वित्‍त मंत्रालय

सीबीडीटी ने कराधान कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 द्वारा किए गए संशोधनों को लागू करने के नियमों को अधिसूचित किया

Posted On: 02 OCT 2021 2:24PM by PIB Delhi

कराधान कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 (2021 अधिनियम), ने अन्य बातों के साथ-साथ, आयकर अधिनियम, 1961 (आयकर अधिनियम) में संशोधन किया ताकि यह प्रावधान किया जा सके कि 28 मई, 2012 (यानी वह तिथि जब वित्त विधेयक 2012 की राष्‍ट्रपति से सहमति प्राप्‍त हुई थी) से पूर्व की गई किसी लेन-देन के मामले में भारतीय परिसंपत्तियों के किसी भी अपतटीय अप्रत्‍यक्ष हस्‍तांतरण के लिए वित्त अधिनियम, 2012 द्वारा आयकर अधिनियम की धारा 9 में किए गए संशोधन के आधार पर भविष्‍य में कोई मांग नहीं उठाई जाएगी।

2021 अधिनियम यह भी प्रावधान करता है कि 28 मई, 2012 से पहले (वित्त अधिनियम 2012 की धारा 119 के तहत प्रदान की गई मांग के सत्यापन सहित) किए गए भारतीय परिसंपत्तियों के अपतटीय अप्रत्‍यक्ष हस्‍तांतरण के लिए की गई मांग, दावा वापस लेने या लंबित वाद को वापस लेने के लिए अंडरटेकिंग देने या इस आशय की अंडरटेकिंग देना की लागत, नुकसान, ब्‍याज आदि के लिए कोई दावा दायर नहीं किया जाएगा और ऐसी अन्य शर्तों को पूरा किया जाएगा जो निर्धारित की जाए, जैसी निर्दिष्‍ट शर्तों की पूर्ति पर मांग, अमान्‍य होगी। उक्‍त शर्तों को पूरा करने पर इन मामलों में भुगतान/वसूल की गई राशि बिना किसी ब्‍याज के वापस की जाएगी।

आयकर नियम, 1962 में संशोधन करने के लिए, ऊपर निर्दिष्ट शर्तों को निर्धारित करते हुए और बिना किसी लागत, नुकसान, ब्याज आदि का दावा करने वाले लंबित मुकदमे को वापस लेने का उपक्रम प्रस्तुत करने के लिए प्रपत्र और तरीके प्रदान करते हुए मसौदा नियम परिचालित किए गए थे। 28 अगस्त, 2021 को सार्वजनिक क्षेत्र में 4 सितम्‍बर, 2021 तक सभी हितधारकों से सुझाव/टिप्पणियां आमंत्रित की गई थी।

हितधारकों की टिप्पणियों की जांच करने और उसमें दर्शाए गए अनेक सुझावों को शामिल करने के बाद, 2021 अधिनियम को लागू करने की नियमावली को आधिकारिक राजपत्र में 1 अक्टूबर, 2021 की अधिसूचना संख्या जीएसआर 713 (ई) के तहत प्रकाशित किया गया है, जिसमें निम्नलिखित नियमों को आयकर नियमावली 1962 में शामिल किया गया है-

  1. नियम 11यूई जो 2021 अधिनियम के तहत राहत का दावा करने के योग्य होने के लिए निर्दिष्ट शर्तों का प्रावधान करता है; तथा
  2. नियम 11यूएफ जो लंबित मुकदमे को वापस लेने, बिना किसी लागत या हर्जाने के दावा करने के लिए अंडरटेकिंग प्रस्तुत करने के स्‍वरूप और तरीके का प्रावधान करता है।

उपरोक्त नियमों वाली अधिसूचना www.incometaxindia.gov.in पर देखी जा सकती है।

एमजी/एएम/आईपीएस/वीके



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