार्टअप्स को अपने नवाचार और मूल्यवर्धित उत्पादों व सेवाओं के लिए प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किया।
- शिखर सम्मेलन ने एआई को आम जनता, विशेषकर युवाओं व छात्रों के बीच ले जाने के लिए बहु-हितधारक दृष्टिकोण को सामने लाया और प्रौद्योगिकी, नीति, ढांचे, औद्योगिक, नैतिक, व्यावसायिक व शैक्षणिक दृष्टिकोण से एआई की नवीनतम प्रगति को रेखांकित किया।
जनवरी, 2023 में पहला भारत स्टैक डेवलपर सम्मेलन आयोजित किया गया
पहले भारत स्टैक डेवलपर सम्मेलन का उद्घाटन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी व कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव चन्द्रशेखर ने किया। इस कार्यक्रम में उद्योग संघों, उद्योग, सिस्टम इंटीग्रेटर्स और स्टार्ट-अप्स के 100 से अधिक डिजिटल क्षेत्र की प्रमुख शख्सियतों (सीएक्सओ/एमडी/संस्थापक स्तर) ने हिस्सा लिया। इसके अलावा इस कार्यक्रम में जी20 देशों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।
श्री राजीव चन्द्रशेखर ने अपने संबोधन में कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य उन देशों के लिए इंडिया स्टैक की पहुंच बढाना और इसे अधिक से अधिक अपनाया जाना है, जो अपनी जरूतों के अनुरूप इसे अपनाने व एकीकृत करने के इच्छुक हैं और स्टार्टअप्स, डेवलपर्स व अगली पीढ़ी के नवाचार पर इसके आसपास काम करने वाले सिस्टम इंटीग्रेटर्स के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम बनाना है। मंत्री ने आगे कहा, "एक राष्ट्र के रूप में हमारा मिशन इंडिया स्टैक या स्टैक के हिस्से को पूरे विश्व के उन उद्यमों व देशों को प्रस्तुत करना है, जो नवाचार करना चाहते हैं और डिजिटल परिवर्तन को एकीकृत, निष्पादित व कार्यान्वित करना चाहते हैं।"
मंत्रिमंडल ने रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अप्रैल 2022 से एक वर्ष की अवधि के लिए रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेन-देन (व्यक्ति-से-व्यापारी) को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेन-देन (पी2एम) को बढ़ावा देने के लिए अनुमोदित प्रोत्साहन योजना के तहत वित्तीय परिव्यय 2,600 करोड़ रुपये है। उपरोक्त योजना के तहत अधिग्रहण करने वाले बैंकों को पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेन-देन (पी2एम) का उपयोग करके पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) और ई-कॉमर्स लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के अपने बजट भाषण में पिछले बजट में घोषित डिजिटल भुगतान के लिए वित्तीय सहायता जारी रखने के सरकार की प्रतिबद्धता की घोषणा की, जिसमें सस्ते और उपयोगकर्ता के अनुकूल भुगतान मंचों के उपयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह योजना उपरोक्त बजट घोषणा के अनुपालन में तैयार की गई है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार ने डिजिटल लेन-देन को और अधिक बढ़ावा देने के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 की बजट घोषणा के अनुपालन को लेकर एक प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी थी। इसके परिणामस्वरूप कुल डिजिटल भुगतान लेन-देन में साल-दर-साल 59 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह वित्तीय वर्ष 2020-21 में 5,554 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2021-22 में 8,840 करोड़ रुपये हो गई। भीम-यूपीआई लेन-देन में साल-दर-साल 106 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह वित्तीय वर्ष 2020-21 के 2,233 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2021-22 में 4,597 करोड़ रुपये हो गई।
यूआईडीएआई ने निवासी केंद्रितता और 'जीवन जीने में सुगमता' की सुविधा सहित पांच प्रमुख क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया
आधार की संतृप्ति वयस्क आबादी के बीच सार्वभौमिकता के नजदीक पहुंच गई है। इसे देखते हुए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने विचार-विमर्श किया और निवासियों को उनके दैनिक जीवन में निरंतर सहायता प्रदान करने, डेटा सुरक्षा को और अधिक संवर्द्धित करने व सुशासन के उद्देश्य को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए पांच प्रमुख क्षेत्रों पर काम करने का निर्णय लिया।
