प्रधानमंत्री कार्यालय

प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गोरखपुर सांसद खेल महाकुंभ को संबोधित किया


"खेल भावना भविष्य में सभी एथलीटों के लिए सफलता के द्वार खोलेगी"

"क्षेत्रीय स्तर पर प्रतियोगिताएं न केवल स्थानीय प्रतिभा को निखारती हैं बल्कि पूरे क्षेत्र के खिलाड़ियों का मनोबल भी बढ़ाती हैं"

"सांसद खेल महाकुंभ एक नया मार्ग है, एक नई व्यवस्था है"

"खेल की दुनिया में देश की क्षमता को प्रदर्शित करने में सांसद खेल महाकुंभ की बहुत बड़ी भूमिका है"

"सांसद खेल महाकुंभ ने खेल के भविष्य की एक भव्य अवसंरचना की मजबूत नींव रखी है"

"2014 की तुलना में खेल मंत्रालय का बजट आवंटन लगभग 3 गुना अधिक है"

Posted On: 16 FEB 2023 3:37PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गोरखपुर सांसद खेल महाकुंभ को संबोधित किया।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी एथलीटों ने इस स्तर तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने रेखांकित किया कि जीत और हार खेल के साथ-साथ जीवन का भी हिस्सा हैं और कहा कि सभी एथलीटों ने जीत की ललक के बारे में सीखा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि खेल भावना भविष्य में सभी एथलीटों के लिए सफलता के द्वार खोलेगी।

खेल महाकुंभ की सराहनीय और प्रेरक पहल पर टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कुश्ती, कबड्डी और हॉकी जैसे खेलों के साथ चित्रकला, लोकगीत, लोक नृत्य और तबला-बांसुरी आदि क्षेत्रों के कलाकारों ने भी इस प्रतियोगिता में भाग लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “खेल की प्रतिभा हो या कला-संगीत, उसकी भावना और उसकी ऊर्जा एक समान होती है।उन्होंने हमारी भारतीय परंपराओं और लोक कला रूपों को आगे बढ़ाने की नैतिक जिम्मेदारी पर भी जोर दिया। उन्होंने एक कलाकार के रूप में गोरखपुर के सांसद श्री रवि किशन शुक्ला के योगदान को सराहा और इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए उन्हें बधाई दी।

सांसद खेल महाकुंभ में यह तीसरा कार्यक्रम है जिसमें प्रधानमंत्री पिछले कुछ हफ्तों के दौरान शामिल हुए। उन्होंने भारत को दुनिया में एक खेल महाशक्ति बनने के लिए नए तरीके और प्रणालियां बनाने के विचार को दोहराया। प्रधानमंत्री ने प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं के महत्व पर जोर दिया और कहा कि क्षेत्रीय स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं से न केवल स्थानीय प्रतिभाएं निखरती हैं बल्कि पूरे क्षेत्र के खिलाड़ियों का मनोबल भी बढ़ता है। प्रधानमंत्री ने कहा, "सांसद खेल महाकुंभ ऐसा ही एक नया मार्ग है, एक नई व्यवस्था है।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि 20,000 एथलीटों ने गोरखपुर खेल महाकुंभ के पहले संस्करण में भाग लिया था और अब यह संख्या 24,000 हो गई है, जहां 9,000 एथलीट महिलाएं हैं। यह रेखांकित करते हुए कि खेल महाकुंभ में भाग लेने वाले हजारों युवा छोटे शहरों या गांवों से आते हैं, प्रधानमंत्री ने कहा कि सांसद खेल महाकुंभ एक नया मंच बन गया है जो युवा खिलाड़ियों को अवसर प्रदान करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा, "उम्र चाहे जो भी हो, हर किसी में फिट रहने की आंतरिक इच्छा होती है।" उस समय को याद करते हुए जब खेल गांव के मेलों का हिस्सा हुआ करते थे, जहां अखाड़ों में विभिन्न खेलों का आयोजन किया जाता था, प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में बदलाव पर दुख व्यक्त किया, जहां ये सभी पुरानी व्यवस्थाएं खत्म होने के दौर से गुजर रही हैं। उन्होंने स्कूलों में पीटी अवधि का भी उल्लेख किया, जिसे अब टाइम-पास अवधि माना जा रहा है और कहा कि इससे देश को तीन-चार पीढ़ियों तक खेल योगदानकर्ताओं की कमी झेलनी पड़ी है। टीवी पर टैलेंट हंट कार्यक्रमों की तुलना करते हुए, जहां छोटे शहरों के कई बच्चे भाग लेते हैं, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में बहुत सारी छिपी हुई प्रतिभाएं हैं और खेल की दुनिया में देश की क्षमता को प्रदर्शित करने में सांसद खेल महाकुंभ की बहुत बड़ी भूमिका है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि देश में सैकड़ों सांसद ऐसे खेल आयोजन कर रहे हैं जहां बड़ी संख्या में युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है। उन्होंने रेखांकित किया कि कई खिलाड़ी राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर खेलेंगे और ओलंपिक जैसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश के लिए पदक भी जीतेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, "सांसद खेल महाकुंभ खेल के भविष्य के एक भव्य ढांचे की मजबूत नींव रखता है।"

गोरखपुर में क्षेत्रीय खेल स्टेडियम का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने छोटे शहरों में स्थानीय स्तर पर खेल सुविधाओं के विकास के लिए सरकार के प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं के लिए 100 से अधिक खेल के मैदान भी बनाए गए हैं और चौरी चौरा में एक मिनी स्टेडियम भी बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने अन्य खेल सुविधाओं के अलावा खेलो इंडिया अभियान के तहत खिलाड़ियों के प्रशिक्षण पर जोर देते हुए कहा, "अब देश एक समग्र दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहा है।"

इस वर्ष के बजट पर बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 की तुलना में खेल मंत्रालय का बजट आवंटन लगभग 3 गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि देश में कई आधुनिक स्टेडियम बनाए जा रहे हैं और उन्होंने टॉप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम) पर प्रकाश डाला, जहां खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के लिए लाखों रुपये की सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने खेलो इंडिया, फिट इंडिया और योग जैसे अभियानों पर भी बात की। यह रेखांकित करते हुए कि देश ने मोटे अनाज को श्री अन्न की पहचान दी है, प्रधानमंत्री ने कहा कि ज्वार और बाजरा जैसे मोटे अनाज सुपरफूड्स की श्रेणी में आते हैं। प्रधानमंत्री ने युवाओं से इन अभियानों में शामिल होने और देश के इस मिशन को आगे बढ़ाने करने का आग्रह किया।

संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “आज ओलंपिक से लेकर अन्य बड़े टूर्नामेंट में आप जैसे युवा खिलाड़ी ही पदक जीतने की उस विरासत को आगे बढ़ाएंगे।उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि युवा इसी तरह चमकते रहेंगे और अपनी सफलताओं की चमक से देश का नाम रोशन करेंगे।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ और गोरखपुर से सांसद श्री रवि किशन शुक्ला सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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