इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय

जी20 डिजिटल मंत्रियों की बैठक में डिजिटलीकरण का लाभ उठाने के लिए "लचीले, मजबूत, सतत और समावेशी विकास” के मॉडल को अपनाया गया 


आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने इस सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वर्चुअली किया 

सामाजिक  में समावेशी विकास के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था महत्वपूर्ण साधन है: आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव 

जी20 देशों को प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए सभी को मुफ्त, खुले, पारदर्शी, सुरक्षित और भरोसेमंद इंटरनेट पर सहयोग करना चाहिए: आईटी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर 

Posted On: 06 AUG 2021 11:49AM by PIB Delhi

इटली के ट्राइस्टे शहर में 5 अगस्त, 2020 को आयोजित जी20 डिजिटल मंत्रियों की बैठक में, जी20 मंत्रियों ने डिजिटलीकरण का लाभ उठाने के लिए "लचीला, मजबूत, सतत और समावेशी विकास” मॉडल अपनाने की घोषणा की। मंत्रियों ने डिजिटल अर्थव्यवस्था और डिजिटल सरकार के आधार पर सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम करने पर सहमति व्यक्त की।

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इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, श्री अश्विनी वैष्णव ने वर्चुअल रूप से जुड़कर भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और डिजिटलीकरण में भारत की सफलता की कहानी साझा की। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, राज्यमंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर भी बैठक में शामिल हुए।

श्री वैष्णव ने डिजिटल समावेश और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए 2015 से डिजिटल इंडिया के माध्यम से प्राप्त किए गए उपलब्धियों को साझा किया। डिजिटल प्रौद्योगिकियों और सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे कि आधार, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) आदि के माध्यम से लोगों के सशक्तिकरण के बारे में बोलते हुए, उन्होंने कहा, “1.29 बिलियन लोगों को डिजिटल पहचान पत्र आधार प्रदान किया गया है। साथ ही 430 मिलियन गरीब लोगों के बैंक खाते खोले गए हैं। इन दोनों को जोड़ कर सीधे बैंक खातों में सरकार की जनकल्याणकारी योजना के लाभ भेज जा रहे हैं जिससे वितरण प्रणाली में गड़बड़ी समाप्त हो गया है। भारत के लगभग 900 मिलियन नागरिक एक या अधिक योजनाओं का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इसने न केवल आम नागरिकों को सशक्त बनाया है बल्कि पिछले सात वर्षों में 24 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की बचत भी की है।

श्री वैष्णव ने महामारी के दौरान डिजिटल समावेशन के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जिसके लिए भारत एक मजबूत समर्थक रहा है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी डिजिटल समावेशन के लिए है न कि डिजिटल विभाजन पैदा करने के लिए और भारत हमेशा इस बात की वकालत करता रहा है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था सामाजिक समावेश के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने जी20 फोरम में घनिष्ठ भागीदारी के लिए भारत के समर्थन की प्रतिबद्धता जताई और देशों को डिजिटल समावेशन और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में भविष्य में सहयोग के लिए आमंत्रित किया।

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राज्यमंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत डिजिटल प्लेटफॉर्म और कनेक्टिविटी सहित मजबूत और सुरक्षित डिजिटल बुनियादी ढांचे की उपलब्धता के लिए भारत के मॉडल को जी20 देशों के साथ साझा किया। श्री चंद्रशेखर ने ‘आधार’ (विशिष्ट डिजिटल पहचान) की भूमिका के बारे में बताया कि कैसे यह भारत के निवासियों को कभी भी, कहीं भी प्रमाणितत करने के लिए सशक्त माध्यम बन गया है और एक कुशल और पारदर्शी तरीके से सरकारी सब्सिडी का लाभ और सेवाओं का सफलतापूर्वक वितरण प्रदान करता है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया के इतिहास में किसी भी समय से अधिक, प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण का इस्तेमाल कोविड-19 के दौरान  सरकारों द्वारा किया गया है। कोविड की वजह से जीवन, आजीविका और अर्थव्यवस्थाएं बाधित हुई हैं। इसको सुचारू रूप से चलाने में डिजिटल टेक्नोलॉजी की अहम भूमिका रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि जी20 देशों को प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए सभी के लिए मुफ्त, खुले, पारदर्शी, सुरक्षित और भरोसेमंद इंटरनेट पर सहयोग करना चाहिए।

मंत्रियों ने यह भी साझा किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने गरीब और वंचित नागरिकों के जीवन को बदलने के लिए एक प्रौद्योगिकी आधारित मॉडल का किस तरह सफलतापूर्वक अपनाया है।

 
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