स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय

बाधाओं को समाप्त करने से अधिक संख्या में कोविड -19 परीक्षण करने का मार्ग प्रशस्त हुआ


अब, निजी चिकित्सक भी कोविड -19 टेस्ट की सलाह दे सकते हैं

कोविड -19 परीक्षणों की कुल संख्या जल्द ही 1 करोड़ हो जायेगी

Posted On: 02 JUL 2020 2:44PM by PIB Delhi

देश में कोविड -19 के लिए परीक्षण किए जा रहे लोगों की कुल संख्या जल्द ही एक करोड़ हो जायेगी।

यह भारत सरकार द्वारा सभी अड़चनों को हटाने के कारण संभव हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों ने अधिक संख्या में कोविड -19 परीक्षण करने का मार्ग प्रशस्त किया है।

अब तक, नैदानिक परीक्षण नेटवर्क के माध्यम से 90,56,173 परीक्षण किए गए हैं और इस नेटवर्क का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। अब देश में 1065 परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं, जिनमें 768 सार्वजनिक क्षेत्र में हैं और 297 निजी प्रयोगशालाएं हैं। प्रति दिन परीक्षण करने की क्षमता भी तेजी से बढ़ रही है। कल, कोविड -19 के लिए 2,29,588 लोगों का परीक्षण किया गया।

केंद्र सरकार द्वारा घोषित एक महत्वपूर्ण निर्णय के माध्यम से, कोविड -19 परीक्षण अब किसी भी पंजीकृत चिकित्सक की सलाह (पर्चे) से किया जा सकता है और इसके लिए विशेष रूप से सरकारी चिकित्सक होना जरूरी नहीं रह गया है। केंद्र ने राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को निजी चिकित्सकों समेत सभी योग्य चिकित्सकों को जल्द से जल्द परीक्षण की सुविधा देने के लिए तत्काल कदम उठाने की सलाह दी है, ताकि आईसीएमआर दिशानिर्देशों के अनुसार परीक्षण के लिए मानदंडों को पूरा करने वाले किसी भी व्यक्ति का कोविड परीक्षण किया जा सके।

जांच- पता लगाना- उपचार (टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट) महामारी का जल्दी पता लगाने और नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण रणनीति है। केंद्र ने राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को राज्य / केन्द्र शासित प्रदेशों के सभी कोविड -19 परीक्षण प्रयोगशालाओं की पूर्ण क्षमता का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव कदम उठाने की सलाह दी है। इससे सभी प्रयोगशालाओं, विशेषकर निजी प्रयोगशालाओं की पूर्ण क्षमता का उपयोग सुनिश्चित होगा। इस प्रकार लोग अत्यधिक लाभान्वित होंगे।

एक दूरगामी कदम के माध्यम से, आईसीएमआर ने दृढ़ता से सिफारिश की है कि प्रयोगशालाओं को आईसीएमआर दिशानिर्देशों के अनुसार किसी भी व्यक्ति का परीक्षण करने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए और राज्य अधिकारियों को किसी व्यक्ति पर परीक्षण सबंधी रोक नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि प्रारंभिक परीक्षण वायरस को नियंत्रित करने में और जीवन को बचाने में मदद करेगा।

भारत सरकार ने राज्यों से आरटी – पीसीआर के साथ रैपिड एंटीजेन पॉइंट-ऑफ-केयर परीक्षणों का उपयोग करके बड़े पैमाने पर परीक्षण करने का आग्रह किया है, जो कोविड -19 के निदान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। रैपिड एंटीजन परीक्षण त्वरित, सरलसुरक्षित है और इसे आईसीएमआर द्वारा निर्दिष्ट मानदंडों के अनुरूप नियंत्रण वाले क्षेत्रों के साथ-साथ अस्पतालों में किया जा सकता है। आईसीएमआर ने इसे वैधता दी है। ऐसे किटों से नागरिकों को अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे।

केंद्र ने राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे परीक्षण शिविरों का आयोजन करके तथा मोबाइल वैन आदि का उपयोग करके एक अभियान के रूप में बड़े पैमाने पर परीक्षण की सुविधा प्रदान करें। ऐसे क्षेत्रों में जहाँ कोविड -19 मामलों की संख्या अधिक है, वहां परीक्षण की सुविधा घर पर ही उपलब्ध की जानी चाहिए। इससे लक्षण वाले सभी लोगों व उनके संपर्कों के नमूने लिए जा सकेंगे और रैपिड एंटीजन टेस्ट का उपयोग करके उन नमूनों का परीक्षण किया जा सकेगा।

 

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