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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली में एकीकृत स्वास्थ्य सेवा और संचार पर वैश्विक सम्मेलन को संबोधित किया

Posted On: 03 OCT 2020 7:32PM by PIB Delhi

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज नई दिल्ली में एकीकृत स्वास्थ्य सेवा और संचार पर वैश्विक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड ​​ने चिकित्सा जगत का ध्यान एकीकृत स्वास्थ्य सेवा पर स्थानांतरित कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब दुनिया भर के चिकित्सक चिकित्सा व्यवस्था की विभिन्न प्रणालियो के बीच अधिकतम तालमेल की तलाश कर रहे हैं। इस वैश्विक सम्मेलन में विभिन्न देशों के विशेषज्ञों ने भाग लिया।

वेबिनार को सम्बोधित करने वाले लोगों में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से प्रोफेसर एलिसा एपेल, हार्वर्ड विश्वविद्यालय से डॉ. पीटर वेन, लैटिन अमेरिका से डॉ. सूजन बाउर वू और हार्वर्ड से प्रोफेसर विक्रम पटेल तथा अन्य लोग शामिल हैं।

 

 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, कोविड महामारी के दौरान, कई एलोपैथिक चिकित्सा व्यवसायी, जो चिकित्सा की अन्य प्रणालियों के बारे में संदेह करते थे, उन्होंने आयुर्वेद और होमियोपैथी की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं में रुचि दिखानी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, यदि हर आपदा एक गुण के साथ है, तो जहां तक ​​चिकित्सा जगत का संबंध है, महामारी ने चिकित्सा पद्धति की सभी विभिन्न प्रणालियों को एक साथ आने और अधिकतम तालमेल के साथ इस महामारी से निपटने के उपाय खोजने के लिए प्रेरित किया है।

कोविड से पूर्व समय के दौरान भी, यह सबूतों के साथ सिद्ध किया गया था कि गैर-संचारी रोगों के उपचार में, उदाहरण के लिए, मधुमेह-रोग में, इंसुलिन की खुराक या मधुमेह रोधी दवाओं की जगह कुछ विशेष योगभ्यास और प्राकृतिक चिकित्सा में उपलब्ध जीवन शैली में बदलाव लाकर इस रोग से छुटकारा मिल सकता है। उन्होंने कहा, हालांकि कुछ समय पहले तक इस बात में संदेह था लेकिन कोविड की चुनौती से मुकाबले के बाद अब यह संदेह समाप्त हो गया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत में 20वीं शताब्दी के पहले भाग में संक्रमक बीमारियों का प्रचलन अधिक था और उस समय स्वच्छता के अभ्यास गैर-औषधीय जैसे नुस्खे का एक हिस्सा हुआ करते थे, लेकिन अब कोविड ने सुरक्षित दूरी और हाथ धोने के माध्यम से इन प्रथाओं को पुनर्जीवित किया है और आज पूरी दुनिया उन्हें अपनाने के लिए विवश है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद दिलाया कि जब से नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला है, तब से उन्होंने चिकित्सा प्रबंधन की स्वदेशी प्रणाली के गुणों पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने ही संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करवाया, जिसके परिणामस्वरूप योग दुनिया भर में लगभग हर घर में पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी हैं, जिन्होंने स्वदेशी चिकित्सा प्रबंधन प्रणाली के महत्व को देखते हुए एक अलग आयुष मंत्रालय का गठन किया।

 

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