प्रधानमंत्री कार्यालय
                
                
                
                
                
                    
                    
                        प्रधानमंत्री 10 अगस्त को पानीपत में 2जी इथेनॉल संयंत्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे
                    
                    
                        
इस संयंत्र में सालाना लगभग तीन करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन करने हेतु लगभग दो लाख टन चावल के भूसे का उपयोग किया जाएगा
जैव ईंधन का यह उत्पादन अतिरिक्त आय के अवसर सृजित करके किसानों को सशक्त करेगा
यह कदम सालाना लगभग तीन लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर के उत्सर्जन में कमी लाने में भी योगदान देगा
                    
                
                
                    Posted On:
                08 AUG 2022 5:27PM by PIB Delhi
                
                
                
                
                
                
                विश्व जैव ईंधन दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 10 अगस्त, 2022 को शाम 4:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरियाणा के पानीपत में दूसरी पीढ़ी के (2जी) इथेनॉल संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
इस संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित करने का यह कदम देश में जैव ईंधन के उत्पादन एवं उपयोग को बढ़ावा देने हेतु सरकार द्वारा सालों से उठाए गए कदमों की एक लंबी श्रृंखला का हिस्सा है। यह कदम ऊर्जा क्षेत्र को अधिक किफायती, सुलभ, कुशल और टिकाऊ बनाने के प्रधानमंत्री के निरंतर प्रयासों के अनुरूप है।
इस 2जी एथेनॉल संयंत्र का निर्माण इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) द्वारा 900 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से किया गया है और यह पानीपत रिफाइनरी के निकट स्थित है। अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक पर आधारित, यह परियोजना सालाना लगभग तीन करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन करने हेतु सालाना लगभग दो लाख टन चावल के भूसे (पराली) का उपयोग करके भारत के कचरे से धन अर्जित करने के प्रयासों की दिशा में एक नए अध्याय की शुरुआत करेगी।
कृषिगत फसलों के अवशेषों का एक अंतिम उपयोग करके किसानों को सशक्त बनाया जाएगा और उन्हें अतिरिक्त आय सृजित करने का अवसर प्रदान किया जाएगा। यह परियोजना इस संयंत्र के संचालन में शामिल लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगी और धान के पुआल को काटने, संभालने, भंडारण आदि के जरिए आपूर्ति श्रृंखला में अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा।
इस परियोजना में शून्य तरल प्रवाह होगा। चावल के भूसे (पराली) को जलाने में कमी के माध्यम से, यह परियोजना ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा में सालाना लगभग तीन लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन के बराबर की कमी लाने में योगदान देगी, जिसे देश की सड़कों से सालाना लगभग 63,000 कारों के हटने के बराबर माना जा सकता है।
****
एमजी / एएम / आर / वाईबी 
                
                
                
                
                
                (Release ID: 1850047)
                Visitor Counter : 994
                
                
                
                    
                
                
                    
                
                Read this release in: 
                
                        
                        
                            Bengali 
                    
                        ,
                    
                        
                        
                            Assamese 
                    
                        ,
                    
                        
                        
                            Malayalam 
                    
                        ,
                    
                        
                        
                            Gujarati 
                    
                        ,
                    
                        
                        
                            English 
                    
                        ,
                    
                        
                        
                            Urdu 
                    
                        ,
                    
                        
                        
                            Marathi 
                    
                        ,
                    
                        
                        
                            Manipuri 
                    
                        ,
                    
                        
                        
                            Punjabi 
                    
                        ,
                    
                        
                        
                            Odia 
                    
                        ,
                    
                        
                        
                            Tamil 
                    
                        ,
                    
                        
                        
                            Telugu 
                    
                        ,
                    
                        
                        
                            Kannada