रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय

इफको और प्रसार भारती ने भारतीय कृषि के विकास के लिए कृषि प्रौद्योगिकी एवं नवाचारों के प्रसारण और प्रोत्साहन के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

Posted On: 06 OCT 2020 5:38PM by PIB Delhi

विश्व की सबसे बड़ी उर्वरक सहकारी संस्था, भारतीय कृषक उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) और प्रसार भारती ने सोमवार को नई कृषि प्रौद्योगिकी एवं नवाचारों को प्रसारित और प्रोत्साहित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। नई दिल्ली के पृथ्वी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

 

समझौते के अनुसार, किसानों के लाभ के लिए डीडी किसान 30 मिनट की कार्यक्रम श्रृंखला के जरिए कृषि क्षेत्र में अपनाई जा रही विभिन्न नवीन तकनीकों के बारे में आसान भाषा में जानकारी प्रसारित करेगा।

किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह आवश्यक है कि इन नई कृषि तकनीकों और उनके कार्यान्वयन के बारे में उन्हें समझाया जाये। यह समझौता ज्ञापन इस उद्देश्य को पूरा करने में मदद करेगा। इफको के नवाचारों को लगभग 25 एपिसोड में डीडी किसान के माध्यम से आसान भाषा में किसानों के साथ साझा किया जायेगा।

इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू एस अवस्थी ने कहा कि इफको ने यूरिया का विकल्प तैयार किया है, जोकि नैनो तकनीक पर आधारित है और इससे किसानों को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि जिन नवाचारों से किसानों को काफी फायदा हो सकता है, उन्हें अब डीडी किसान पर प्रसारित किया जायेगा। यह पहल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद करेगा।

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन ने इस पहल को किसानों की बेहतरी की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया।

इफको के पास किसानों के लिए नवीन तकनीक है और दूरदर्शन के पास पूरे देश में विशाल नेटवर्क है। दूरदर्शन का विशाल नेटवर्क किसानों को आसान भाषा में कृषि नवाचारों की व्याख्या करने में मदद करेगा, जो उनके लिए बेहद मददगार साबित होगा।

प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पति ने इस पहल को गर्व का विषय बताया। उन्होंने कहा कि इस समाचार माध्यम के जरिए किसानों के साथ आसान भाषा में जानकारियां साझा की जायेंगी। इन कार्यक्रमों को डिजिटल माध्यम से भी प्रसारित किया जाएगा ताकि युवा किसान इस पहल से लाभान्वित हो सकें।

दूरदर्शन के महानिदेशक मयंक अग्रवाल ने कहा कि इस समझौते से वैज्ञानिकों द्वारा प्रयोगशाला में किए गए नवाचारों और खेतों में किसानों द्वारा आजमाए गए प्रयोगों को बढ़ावा मिलेगा जिससे युवा किसानों को मदद मिलेगी।

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