शिक्षा मंत्रालय
केन्द्रीय शिक्षा और केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री ने संयुक्त रूप से ओडिशा के केन्द्रीय विश्वविद्यालय के तीन स्थायी भवनों की आधारशिला रखी
Posted On:
29 AUG 2020 5:16PM by PIB Delhi
ओडिशा के केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने आज अपना 12वां स्थापना दिवस वर्चुअल मोड में मनाया। इस अवसर पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तीन स्थायी भवनों की आधारशिला रखी।
श्री पोखरियाल ने अपने संबोधन में विशेष प्रयास करने और कुछ वर्षों के भीतर भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक बनने के लिए विश्वविद्यालय को बधाई दी। उन्होंने ‘भरोसा’ कार्यक्रम की शुरुआत करके कोविड-19 अवधि के दौरान ओडिशा के केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रयासों की भी प्रशंसा की, जिसने परामर्श के माध्यम से महामारी के ट्रोमा से उबरने में छात्रों की बहुत मदद की। उन्होंने गृह आधारित ओपन बुक परीक्षा के सफलतापूर्वक संचालन के लिए विश्वविद्यालय की प्रशंसा की। उन्होंने भारत के पुराने गौरव को याद किया जब अन्य देशों के लोग अध्ययन के लिए भारत आते थे। अब नई शिक्षा नीति के माध्यम से उस प्रकार की शिक्षा प्राप्त करने का समय है। उन्होंने विश्वविद्यालय समुदाय से अनुसंधान और विकास पर अधिक ध्यान केन्द्रित करने का आग्रह किया।
श्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने संबोधन में केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला जो समाज के उत्थान में सहायक हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि ओडिशा का केन्द्रीय विश्वविद्यालय, दक्षिणी ओडिशा का प्रमुख संस्थान है, जो इलाके में शिक्षा के विकास में संतोषजनक काम कर रहा है। हालांकि, उन्होंने असाधारण ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए विश्वविद्यालय के अधिक सहयोगपूर्ण प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। इसमें नेशनल रिसर्च फाउंडेशन, एकेडेमिया-उद्योग लिंकेज के अंतर्गत संरक्षण कार्यक्रम, आदिवासी और मानवशास्त्र अध्ययन में अनुसंधान और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और नाल्को जैसे इलाके के प्रमुख उद्योगों के साथ परामर्श सेवा शामिल है। उन्होंने राज्य का एकमात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय होने के नाते विश्वविद्यालय को सभी प्रकार की मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने छात्रों से आत्मनिर्भर भारत के पथप्रदर्शक बनने का आग्रह किया।
ओडिशा के केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आई. रामब्रह्मम जिन्होंने पूर्व में विश्वविद्यालय का ध्वज फहराया था, ने विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों, अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति में स्थापना दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और भविष्य की योजनाओं का भी वर्णन किया। उन्होंने नए पाठ्यक्रमों विशेष रूप से विज्ञान कार्यक्रमों को शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया जो निश्चित रूप से छात्रों में वैज्ञानिक मनोवृत्ति को बढ़ाएंगे।
स्थापना दिवस का व्याख्यान भारत सरकार के प्रधान आर्थिक सलाहकार डॉ. संजीव सान्याल ने दिया। उन्होंने भारत में समृद्ध शैक्षिक अवसरों के बारे में बात की और छात्रों के लिए व्यावहारिक जीवन शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया ताकि वे किताबी दुनिया से बाहर आकर वास्तविक दुनिया को जान सकें। उन्होंने छात्रों से नई बदलती दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को शिक्षित करने का आग्रह किया। शिक्षा के हर क्षेत्र में नए तरीके और नई प्रवीणता खोजी जानी चाहिए ताकि सम्पूर्ण शिक्षा समग्र हो। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति इस दृष्टि से अत्यधिक सहायक होगी।
विश्वविद्यालय की ओर से प्रो. शरत कुमार पालिता ने भी गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित किया और धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. असित कुमार दास ने दिया। कार्यक्रम में परिसर के अंदर विश्वविद्यालय के सभी संकाय सदस्यों और कर्मचारियों ने उचित दूरी बनाकर भाग लिया। छात्र और गणमान्य व्यक्ति वर्चुअल मोड के माध्यम से शामिल हुए। सहायक प्रोफेसर डॉ. सौरव गुप्ता ने इस आयोजन में उद्घोषणा की। इस अवसर पर परिसर में बारह पौधे लगाए गए।
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