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केवीआईसी ने दिल्ली में चमड़ा कारीगरों के लिए अत्याधुनिक फुटवियर प्रशिक्षण केंद्र खोला

Posted On: 16 JUL 2020 5:38PM by PIB Delhi

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने चमड़ा कारीगरों को प्रशिक्षित करने के लिए दिल्ली में अपनी तरह के पहले फुटवियर प्रशिक्षण केंद्र का आज उद्घाटन किया। इस केंद्र को एमएसएमई मंत्रालय की इकाई केंद्रीय फुटवियर प्रशिक्षण संस्थान (सीएफटीआई) आगरा के तकनीकी जानकारों के साथ मिलकर स्थापित किया गया है। दिल्ली में गांधीघाट, राजघाट स्थित केवीआईसी-सीएफटीआई फुटवियर ट्रेनिंग कम प्रोडक्शन सेंटरउच्च गुणवत्ता वाले फुटवियर बनाने के लिए चमड़ा कारीगरों को 2 महीने का एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम मुहैया करायेगा।

केवीआईसी के अध्यक्ष श्री वीके सक्सेना ने केंद्र का उद्घाटन करते हुए चमड़े के कारीगरों को "चर्म चिकित्सक" (चमड़े का डॉक्टर) कहा। प्रशिक्षण केंद्र प्रशिक्षित कारीगरों को दो महीने की ट्रेनिंग सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद अपना खुद का जूता बनाने का व्यवसाय शुरू करने में मदद करेगा। कारीगरों को भविष्य में अपने काम को पूरा करने के लिए 5000 रुपये का टूल किट भी मुहैया कराया जाएगा।

केवीआईसी-सीएफटीआई फुटवियर ट्रेनिंग कम प्रोडक्शन सेंटर की स्थापना दो महीने से भी कम समय के रिकॉर्ड समय में की गई है। हालांकि, लॉकडाउन के कारण उद्घाटन में देरी हुई। अभी शुरुआत में ट्रेनिंग कार्यक्रमों को 40 चमड़े के कारीगरों के एक बैच के लिए डिज़ाइन किया गया था, लेकिन कोरोना संकट के मद्देनजर सोशल डिस्टेसिंग मानदंडों को ध्यान में रखते हुए 20 कारीगरों के एक बैच में ट्रेनिंग दी जाएगी। केवीआईसी वाराणसी में भी इसी तरह का फुटवियर प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कर रहा है।

केवीआईसी के अध्यक्ष ने कहा कि चमड़े के कारीगरों के प्रशिक्षण या 'चर्म चिकत्सक' को "सबका साथ, सबका विकास" के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के साथ जोड़ दिया गया है।

उन्होंने कहा कि फुटवियर फैशन का एक अभिन्न अंग बन गया है और जूता बनाना अब एक काम नहीं रह गया है। उन्होंने कहा,“इस प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से हम जूता बनाने की गतिविधियों के साथ अधिकतम लोगों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। कार्यक्रम को इस तरह तैयार किया गया है कि केवल दो महीने में कारीगर सभी प्रकार के जूते बनाने में सक्षम होंगे।’’ केवीआईसी अध्यक्ष ने कहा कि इससे कारीगरों की आय कई गुना बढ़ जाएगी।

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