ग्रामीण विकास मंत्रालय
ग़रीब कल्याण रोज़गार अभियान के सातवें सप्ताह तक 21 करोड़ श्रमदिन रोज़गार दिए गए और 16,768 करोड़ रुपये खर्च किए गए
कोविड-19 महामारी को देखते हुए प्रवासी श्रमिकों और ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे ही प्रभावित नागरिकों के लिए रोजगार और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने हेतु ग़रीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू किया गया था
Posted On:
20 AUG 2020 4:50PM by PIB Delhi
ग़रीब कल्याण रोज़गार अभियान (जीकेआरए) 6 राज्यों बिहार,झारखंड,मध्य प्रदेश,ओडिशा,राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अपने गांवों में लौट आए प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मिशन मोड पर कार्रवाई कर रहा है। इस अभियान के जरिए इन 6 राज्यों के 116 जिलों में आजीविका के अवसर उपलब्ध कराते हुए ग्रामीणों को सशक्त किया जा रहा है।
ग़रीब कल्याण रोज़गार अभियान के सातवें सप्ताह तक कुल 21 करोड़ श्रमदिन रोजगार उपलब्ध कराया गया है और इस पर अब तक 16,768 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इस अभियान के उद्देश्यों को पूरा करते हुए 77,974 जल संरक्षण ढांचों, 2.33 लाख ग्रामीण घरों, 17,933 मवेशियों के लिए आवास, 11,372 कृषि तालाबों, और 3,552 सामुदायिक स्वच्छता परिसरों सहित बड़ी संख्या में संरचनाओं का निर्माण किया गया है। इसके अलावा, इस अभियान के दौरान जिला खनिज निधि के माध्यम से 6,300 कार्य किए गए हैं, 764 ग्राम पंचायतों को इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान की गई है, और 25,487 उम्मीदवारों को कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के माध्यम से कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
ग़रीब कल्याण रोज़गार अभियान (जीकेआरए) की अब तक की सफलता को 12 मंत्रालयों / विभागों और राज्य सरकारों के सम्मिलित प्रयासों के रूप में देखा जा सकता है, जो प्रवासी श्रमिकों और ग्रामीण समुदायों को अधिकतम लाभ प्रदान कर रहे हैं।
कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर गांवों में लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों और ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे ही प्रभावित नागरिकों के लिए रोजगार और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए यह अभियान शुरू किया गया था। यह अब लौटकर अपने गांव में ही रहने का फैसला कर चुके लोगों के लिए नौकरियों और आजीविका हेतु एक लंबी अवधि की पहल है।
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