विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) देश की तेजी से बदलती हुई भविष्य की जरूरतों के लिए काम कर रहा है: डीएसटी सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा


भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहाकार डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम  ने कहा, "यह ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का क्षितिज व्यापक है और कॉरपोरेट्स, नीति निर्माताओं और संस्थानों के लिए आर्थिक विकास और प्रगति के लिए इसका उपयोग करना बहुत आवश्यक है"

Posted On: 09 NOV 2020 3:00PM by PIB Delhi

अभी हाल में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा अपनी 50वीं वर्षगांठ का समारोह मनाने के लिए आयोजित एक वेबिनार में प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का उपयोग करके नवाचार, स्टार्टअप्स, नए रोजगार के सृजन पर बहुत जोर देते हुए डीएसटी देश की भविष्य की उन जरूरतों के लिए काम कर रहा है जो बहुत तेज गति से और बड़े पैमाने पर बदल रही हैं।

प्रोफेसर शर्मा ने वेबिनार में कहा डीएसटी विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सभी क्षेत्रों में क्षमता और सामर्थ्य विकसित करने के लिए काम कर रहा है। पिछले पांच वर्षों के दौरान हमारा बजट दोगुना हो गया है। इसलिए हम विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में अधिक से अधिक खोज करने में सक्षम हो रहे हैं, ताकि समृद्ध भविष्य के लिए नवाचार का उपयोग करने में मदद की जा सके। इस वेबिनार का आयोजन नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन (एनसीएसटीसी) और विज्ञान प्रसार द्वारा ‘ऑन द अदर साइड ऑफ द पेन्डेमिक’ पर डीएसटी गोल्डन जुबली डिस्कोर्स सीरीज़ के एक हिस्से के रूप में किया गया।

इस अवसर पर भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने राष्ट्र निर्माण और देश की आर्थिक प्रगति तथा तेजी से बदलती हुई दुनिया में आगे बढ़ने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका पर चर्चा की।

राष्ट्र निर्माण के कार्यों में डीएसटी की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि नवाचार आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण घटक है। हमने अब तक बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन जब हम अगले 50 वर्षों की ओर देखते हैं, तो यह ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण होगा कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का क्षितिज व्यापक है और कॉरपोरेट्स, नीति निर्माताओं और संस्थानों के लिए यह आवश्यक है कि देश की समस्याओं के संदर्भ में अनुसंधान को लागू करके आर्थिक विकास और समृद्धि के लिए इसका उपयोग किया जाए। खोजपूर्ण नवाचार मार्ग से हटकर होता है और इसमें विफलताएं भी शामिल हो सकती हैं। इसलिए बेहतर शानदार परिणाम प्राप्त करने के लिए विफलताओं को भी सहन किया जाना चाहिए।

उन्होंने लोगों से जागरूक होने, मास्क पहनने, सैनिटाइज़र का उपयोग करने, बार-बार हाथ धोने, भीड़ से बचने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के संबंध में कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की जरूरत पर जोर दिया ताकि कुछ यूरोपीय और अन्य देशों के समान इस महामारी की दूसरी और तीसरी लहर के गंभीर परिणामों से बचा जा सके।

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