वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

श्री पीयूष गोयल ने हिंदुस्तान चैंबर ऑफ कॉमर्स के 74वें वार्षिक सत्र को संबोधित किया


भारत की आत्मनिर्भर बनने की क्षमता, संचालन के विस्तारित पैमाने, विनिर्माण के बेहतर कार्यव्यवहार को लागू करने और गुणवत्ता सुधार को पूरी दुनिया में मान्यता मिल रही है : श्री गोयल

Posted On: 03 OCT 2020 7:48PM by PIB Delhi

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज हिंदुस्तान चैंबर ऑफ कॉमर्स के 74वें वार्षिक सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित इस वार्षिक सत्र में चैंबर्स ऑफ कॉमर्स की भूमिका और प्रौद्योगिकी के महत्व पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जो बहुत ही सराहनीय विषय है, जिसका महत्व हमने इस महामारी के दौरान महसूस किया है।

मंत्री ने कहा कि हर एक दिन गुजरने के साथ चैंबर ऑफ कॉमर्स की भूमिका ज्यादा से ज्यादा महत्वपूर्ण होती जा रही है। उन्होंने कहा कि चैंबर ने यह जो पहल की है, वह स्पष्ट रूप से उस सद्भावना को दिखाता है, जिसे वह पैदा करने में सक्षम है। चेंबर्स ने सरकार की चिंता वाले क्षेत्रों और जमीनी समस्याओं को उजागर करने और कोविड के खिलाफ लड़ाई की निर्मलता को बनाए रखते हुए कारोबार की समस्याएं दूर करने वाले नए समाधान लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। श्री गोयल ने कहा कि हम सभी अपने कारोबार को नए ढांचे में ढालने (रिफ्रेम) और नए तरीके से सोचने (रि-इमेजिन), सरकार के कामकाज के ढंग को नए सिरे से बनाने (रि-इंजीनियरिंग) और नीतियों, कानूनों और प्रक्रियाओं को समसामयिक (आधुनिक) बनाने के लिए उनमें बदलाव लाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कारोबार (उद्योग) और सरकार मिलकर समाज में हाशिए पर खड़ी आबादी, जो आजादी के 73 वर्षों के लाभ से वंचित है, के बेहतर भविष्य के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, हम पिरामिड के धरातल पर मौजूद लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम करें। हम डिजिटल टेक्नोलॉजी के साथ जुड़ें, ताकि 1.3 अरब भारतीयों का बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए हम व्यापार और सरकार की रफ्तार और अपनी गुणवत्ता में सुधार ला सकें।

मंत्री ने कहा कि यह ऐसा दौर है, जो भारतीय कारोबार के वास्तविक लचीलेपन को परख रहा है। उन्होंने कहा कि हम न केवल पूरी दुनिया भर में पीपीई, मास्क, वेंटिलेटर और दवाओं के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक बन गए हैं, बल्कि उनका निर्यात भी कर रहे हैं। यहां तक कि बहुत सख्त लॉकडाउन के दौरान भी हमारे निर्यात रुके नहीं, दुनिया को दिखा दिया कि भारत एक भरोसमंद साझेदार है। दुनिया अब भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रंखला (ग्लोबल सप्लाई चेन) में एक परखे हुए, भरोसेमंद साझेदार के रूप में देखती है।

पूरी दुनिया ने महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई और हमारी तेजी से वापसी में भारत के अभूतपूर्व कार्य को माना है। भारत की आत्मनिर्भर बनने की क्षमता, संचालन के विस्तारित पैमाने, विनिर्माण के अच्छे कार्य-व्यवहार को अपनाने और गुणवत्ता में सुधार लाने को पूरे विश्व में पहचाना जा रहा है। मैं आज गर्व के साथ कह सकता हूं कि हमारा भारतीय उद्योग भारत के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरा है।''

अर्थव्यवस्था को दोबारा मजबूत बनाने के बारे में बात करते हुए मंत्री ने कहा कि बहुत से आंकड़े इस बात का संकेत कर रहे हैं कि सबसे बुरा समय बीत चुका है। इस साल सितंबर में व्यापारिक निर्यात पिछले साल की तुलना में 5 प्रतिशत ज्यादा रहा, इसी दौरान जीएसटी का संग्रह भी 4 प्रतिशत बढ़ा और रेलवे ने भी 15 प्रतिशत अधिक माल की ढुलाई की है। उन्होंने कहा, "संकेतक बताते हैं कि भारत एक बार फिर उच्च विकास स्तर पर लौट आएगा, जो सचमुच हमारा सौभाग्य है।"

सभी कारोबार को इस मुश्किल वक्त से बाहर निकालने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का भरोसा दिलाते हुए श्री गोयल ने कहा कि यह उद्योग और सरकार का सामूहिक प्रयास है, जिसने दोबारा मजबूती के चरण में लौटने में हमारी मदद की है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के उपयोग द्वारा हम सरकार, व्यापार, वाणिज्य और उद्योग को चलाए रखने और गति बढ़ाने में सक्षम बने हैं।

श्री गोयल ने कहा कि महामारी ने दिखा दिया है कि भारत के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और गरीबों तक गुणवत्तापूर्ण जीवनशैली का लाभ पहुंचाने के लिए बीते 6 वर्षों में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपनाए गए उपाय इस दौर को पार करने में कितने महत्वपूर्ण रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छ्ता मिशन, गरीबों के लिए मुफ्त गैस सिलेंडर व स्वास्थ्य सुविधाएं और जन-धन खाते खोलना, इन सभी ने सेवाओं को बेहतर तरीके से पहुंचाने में मदद की है।

श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री रिफॉर्म (सुधार), परफॉर्म (प्रदर्शन) और ट्रांसफॉर्म (परिवर्तन) के बारे में बात करते हैं और इस संबंध में हमने कृषि, श्रम, खनन, पूंजी बाजार (कैपिटल मार्केट) व बैंकिंग, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और रक्षा क्षेत्र में आमूल-चूल बदलाव लाने वाले सुधारों के लिए कोविड को अवसर के रूप में लिया है। उन्होंने कहा कि इससे भारत मजबूत होगा और हमें ताकतवर स्थिति में दुनिया के साथ जुड़ने के लिए तैयार करेगा।

हालिया कृषि सुधारों के बारे में बात करते हुए श्री गोयल ने कहा कि सच्चाई यह है कि लगभग 10 करोड़ किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये मिल रहे हैं, जो भारत को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने में उनके वृहद योगदान को मिले सम्मान की निशानी है। उन्होंने भारत को कृषि और संसाधित खाद्य उत्पादों (प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स) का बड़ा निर्यातक देश बनाने के लिए किसानों की सराहना की।

श्री गोयल ने कहा कि हम सभी एक टीम के रूप में काम कर रहे हैं, विभागीय खांचों (संकुचित सोच) को तोड़ रहे हैं और कारोबार व कृषि क्षेत्र को पारंपरिक नियंत्रण, लाइसेंस और कोटा राज से मुक्त करा रहे हैं।

मंत्री ने कहा, "एक साथ मिलकर काम करने पर पृथ्वी की कोई भी ताकत भारत को वास्तविक रूप में एक सुपर पावर और अर्थव्यवस्था बनने से नहीं रोक सकती, जो अपने लोगों का ध्यान रखती है और हर एक व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाती है।

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