इसके पांच मुख्य क्षेत्र थे- निवासी केंद्रितता, आधार का विस्तार, सुरक्षा व गोपनीयता, निरंतर प्रौद्योगिकी उन्नयन व वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के साथ सहयोग करना और एसडीजी 16.9 (सभी के लिए कानूनी पहचान प्रदान करना) प्राप्त करने की उनकी आकांक्षा में उनका समर्थन करना। केवड़िया (गुजरात) में आयोजित विचार-मंथन सत्र में इन क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया गया। यूआईडीएआई के सीईओ डॉ. सौरभ गर्ग ने कहा कि इस पर निरंतर ध्यान केंद्रित किया जाएगा कि निवासियों को जीवन जीने में सुगमता लाने और सेवाओं का लाभ उठाने में उनके अनुभव को बेहतर बनाने में कैसे सहायता की जाए।
यूआईडीएआई ने सुदृढ़ फिंगरप्रिंट आधारित आधार प्रमाणीकरण के लिए नई सुरक्षा प्रणाली शुरू की
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के तहत भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने फरवरी, 2023 में आधार आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण और स्पूफिंग (धोखा देना) प्रयासों का जल्द से जल्द पता लगाने के लिए एक नए सुरक्षा तंत्र की सफलतापूर्वक शुरुआत की थी। देश में विकसित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (एआई/एमएल) आधारित सुरक्षा तंत्र अब लिए गए फिंगरप्रिंट की जीवंतता की जांच करने के लिए फिंगर मिनुटिया (सूक्ष्म ब्यौरा) और फिंगर इमेज, दोनों के संयोजन का उपयोग कर रहा है। यह आधार प्रमाणीकरण लेनृ-देन को और भी अधिक मजबूत और सुरक्षित बना रहा है।
नए दो कारक/परत प्रमाणीकरण फिंगरप्रिंट की वास्तविकता (जीवंतता) को सत्यापित करने के लिए ऐड-ऑन चेक जोड़ रहा है, जिससे स्पूफिंग प्रयासों की आशंका को और कम किया जा सके।
यह कदम बैंकिंग व वित्तीय, दूरसंचार और सरकारी क्षेत्रों सहित अन्य क्षेत्रों में काफी उपयोगी होगा। इसके अलावा इससे निचले तबके को भी लाभ होगा क्योंकि, यह आधार सक्षम भुगतान प्रणाली को और अधिक मजबूत करने के साथ धोखा देने वालों के दुर्भावनापूर्ण प्रयासों पर नियंत्रण लगाएगा। नई प्रणाली के लागू होने से केवल फिंगरप्रिंट या केवल अंगुलियों के सूक्ष्म विवरण पर आधारित आधार प्रमाणीकरण ने मजबूत दो कारक प्रमाणीकरण का मार्ग प्रशस्त किया है, जो सभी हितधारकों के लिए लाभदायक है।
भारत ने 13 फरवरी से 15 फरवरी, 2023 तक लखनऊ में जी20 डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्य समूह की पहली बैठक का सफलतापूर्वक आयोजन किया
भारत में जी20 डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्य समूह (डीईडब्ल्यूजी) की पहली बैठक का समापन फरवरी, 2023 में हुआ। इसका उद्देश्य आगामी डीईडब्ल्यूजी बैठकों के लिए परिणाम देने वाले और सार्थक विचार-विमर्श के लिए वातावरण तैयार करना था। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आयोजित इस तीन दिवसीय बैठक में भारत की डिजिटल परिवर्तन यात्रा का प्रदर्शन किया गया और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, साइबर सुरक्षा व डिजिटल कौशल पर चर्चा करने के लिए जी20 सदस्यों, प्रमुख ज्ञान भागीदारों और अतिथि देशों को एक साथ लाया गया।
इसके उद्घाटन के दिन पांच कार्यशालाएं आयोजित की गईं, जिनमें डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, एमएसएमई के लिए साइबर सुरक्षा समाधान, टिकाऊ विकास लक्ष्य और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों के उपयोग से संबंधित विभिन्न विषयों को शामिल किया गया। इसके अलावा इस बैठक में उत्तर प्रदेश की डिजिटल पहलों का भी प्रदर्शन किया गया। इसके दूसरे दिन डीईडब्ल्यूजी बैठक की शुरुआत भारत के जी20 शेरपा श्री अमिताभ कांत के मुख्य भाषण के साथ हुई। इसके बाद प्रतिभागियों ने व्यावहारिक प्रस्तुतियां प्रस्तुत की और अन्य गतिविधियों में हिस्सा लिया। इसके बाद प्रतिनिधियों ने दो प्राथमिकता वाले क्षेत्रों यानी डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा और साइबर सुरक्षा पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही, इससे प्राप्त निष्कर्ष को अधिक से अधिक समृद्ध करने के लिए कार्य समूह की आगामी बैठकों में और अधिक विचार-विमर्श करने की इच्छा व्यक्त की।
