वित्‍त मंत्रालय

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अनंतिम प्रत्यक्ष कर संग्रह में लगभग 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है


शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह; वित्त वर्ष 2020-21 के 9.05 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संशोधित अनुमान का 104.46 प्रतिशत रहा है

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अग्रिम कर संग्रह 4.95 लाख करोड़ रुपये रहा, जो लगभग 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है

अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 महामारी के कारण अंतर्निहित चुनौतियों के बावजूद वित्त वर्ष 2020-21 के लिए शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि दर्ज की गयी है

वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान रिफंड के रूप में 2.61 लाख करोड़ रुपये जारी किए गए हैं

Posted On: 09 APR 2021 12:22PM by PIB Delhi

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह के अनंतिम आंकड़े बताते हैं कि शुद्ध संग्रह 9.45 लाख करोड़ रुपये रहा है। शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में निगम कर (सीआईटी) के रूप में 4.57 लाख करोड़ रुपये और सुरक्षा लेन-देन टैक्स (एसटीटी) समेत व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) के रूप में 4.88 लाख करोड़ रुपये शामिल हैं। शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह; वित्त वर्ष 2020-21 के 9.05 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संशोधित अनुमान का 104.46 प्रतिशत रहा है।

प्रत्यक्ष करों का सकल संग्रह (रिफंड के लिए समायोजन से पहले) वित्त वर्ष  2020-21 के लिए 12.06 लाख करोड़ रुपये रहा है। इसमें निगम कर (सीआईटी) के रूप में 6.31 लाख करोड़ रुपये और सुरक्षा लेन-देन टैक्स (एसटीटी) समेत व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) के रूप में 5.75 लाख करोड़ रुपये; अग्रिम कर के रूप में 4.95 लाख करोड़ रुपये; स्रोत पर टैक्स कटौती (केन्द्रीय टीडीएस समेत) के रूप में 5.45 लाख करोड़ रुपये; स्व-मूल्यांकन कर के रूप में 1.07 लाख करोड़ रुपये; नियमित मूल्यांकन कर के रूप में 42,372 करोड़ रुपये; लाभांश वितरण कर के रूप में 13,237 करोड़ रुपये तथा अन्य छोटे मदों के तहत कर के रूप में 2,612 करोड़ रुपये शामिल हैं। 

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एक बेहद चुनौतीपूर्ण वर्ष के बावजूद, वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अग्रिम कर संग्रह 4.95 लाख करोड़ रुपये रहा है और इसमें पिछले वित्त वर्ष के 4.64 लाख करोड़ रुपये के अग्रिम कर संग्रह की तुलना में लगभग 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है

वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान रिफंड के रूप में 2.61 लाख करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जबकि वित्त वर्ष 2019-20 में रिफंड के रूप में 1.83 लाख करोड़ रुपये जारी किये गए थे। इस प्रकार, रिफंड के मद में भी पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले लगभग 42.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

उपरोक्त आंकड़े अभी तक अनंतिम हैं और संग्रह के अंतिम आंकड़ों की तुलना के बाद बदलाव इनमें हो सकते हैं।

 

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