मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
वर्षांत समीक्षा : पशुपालन एवं डेयरी विभाग
आत्मसनिर्भर भारत अभियान के तहत 15,000 करोड़ रुपये के पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास कोष की स्थाभपना की गई
राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चरण-II शुरू किया गया, 2.64 लाख कृत्रिम गर्भाधान किए गए जिससे 1.73 लाख किसान लाभान्वित हुए
किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पीएम-किसान लाभार्थियों को रियायती ऋण उपलब्ध कराने के लिए विशेष अभियान चलाया गया
Posted On:
22 DEC 2020 4:05PM by PIB Delhi
(1) पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास कोष (एएचआईडीएफ)
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान प्रोत्साहन पैकेज के तहत 15,000 करोड़ रुपये के पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास कोष की स्थापना करने की घोषणा की है। एएचआईडीएफ को व्यक्तिगत उद्यमियों, निजी कंपनियों, एमएसएमई, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और धारा 8 कंपनियों द्वारा (i) डेयरी प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन बुनियादी ढांचा (ii) मांस प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन बुनियादी ढांचा (iii) पशु आहार संयंत्र स्थापित करने के लिए निवेशों को प्रोत्साहित करने हेतु मंजूरी दी गई है। सभी पात्र संस्थाओं को 3 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। अभी तक एएचआईडीएफ के तहत बैंकों द्वारा 150 करोड़ रुपये का परियोजना ऋण मंजूर किया गया है। पात्र संस्थाएं ऋण के लिए वेबसाइट https://ahidf.udyamimitra.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं।
(2) राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम (एनएआईपी) चरण-II
देश के 600 जिलों के लिए प्रति जिला 20,000 गायों के लिए सरकार ने सितम्बर 2019 में राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम शुरू किया गया था। यह नस्ल सुधार करने के लिए शत-प्रतिशत केन्द्रीय सहायता से चलाए जाने वाला एक सबसे बड़ा कार्यक्रम है। राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चरण-I के तहत 90 लाख कृत्रिम गर्भाधान किए गए थे जिससे 32 लाख किसान लाभान्वित हुए। एनएआईपी चरण-II के तहत अभी तक 2.64 लाख कृत्रिम गर्भाधान किए गए हैं जिससे 1.73 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं।
(3) डेयरी क्षेत्र के लिए कार्यकारी पूंजीगत ऋणों पर ब्याज अनुदान
पशुपालन और डेयरी विभाग ने अपनी ‘डेयरी गतिविधियों में लगी डेयरी सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों की सहायता योजना’ (एसडीसी एंड एफपीओ) के तहत एक घटक के रूप में डेयरी क्षेत्र को कार्यकारी पूंजीगत ऋणों पर ब्याज अनुदान के नए घटक की शुरुआत की है। इस योजना के ब्याज अनुदान घटक के तहत 16 अक्टूबर, 2020 तक दुग्ध यूनियनों को 8031.23 करोड़ रुपये की पात्र कुल कार्यकारी पूंजीगत ऋण राशि के लिए ब्याज अनुदान राशि के रूप में 100.85 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।
(4) पशुपालन और डेयरी किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी)
किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पीएम-किसान लाभार्थियों को रियायती ऋण उपलब्ध कराने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया गया है। पशुपालन एवं डेयरी किसानों को इस अभियान में शामिल किया गया है। इससे ऐसे किसान रियायती ब्याज दरों पर संस्थागत ऋण प्राप्त करने में समर्थ होंगे। 2.5 करोड़ किसानों को ये कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे जिनसे लगभग 2 लाख करोड़ रुपये के ऋण प्रवाह का लाभ मिलेगा। अभी तक दुग्ध संघों द्वारा डेयरी किसानों के 51.23 लाख आवेदन एकत्र किए गए हैं इनमें से 41.40 लाख आवेदन बैंकों को भेजे गए हैं।
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एमजी/एएम/आईपीएस/वीके/एसएस
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