इस दिन के दूसरे हिस्से के तहत प्रतिभागियों ने बड़ा इमामबाड़ा की यात्रा की, जो एक ऐतिहासिक स्मारक है, जिसे व्यापक रूप से एक वास्तुशिल्प उत्कृष्ट रचना माना जाता है। यह स्थल प्रतिभागियों के मन की शांति और स्थानीय संस्कृति व परंपराओं का आनंद लेने के लिए एक आदर्श पृष्ठभूमि थी। इस दिन का समापन एक शानदार ध्वनि, प्रकाश और नृत्य शो के साथ हुआ, जिससे सभी के लिए एक जादुई और स्मरणीय वातावरण बन गया। इस बैठक का तीसरा और अंतिम दिन डिजिटल कौशल की प्राथमिकता पर केंद्रित रहा। इसमें भारत ने डिजिटल रूप से कुशल भविष्य को लेकर तैयार कार्यबल के लिए तंत्र का प्रस्ताव रखा। सदस्य देशों ने डीईडब्ल्यूजी एजेंडे में डिजिटल कौशल को शामिल करने की सराहना की और भारत के प्रस्तावित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों का व्यापक रूप से समर्थन किया। इसके अलावा तीन प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों यानी डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई), डिजिटल अर्थव्यवस्था में साइबर सुरक्षा और डिजिटल कौशल पर भी संक्षिप्त चर्चा हुई।
यूआईडीएआई ने करोड़ों निवासियों को लाभ देने के लिए आधार में ऑनलाइन दस्तावेज अपडेट करने की प्रक्रिया को निःशुल्क किया
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने मार्च, 2023 में निवासियों को अपने आधार में दस्तावेजों को नि:शुल्क ऑनलाइन अपडेट करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है, यह एक जन-केंद्रित पहल है, जिससे लाखों निवासियों को लाभ होगा।
डिजिटल इंडिया पहल के एक हिस्से के तहत यूआईडीएआई ने यह निर्णय लिया और निवासियों से माई आधार पोर्टल पर दस्तावेज अपडेट करने की नि:शुल्क सुविधा का लाभ उठाने का अनुरोध किया। यह नि:शुल्क सेवा अगले तीन महीनों यानी 15 मार्च से 14 जून 2023 तक उपलब्ध थी। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह सेवा केवल माईआधार पोर्टल पर निःशुल्क था और भौतिक आधार केंद्रों पर पहले की तरह 50 रुपये का शुल्क लागू रहा था। यूआईडीएआई निवासियों को अपने जनसांख्यिकीय विवरण को फिर से सत्यापित करने के लिए पहचान का प्रमाण व पते का प्रमाण (पीओआई/पीओए) दस्तावेज, विशेषकर अगर आधार 10 साल पहले जारी किया गया था और कभी अपडेट नहीं किया गया, अपलोड करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इससे जीवन को बेहतर बनाने, बेहतर सेवा वितरण और प्रमाणीकरण सफलता दर को बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14,903.25 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी दी
सरकार ने जुलाई, 2015 में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत तीन प्रमुख सोच यानी हर एक नागरिक के लिए मुख्य उपयोगिता के रूप में डिजिटल बुनियादी ढांचा, मांग पर शासन व सेवाएं और नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण के साथ की। इसका समग्र लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि डिजिटल प्रौद्योगिकियां हर एक नागरिक के जीवन में सुधार करें, भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार करें और निवेश व रोजगार के अवसर उत्पन्न करें। इससे पारदर्शी तरीके से लाभार्थियों तक सीधे तौर पर सेवाएं पहुंचाने में भी सहायता मिली है। इस प्रक्रिया में भारत अपने नागरिकों के जीवन को रूपांतरित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने वाले विश्व के प्रमुख देशों में से एक के रूप में उभरा है।
सरकार ने अगस्त 2023 में 15वें वित्त आयोग की अवधि (2021-22 से 2025-26) के दौरान 14,903.25 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी दी थी।
इस कार्यक्रम के विस्तार से निम्नलिखित प्रमुख लाभ होंगे:
- फ्यूचरस्किल्स प्राइम कार्यक्रम के तहत 6.25 लाख आईटी पेशेवरों को फिर से कुशल और उन्नत किया जाएगा।
- सूचना सुरक्षा और शिक्षा जागरूकता चरण (आईएसईए) कार्यक्रम के तहत 2.65 लाख व्यक्तियों को सूचना सुरक्षा में प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा, विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से 12 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को साइबर जागरूक डिजिटल नागरिक भाग के तहत कवर करने की परिकल्पना की गई है।
- यूनिफाइड मोबाइल एप्लिकेशन फॉर न्यू-एज गवर्नेंस (उमंग) एप/प्लेटफॉर्म के तहत 540 अतिरिक्त सेवाएं उपलब्ध होंगी। वर्तमान में उमंग पर 1,700 से अधिक सेवाएं पहले से ही उपलब्ध हैं।
- राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटर मिशन के तहत 9 और सुपर कंप्यूटर जोड़े जाएंगे। यह पहले से संचालित 18 सुपर कंप्यूटरों के अतिरिक्त है।
