जल शक्ति मंत्रालय

नल जल कनेक्शन जल जीवन मिशन के तहत अरुणाचल प्रदेश के सुदूर गांवों तक पहुंचा

Posted On: 14 OCT 2020 4:51PM by PIB Delhi

  

 

ब्रोकसार्थंग भारत और भूटान के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी केमेंग जिले का एक छोटा सा गांव है। यह मध्य समुद्री स्तर (एमएसएल) से लगभग 2,900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां ‘ब्रोकपा‘ समुदाय से संबंधित 170 व्यक्तियों की वर्तमान आबादी के साथ 22 परिवार हैं। ब्रोकपा याक के पालन पोषण एवं खानाबदोश जीवनशैली के लिए विख्यात हैं। यह गांव जिला मुख्यालय बोमडिला से लगभग 76 किमी की दूरी पर तथा निकटतम शहर दिरांग से 36 किमी की दूरी पर है।

2019 तक, गांववासी जलापूर्ति की बड़ी कमी से जूझ रहे थे, लेकिन जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग ने 2020 में गांव के सभी परिवारों को उपचारित जलापूर्ति उपलब्ध करा दी। यह स्कीम पाइप्ड ग्रेविटी सिस्टम पर आधारित है और इसमें उपचार संयंत्र के प्रावधान के साथ 67 लाख रुपये की अनुमानित लागत के साथ इसकी रूपरेखा भविष्य की आबादी को ध्यान में रखकर भी बनाई गई है। स्कीम के योजना निर्माण एवं कार्यान्वयन में समुदाय को भी जोड़ा गया था। उन्होंने श्रम के रूप में जलापूर्ति स्कीम में गांव के संस्थानिक घटक के 5 प्रतिशत का योगदान दिया। ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति सक्रिय है और समिति प्रणाली के ओएंडएम का भार ग्रहण करने की प्रक्रिया में है। जल जीवन मिशन जलापूर्ति स्कीमों के योजना निर्माण, कार्यान्वयन, प्रचालन और रखरखाव में स्थानीय समुदाय की भागीदारी अधिदेशित करता है।

जाड़े में शून्य से नीचे के तापमान से लेकर मानसून में लगातार वर्षा के कारण उपचारित जलापूर्ति उपलब्ध कराने का दायित्व आसान नहीं था। निर्माण कार्य सबसे दुष्कर हिस्सा था क्योंकि एक तो कुशल राजगीरों और मजदूरों को ढूंढना बहुत कठिन था और दूसरा अत्यधिक ठंड और मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण वे अक्सर काम छोड़ते रहे। जमी हुई बर्फीली सड़क, कोहरे के कारण शून्य दृश्यता और अक्सर होने वाले भूस्खलनों के कारण निर्माण के दौरान सामग्रियों की मालढुलाई और निगरानी भी उतना ही मुश्किल था। लेकिन इन सभी कठिनाइयों का बहादुरी से सामना करते हुए, निर्धारित स्कीम में परिकल्पित योजना के अनुरूप काम पूरा किया गया। सबसे अधिक प्रसन्न ग्रामीण थे, उनकी प्रसन्नता स्पष्ट रूप से झलक रही थी जब उन्होंने प्रार्थना के समय हाथों में पारंपरिक ‘कड़ा‘ बांधने के साथ अपने घरों में पानी प्राप्त किया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2019 को घोषित जल जीवन मिशन 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार में नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराने के उद्वेश्य के साथ राज्यो के साथ साझीदारी में कार्यान्वयन के अधीन है। मिशन का लक्ष्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नियमित एवं दीर्घकालिक आधार पर 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन (एलपीसीडी) के सेवा स्तर पर पीने के पानी की आश्वस्त उपलब्धता में सक्षम बनाना है।  

इन कठिन तराई क्षेत्रों एवं काफी ऊंचाई पर जल जीवन मिशन का कार्यान्वयन एक दुष्कर कार्य है। कठोर जलवायुगत स्थितियों एवं निम्न कनेक्टिविटी के साथ बाधाएं बढ़ती जाती हैं। इतना ही चुनौतीपूर्ण काम स्थानीय समुदाय में व्यवहारगत बदलाव लाना है जो अपनी मान्यताओं तथा जीवनशैली को आसानी से छोड़ना नहीं चाहते। लेकिन इस सुदूर गांव की सफलता गाथा लोगों, विशेष रूप से महिलाओं के जीवन में सुधार लाने के केंद्रीय सरकार द्वारा परिकल्पित बेहतर भविष्य का एक प्रमाण है।

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