कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह आकांक्षी जिलों के जिला कलेक्टरों के लिए किसी महामारी में सुशासन प्रथाओं पर कल एक कार्यशाला को संबोधित करेंगे
कोविड-19 पर एक दिवसीय कार्यशाला का राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी), प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग तथा राष्ट्रीय रूपांतरकारी भारत संस्थान (एनआईटीआई) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजन किया जा रहा है
Posted On:
03 SEP 2020 4:42PM by PIB Delhi
केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 4 सितंबर, 2020 को एक वेबीनार के जरिये आकांक्षी जिलों में किसी महामारी में सुशासन प्रथाओं पर कल कोविड-19 पर एनसीजीजी-एनआईटीआई एक दिवसीय कार्यशाला में समापन भाषण देंगे। एक दिवसीय सम्मेलन में भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों, राज्य सरकारों के अध्यक्ष एवं वक्ता तथा जिला कलेक्टर शामिल हैं। कार्यशाला के प्रतिभागियों में डीएआरपीजी, एनआईटीआई, केंद्रीय मंत्रालयों, आकांक्षी जिला प्रोग्राम के तहत केंद्रीय प्रभारी अधिकारियों के रूप में कार्य कर रहे भारत सरकार के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, राज्य सरकारों के वरिष्ठ पदाधिकारी, जिला कलेक्टर एवं आकांक्षी जिला प्रोग्राम की देखरेख कर रहे जिला स्तर अधिकारी शामिल हैं। समापन सत्र में भारत सरकार के नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत और डीएआरपीजी तथा डीपीपीडब्ल्यू के सचिव डॉ. के शिवाजी प्रतिनिधिमंडलों को संबोधित करेंगे। इस कार्यशाला की अवधारणा संयुक्त रूप से राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी), प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग तथा राष्ट्रीय रूपांतरकारी भारत संस्थान (एनआईटीआई) द्वारा बनाई गई थी जिसका उद्वेश्य कोविड-19 महामारी से लड़ने में जिला स्तरीय सुशासन प्रथाओं का ज्ञान प्रसार है।
तकनीकी सत्रों में स्वास्थ्य क्षेत्र शासन, ई-गवर्नेंस, कृषि तथा जल संसाधन प्रबंधन, पूर्वोततर राज्यों एवं शैक्षणिक शासन में सर्वश्रेष्ठ प्रचलन शामिल होंगे। सत्रों के अध्यक्षों में डोनर के विशेष सचिव श्री इंदीवर पांडेय, शिक्षा एवं साक्षरता के पूर्व सचिव श्री अनिल स्वरूप, कर्नाटक सरकार की विशेष मुख्य सचिव श्रीमती शालिनी रजनीश, जल शक्ति मंत्रालय के पीने का पानी एवं स्वच्छता विभाग (जल) के अपर सचिव श्री भरत लाल एवं तमिलनाडु ई-गवर्नेंस प्राधिकरण के सीईओ तथा ई-गवर्नेंस आयुक्त डा. संतोष मिश्रा शामिल हैं। आकांक्षी जिलों के 20 जिला कलेक्टर तकनीकी सत्रों में प्रस्तुति देंगे।
डीएआरपीजी के अपर सचिव तथा राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के महानिदेशक श्री वी श्रीनिवास ने कहा कि यह तीसरी वर्चुअल कार्यशाला होगी जिसकी इस विषय पर एनसीजीजी मेजबानी करेगी तथा 500 अधिकारियों की अपेक्षित उपस्थिति के साथ घरेल फोकस के साथ श्रृंखला में पहली कार्यशाला होगी। किसी महामारी में सुशासन प्रथाओं पर पहली आईटीईसी-एनसीजीजी कार्यशाला में एशिया के 19 देशों के 162 प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया था, किसी महामारी में सुशासन प्रथाओं पर आईटीईसी-एनसीजीजी की द्वितीय कार्यशाला में अफ्रीका तथा भारत के 266 प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया था।
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