- एआई-सक्षम बहु-भाषा अनुवाद उपकरण- भाषिनी (वर्तमान में 10 भाषाओं में उपलब्ध) को सभी 22 अनुसूची 8 भाषाओं में शुरू किया जाएगा।
- राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (एनकेएन) का आधुनिकीकरण जो 1,787 शैक्षणिक संस्थानों को जोड़ता है।
- डिजिलॉकर के तहत डिजिटल दस्तावेज सत्यापन सुविधा अब एमएसएमई और अन्य कारोबारियों के लिए उपलब्ध होगी।
- टियर 2/3 शहरों में 1,200 स्टार्टअप को समर्थन दिया जाएगा।
- साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में नई पहल जिसमें उपकरणों का विकास और राष्ट्रीय साइबर समन्वय केंद्र के साथ 200 से अधिक साइटों का एकीकरण शामिल है।
मंत्रिमंडल ने डिजिटलीकरण और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के क्षेत्र में सहभागिता पर भारत और सऊदी अरब के बीच हस्ताक्षर किए गए सहयोग ज्ञापन को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और सऊदी अरब के संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बीच 18 अगस्त, 2023 को डिजिटलीकरण और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के क्षेत्र में सहयोग पर हस्ताक्षर किए गए सहयोग ज्ञापन (एमओसी) को मंजूरी दी।
इस सहयोग ज्ञापन का उद्देश्य डिजिटलीकरण, इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण, ई-शासन, स्मार्ट बुनियादी ढांचे, ई-स्वास्थ्य व ई-शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करना, डिजिटल नवाचार में अनुसंधान में साझेदारी को बढ़ावा देना और उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), रोबोट, क्लाउड कंप्यूटिंग व ब्लॉकचेन आदि के उपयोग को बढ़ावा देना है। यह सहयोग ज्ञापन (एमओसी) डिजिटलीकरण और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के क्षेत्र में सहभागिता के लिए एक रूपरेखा स्थापित करेगा और भारत व सऊदी अरब के बीच साझेदारी स्थापित करेगा।
इस सहयोग ज्ञापन का उद्देश्य डिजिटलीकरण और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में ई-शिक्षण, ई-लर्निंग और विनिमय कार्यक्रमों के माध्यम से अभिनव प्रशिक्षण व विकास के तरीकों को बढ़ावा देना है। इसका अलावा क्षमता निर्माण और उच्च कुशल सूचना व संचार प्रौद्योगिकी पेशेवरों तक पहुंच के लिए संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करना, व्यापार को बढ़ाना, उद्यम पूंजी और प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप्स के इन्क्यूबेटरों पर जानकारी साझा करके एसएमई व स्टार्ट-अप्स इकोसिस्टम को मजबूत करना है। यह अप्रत्यक्ष रूप से दोनों पक्षों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा।
गुजरात के साणंद में माइक्रोन की सेमीकंडक्टर परियोजना पर तेजी से काम किया जा रहा है
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जून 2023 में 22,516 करोड़ रुपये (2.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के पूंजी निवेश के साथ भारत में सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के लिए माइक्रोन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसमें एकसमान आधार पर 50 फीसदी वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी। गुजरात के साणंद में इकाई का शिलान्यास 3 महीने के भीतर सितंबर, 2023 में किया गया।
इस इकाई का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है और लगभग 12 महीनों में इसके पूरा होने की आशा है। इस इकाई में निर्मित मेमोरी और स्टोरेज उत्पाद घरेलू खपत को पूरा करेंगे और इनका वैश्विक स्तर पर निर्यात किया जाएगा। आशा है कि यह इकाई अगले 5 वर्षों में 5,000 प्रत्यक्ष और 15,000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगी। इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन, गुजरात सरकार और माइक्रोन लगभग 10,000 इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने के लिए अकादमिक क्षेत्र के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
गुजरात में 30 से अधिक गैस, रसायन, उपकरण, सब्सट्रेट विनिर्माण और अन्य सहायक उद्योग सुविधाएं स्थापित करने के लिए विचार-विमर्श के विभिन्न चरणों में हैं। माइक्रोन, इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन और गुजरात सरकार के बीच समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि परियोजना के लक्ष्य समय पर पूरे हों और प्रोत्साहनों का वितरण हो। केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने गुजरात सरकार, भारत सरकार और इस उद्योग के बीच समन्वय की सराहना की। उन्होंने भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकोसिस्टम के विकास को लेकर पूर्ण प्रतिबद्धता और सुविधा का आश्वासन दिया।
