रेल मंत्रालय

भारतीय रेल ने 24/06/2020 तक बनाए 1.91 लाख पीपीई गाउन, 66.4 किलोलीटर सैनिटाइजर, 7.33 लाख मास्क


जून और जुलाई के लिए पीपीई कवरऑल का लक्ष्य 1.5 लाख प्रति महीने तय किया गया है

रेलवे की तैयारियों को और मजबूत बनाने को एम/एस एचएलएल लाइफ केयर (एमओएचएफडब्ल्यू के अधीन पीएसयू) पर पीपीई कवरआल (22 लाख), एन95 मास्क (22.5 लाख), हैंड सैनिटाइजर 500 मिली (2.25 लाख) और अन्य सामानों के लिए केन्द्रीय स्तर पर ऑर्डर दिया गया है

Posted On: 25 JUN 2020 5:35PM by PIB Delhi

भारतीय रेल अन्य मंत्रालयों और राज्य सरकारों के साथ समन्वय के माध्यम से अपने अग्रणी स्वास्थ्य कर्मचारियों और अन्य परिचालन कर्मचारियों को कोविड-19 महामारी से सुरक्षा उपलब्ध कराने की चुनौती से पार पाने के लिए पूरी तरह तैयार है। उसके द्वारा अपनी सुविधाएं तैयार करने या सुधार करने के लिए समन्वित तरीके से अपने सभी संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है।

रेलवे की कार्यशालाओं ने इस चुनौती को स्वीकार किया है और खुद ही पीपीई कवरऑल्स, सैनिटाइजर, मास्क, कॉट्स (पलंग) का विनिर्माण किया है। इन सामानों के विनिर्माण के लिए कच्चे माल की खरीद भी क्षेत्रीय इकाइयों द्वारा की गई है। भारतीय रेल के द्वारा 24/06/2020 तक 1.91 लाख पीपीई गाउन, 66.4 किलोलीटर सैनिटाइजर, 7.33 लाख मास्क आदि का विनिर्माण किया जा चुका है। जून और जुलाई महीने के लिए 1.5 लाख (प्रति महीने) पीपीई कवरऑल बनाने का लक्ष्य तय किया गया है, जिसे आगे बढ़ाए जाने का अनुमान है। लॉकडाउन के दौरान कच्चे माल और विनिर्मित उत्पादों की केन्द्रीयकृत खरीद और वितरण जैसे अत्यंत कठिन कार्य को इन परीक्षण के अधीन हालातों में संपन्न किया गया। पीपीई कवरऑल गाउनों के विनिर्माण में आवश्यक कच्चे माल की केन्द्रीयकृत खरीद के लिए उत्तर रेलवे को नामित किया गया है। सभी इन-हाउस (रेलवे में) विनिर्मित उत्पाद सभी लागू गुणवत्ता मानकों को पूरा करते हैं।

रेलवे की तैयारियों को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से रेलवे की सभी इकाइयों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उत्तर रेलवे द्वारा केन्द्रीय रूप से एम/एस एचएलएल लाइफ केयर (एमओएचएफडब्ल्यू के तहत आने वाला पीएसयू) पर पीपीई कवरआल (22 लाख), एन95 मास्क (22.5 लाख), हैंड सैनिटाइजर 500 मिली (2.25 लाख) और अन्य सामानों के लिए ऑर्डर दिया है।

रेल मंत्रालय ने रेलवे के 50 अस्पतालों को कोविड समर्पित अस्पतालों और कोविड समर्पित स्वास्थ्य केन्द्रों के रूप में नामित किया है। कोविड महामारी की चुनौती से पार पाने के लिए चिकित्सा उपकरणों और अन्य सामानों की खरीद के माध्यम से इन अस्पतालों में सुविधाओं में सुधार किया गया है।

कोविड-19 के शुरुआती चरण में पीपीई कवरआल, मास्क, सैनिटाइजर जैसे सुरक्षात्मक गियर और वेंटिलेटर जैसे उपकरणों की वैश्विक स्तर पर आपूर्ति खासी कम थी।

देश में स्वास्थ्य आधारभूत ढांचे की क्षमता को बढ़ाने के लिए रेलवे के 5,231 कोच को पहले ही आइसोलेशन कोच के रूप में परिवर्तित किया जा चुका है, जिन्हें अब कोविड देखभाल केन्द्रों के रूप में उपयोग किया जा सकता है। राज्यों से मिले अनुरोध के आधार पर अभी तक विभिन्न स्थानों पर 960 कोचों को सेवा के लिए तैनात कर दिया गया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय रेलवे कोचों- कोविड देखभाल केन्द्रों पर संदिग्ध/ पुष्ट मामलों के उपयुक्त प्रबंधन पर दिशानिर्देश दस्तावेज पहले ही जारी कर चुका है।

रेलवे की आपूर्ति श्रृंखला भले ही महामारी के कारण प्रभावित हुई हो, लेकिन इसका कम क्षमता से परिचालन और डिपो में उपलब्ध भंडार के कारण रेलवे के परिचालन तथा रखरखाव पर असर नहीं पड़ा है। बाहरी वेंडर भी आपूर्ति श्रृंखला को बरकरार रखने में सहयोग दे रहे हैं। इस संबंध में क्षेत्रीय इकाइयों को भी आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं। रेलवे अपनी डिजिटल आपूर्ति श्रृंखला के कारण जरूरी खरीद को भी जारी रख सकता है और महामारी के प्रबंधन के लिए सभी आवश्यक सामग्री की व्यवस्था की जा सकती है।

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