पंचायती राज मंत्रालय
पंचायती राज मंत्रालय ने आजादी का अमृत महोत्सव को यादगार बनाने के लिए 11 अप्रैल से 17 अप्रैल, 2022 तक आइकॉनिक वीक के आयोजन की तैयारी की
उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के बारे में राष्ट्रीय हितधारक सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे
आइकॉनिक वीक के उत्सव का विषय ‘पंचायतों के नवनिर्माण का संकल्पोत्सव’ है
आइकॉनिक वीक समारोह के दौरान 7 राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे
Posted On:
09 APR 2022 12:27PM by PIB Delhi
पंचायती राज मंत्रालय आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) को यादगार बनाने के उद्देश्य से 11 अप्रैल से 17 अप्रैल, 2022 तक जन-भागीदारी की भावना से जन-उत्सव के रूप में आइकॉनिक वीक का आयोजन करेगा। "संपूर्ण समाज" और "संपूर्ण सरकार" के दृष्टिकोण का अनुसरण करते हुए इस महत्वपूर्ण अवसर को पूरे उत्साह से मनाने के लिए, पंचायती राज मंत्रालय ने पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के स्थानीयकरण की दिशा में सभी हितधारकों के विचारों, अवधारणाओं, चिंतन, तैयारियों, तकनीकी प्रयासों, सर्वोत्तम तौर-तरीकों और अत्याधुनिक अंतर्दृष्टि को एक साथ प्रस्तुत करने के लिए "पंचायतों के नवनिर्माण का संकल्पोत्सव" विषय पर आइकॉनिक वीक के लिए विषयगत सम्मेलनों की एक श्रृंखला तैयार की है।
11 अप्रैल, 2022 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के बारे में राष्ट्रीय हितधारक सम्मेलन आयोजित करने के साथ सप्ताह भर चलने वाले यादगार कार्यक्रम शुरू होंगे। उपराष्ट्रपति इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे और राष्ट्रीय हितधारक सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस कारण से भी इसका अधिक महत्व है। उपराष्ट्रपति उद्घाटन सत्र के दौरान सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण का लोगो, सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के संचालन के बारे में राज्यों को जारी परामर्श का संकलन और ग्राम पंचायतों द्वारा उपयोग के लिए विषयगत प्रस्तुतियों के संकलन का भी विमोचन करेंगे। केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केन्द्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल, केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। राज्यों के पंचायती राज मंत्रियों, राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों के पंचायती राज विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडी-पीआर), राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एसआईआरडी-पीआर) और पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को भी राष्ट्रीय हितधारक सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। सात दिवसीय विषयगत सम्मेलनों का विवरण इस प्रकार है:
क्र.सं.
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दिनांक/दिन
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राष्ट्रीय सम्मेलन
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1.
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11 अप्रैल, 2022 (सोमवार)
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सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के बारे में राष्ट्रीय हितधारक सम्मेलन।
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2.
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12 अप्रैल, 2022 (मंगलवार)
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सुशासन पर राष्ट्रीय सम्मेलन।
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3.
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13 अप्रैल, 2022 (बुधवार)
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बच्चों के अनुकूल गांव और गांवों में लैंगिक समानता के लिए विकास को बढ़ावा देने को लेकर एसडीजी के स्थानीयकरण के बारे में राष्ट्रीय सम्मेलन।
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4.
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14 अप्रैल, 2022 (गुरुवार)
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ग्रामीण स्थानीय निकायों के स्वयं के स्रोत राजस्व के संवर्धन पर राष्ट्रीय सम्मेलन।
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5.
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15 अप्रैल, 2022 (शुक्रवार)
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स्वस्थ गांव और सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव के बारे में एसडीजी के स्थानीयकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन।
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6.
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16 अप्रैल, 2022 (शनिवार)
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जल पर्याप्त गांव और स्वच्छ एवं हरित गांव को लेकर एसडीजी के स्थानीयकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन।
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7.