मंत्रिमंडल ने आईटी हार्डवेयर के लिए प्रोत्साहन संबंद्ध प्रोत्साहन योजना- 2.0 को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मई 2023 में 17,000 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ आईटी हार्डवेयर के लिए उत्पादन संबंद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना- 2.0 को मंजूरी दी।
- आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना- 2.0 में लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी, सर्वर और अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर उपकरण शामिल हैं।
- योजना का बजटीय परिव्यय 17,000 करोड़ रुपये है
- इस योजना का कार्यकाल 6 वर्ष है
- अपेक्षित वृद्धिशील उत्पादन 3.35 लाख करोड़ रुपये है
- अपेक्षित वृद्धिशील निवेश 2,430 करोड़ रुपये है
- अपेक्षित वृद्धिशील प्रत्यक्ष रोजगार 75,000 है
महत्व:
भारत सभी वैश्विक बड़ी कंपनियों के लिए एक विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला भागीदार के रूप में उभर रहा है। बड़ी आईटी हार्डवेयर कंपनियों ने भारत में विनिर्माण केंद्र स्थापित करने में अपनी गहरी रुचि दिखाई है। इसे देश के अच्छी मांग वाले मजबूत आईटी सेवा उद्योग की ओर भी समर्थन प्राप्त है। अधिकांश बड़ी कंपनियां भारत में स्थित केंद्र से भारत के भीतर घरेलू बाजारों में आपूर्ति करना चाहती हैं और इसके साथ ही भारत को एक निर्यात केंद्र बनाना चाहती हैं।
सरकार ने आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना- 2.0 के तहत 27 निर्माताओं को मंजूरी दी
मोबाइल फोन के लिए उत्पादन संबंद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की सफलता को देखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 17 मई 2023 को आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना- 2.0 को मंजूरी दी थी। इस योजना में लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी, सर्वर और अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर उपकरण शामिल हैं। इसके लिए 27 आईटी हार्डवेयर निर्माताओं के आवेदनों को मंजूरी दी गई है। इसके तहत एसर, आसुस, डेल, एचपी, लेनोवो आदि जैसे प्रसिद्ध ब्रांडों के आईटी हार्डवेयर का निर्माण भारत में किया जाएगा।
इस योजना की अवधि के दौरान इस अनुमोदन के अपेक्षित परिणाम निम्नलिखित हैं:
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- रोजगार: लगभग 2 लाख
- लगभग 50,000 (प्रत्यक्ष) और लगभग 1.5 लाख (अप्रत्यक्ष)
- आईटी हार्डवेयर उत्पादन का मूल्य: 3 लाख 50 हजार करोड़ रुपये (42 बिलियन अमेरिकी डॉलर)
- कंपनियों की ओर से निवेश: 3,000 करोड़ रुपये (360 मिलियन अमेरिकी डॉलर)
रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने उद्योग जगत के दिग्गजों और मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि 27 अनुमोदित आवेदकों में से 23 तत्काल विनिर्माण शुरू करने के लिए तैयार हैं।
जी20-डिजिटल नवाचार गठबंधन (डीएआई) कार्यक्रम: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 17 से 19 अगस्त, 2023 के दौरान बैंगलुरू में जी20-डिजिटल नवाचार गठबंधन (डीआईए) कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री और मंत्रालय के सचिव ने किया था। इस कार्यक्रम में 23 देशों के 109 से अधिक स्टार्टअप्स ने हिस्सा लिया। इसमें क्षेत्र-वार पिचिंग सत्र आयोजित किया गया।
इसके समापन सत्र के दौरान माननीय इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने शीर्ष 30 स्टार्टअप्स को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में 45 से अधिक वक्ता, 60 न्यायाधीश, 120 निवेशक और 1000 से अधिक स्टार्टअप शामिल हुए थे। इसके एक हिस्से के तहत 200 से अधिक स्टॉलों के साथ एक अत्याधुनिक प्रदर्शनी आयोजित की गई, जिसमें केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, कॉरपोरेट, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्टार्टअप सहित 1500 प्रदर्शकों ने अपनी उपलब्धियों का प्रदर्शन किया। इस तीन दिवसीय आयोजन के दौरान कुल 15,000 से अधिक लोगों की उपस्थिति दर्ज की गई।
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