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17 अप्रैल, 2022 (रविवार)
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गरीबी-मुक्त एवं उन्नत आजीविका गांव और गांव में आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे को लेकर एसडीजी के स्थानीयकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन।
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आइकॉनिक वीक के दौरान राष्ट्रीय सम्मेलन एक इंटरैक्टिव और जीवंत तरीके से आयोजित किए जाएंगे। पंचायती राज मंत्रालय ने देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र और जमीनी स्तर पर शासन के स्तंभों को मजबूत करने और सभी स्तरों पर पंचायतों के प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होने के नाते, इस आइकॉनिक वीक को इस तरह से मनाने का प्रयास किया है कि यह सम्मेलन राष्ट्रीय प्रभाव और दीर्घकालिक प्रयोजन से पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के स्थानीयकरण की दिशा में सभी हितधारकों के बीच ज्ञान और विचारों के आदान-प्रदान तथा साझेदारी के लिए एक उपयोगी मंच साबित हो और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने तथा संसाधन जुटाने को लेकर पंचायती राज्य संस्थाओं के कार्यों को व्यापक समर्थन प्राप्त हो। आइकॉनिक वीक (11-17 अप्रैल, 2022) के दौरान आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलनों में सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने के लिए समृद्ध विचार-विमर्श और ठोस परिणाम देखने को मिलेंगे और यह देश के सभी हिस्सों से भाग लेने वाले प्रतिभागियों के लिए एक अच्छा अनुभव साबित होगा।
आइकॉनिक वीक का उत्सव एक ऐसे आंदोलन के निर्माण में मदद करेगा, जो सभी हितधारकों को सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्राप्ति की गति में तेजी लाने के लिए प्रेरित करेगा और हमारे देश को सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रतिबद्धताओं (ग्रामीण भारत में पंचायतों के माध्यम से) को समय पर पूरा करने में मदद करेगा। आइकॉनिक वीक के कार्यक्रम सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में पंचायतों की भूमिका की प्रमुखता को रेखांकित करेंगे और सामुदायिक जागरूकता एवं भागीदारी के विकास के लिए आवश्यक जागरूकता पैदा करेंगे। सात दिवसीय संवाद सम्मेलन में देश भर से पंचायतों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति विचारों और अनुभवों के आदान-प्रदान के लिए एक उपयुक्त अवसर और मंच होगा। सात दिवसीय कार्यक्रमों को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह पंचायतों और अन्य प्रमुख हितधारकों के लिए अत्यधिक फायदेमंद होगा।
पंचायती राज संस्थाओं, संबंधित मंत्रालयों/विभागों, राज्य सरकारों/केंद्र-शासित प्रदेशों के प्रशासन, नागरिक समाज, समुदायों, आईआईटी/आईआईएम अकादमिक, गैर-सरकारी संगठनों/सामुदायिक संगठनों, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों आदि जैसे विभिन्न हितधारकों की भागीदारी और सार्थक भागीदारी के बढ़े हुए स्तर को सुनिश्चित करने के लिए एक सशक्त संपूर्ण-समाज और संपूर्ण-सरकार के दृष्टिकोण का पालन किया गया है। सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मंत्रालय/संबद्ध मंत्रालयों और अन्य हितधारकों की विभिन्न पहलों/गतिविधियों/तैयारियों को प्रस्तुत किया जाएगा और ग्राम पंचायतों के लिए निर्धारित किए गए नौ विषय- (i) गरीबी मुक्त और बढ़ी हुई आजीविका वाला गांव (थीम 1), (ii) स्वस्थ गांव (थीम 2), (iii) बच्चों के अनुकूल गांव (थीम 3), (iv) पानी की पर्याप्तता वाला गांव (थीम 4) , (v) स्वच्छ और हरित गांव (थीम 5), (vi) गांव में आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा (थीम 6), (vii) सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव (थीम 7), (viii) सुशासन वाला गांव (थीम 8) और (ix) गांव में विकास की शुरुआत (थीम 9) पर जोर देने के बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा।
भविष्य के रोडमैप और आवश्यक कार्रवाई के लिए विभिन्न हितधारकों के विचार एवं दृष्टिकोण का आदान-प्रदान और दस्तावेजीकरण किया जाएगा। ये सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम करेंगे क्योंकि केंद्रीय मंत्री, पंचायती राज मंत्री और अन्य हितधारक इस प्रयास के लिए मंत्रालयों/राज्यों के विचारों, दृष्टिकोण और तैयारियों को साझा करेंगे। सतत विकास लक्ष्यों के लिए 2030 एजेंडा को प्राप्त करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए इस अवसर पर सभी प्रमुख हितधारक भी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में लोगों और पंचायती राज संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाओं के लक्षित वितरण और अच्छी तरह से परिभाषित लक्ष्यों की प्राप्ति पर ध्यान देने के साथ मंत्रालयों के समग्र और सम्मिलित दृष्टिकोण पर गहन विचार-विमर्श पर मुख्य रूप से जोर दिया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर के समारोह के अलावा, राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों के ग्राम पंचायतों को आइकॉनिक वीक (11 से 17 अप्रैल, 2022) के दौरान पंचायत बैठकें आयोजित करने की सलाह देने का अनुरोध किया गया है, जिसमें सतत विकास लक्ष्यों के उपर्युक्त नौ विषयों पर विचार-विमर्श और 2022-2023 में ध्यान केंद्रित करने के लिए इनमें से किसी एक या अधिक विषय को अपनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे आजादी का अमृत महोत्सव को उचित तरीके से मनाने के लिए आइकॉनिक वीक (11 से 17 अप्रैल, 2022) के दौरान राज्य, जिला और ग्राम पंचायत स्तर पर समारोह आयोजित करें।
पृष्ठभूमि:
आजादी का अमृत महोत्सव की आधिकारिक शुरुआत 12 मार्च 2021 से हुई जिससे भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के लिए 75 सप्ताह की उल्टी गिनती शुरू हुई। पंचायती राज मंत्रालय पंचायती राज संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए, राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के पंचायती राज विभागों को शामिल करते हुए आजादी का अमृत महोत्सव के बारे में ग्रामीण जनता के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए जोरदार प्रयास कर रहा है।
एक समर्पित डैशबोर्ड [https://IndiaAt75.nic.in/] आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के हिस्से के रूप में पंचायत स्तर पर किए गए कार्यक्रमों/गतिविधियों के संबंध में प्रगति को दर्शाने के लिए और प्रासंगिक सामग्री (फोटो, वीडियो, समाचार-क्लिपिंग आदि) को उक्त India@75 डैशबोर्ड पर अपलोड करने के लिए बनाया गया है, जिससे आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में विभिन्न गतिविधियों में पंचायती राज संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी के साथ, ग्रामीण जनता तक पहुंचना और उन्हें आजादी का अमृत महोत्सव के महत्व व उद्देश्यों के बारे में जागरूक करना संभव हुआ है।
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