रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय

एनआईपीआर कोविड-19 के खिलाफ अभियान में सक्रिय भूमिका निभा रहा है


एनआईपीईआर में विकसित उत्पादों के लिए लाइसेंस तथा व्यावसायिक निर्माण की अनुमति प्राथमिकता के आधार पर दिए जाने पर जोर

Posted On: 14 MAY 2020 6:07PM by PIB Delhi

कोविड-19 की पहचान, और उपचार की दिशा में, विभिन्न राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (एनआईपीआर) द्वारा बहुआयामी शोध प्रस्ताव अनुमोदन के लिए संबंधित एजेंसियों को प्रस्तुत किए गए हैं। इन प्रस्तावों के प्रमुख विषयों में एनआईपीआर(मोहाली) द्वारा एंटीवायरल एजेंट को लक्षित करने वाले प्रोटीज का डिज़ाइन, एनआईपीआर(मोहाली और रायबरेली) द्वारा दवा को अन्यप तरीके से उपयोग करने के बारे में कम्प्यूटेशनल रूप से निर्देशित एफडीए द्वारा अनुमोदित दवा-डेटाबेस , (एनआईपीईआर, मोहाली) द्वारा ड्रग रूपांतरण के लिए रिमेडसविर का विश्लेषण, (एनआईपीईआर-हैदराबाद)द्वारा कोविड  -19 के मरीजों के लिए क्वांटम-डॉट और चालकता आधारित बायोसेंसर विकसित करने तथा (एनआईपीईआर-अहमदाबाद) द्वारा कोविड-19 के कारण पड़ने वाले दिल के दौरे को नियंत्रित करने के लिए एक दिलचस्प  अध्ययन जैसे विषय शामिल हैं।

इसके साथ ही एनआईपीईआर रायबरेली ने पारंपरिक रूप से उपयोग में लाई जाने वाली जड़ी बूटियों का उपयोग करके नए इम्युनो-बूस्टर फॉर्मुलेशन के विकास में आईआईटी और एक अन्य औद्योगिक साझेदार के साथ एक मेगा परियोजना शुरू की है। एनआईपीईआर, कोलकाता सीएसआईआर- सीईसीआरआई और एक निजी निर्माता के सहयोग से  कम लागत वाला एक स्वदेशी और प्रभावी आईसीयू वेंटीलेटर तैयार करने पर काम कर रहा है।

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एनआईपीईआर , रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग के अधीन राष्ट्रीय महत्व के संस्थान हैं। ऐसे सात संस्थान-अहमदाबाद, हैदराबाद, हाजीपुर, कोलकाता, गुवाहाटी, मोहाली और रायबरेली में कार्य कर रहे हैं।

    फार्मास्यूटिकल्स विभाग के सचिव डाक्‍टर पी डी वाघेला की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एनआईपीआर के सभी निदेशकों और अध्यक्षों की एक बैठक आज यहां आयोजित की गई। बैठक में कोविड-19 महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई में इन संस्थानों द्वारा अनुसंधान और नवोन्मेषी गतिविधियों के योगदान की समीक्षा की गई।

  एनआईपीईआरगुवाहाटी के निदेशक, ने बैठक में बताया कि किस तरह से उनके संस्थान ने कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए 3 डी प्रिंटेड फेस-शील्ड्स का प्रोटोटाइप, हाथ से बिना छुए ही दरवाजे, दराज और लिफ्ट खोलने का उपकरण तथा त्वचा के अनुकूल हर्बल सैनेटाजइर बनाया है।  उन्होंने बताया कि इन उत्पादों का व्यावसायिक उत्पादन एक विभागीय सार्वजनिक उपक्रम हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड के सहयोग से किया जा रहा है। एनआईपीईआर, मोहाली में पंजाब सरकार के सहयोग से, राज्य में कोविड-19 के परीक्षणों को गति देने के लिए आरटी-पीसीआर आधारित परीक्षण सुविधा स्थापित करने के लिए कदम उठाए गए हैं।

    डॉ वाघेला ने कहा कि कोविड-19 से संबंधित सभी  अनुसंधान और उत्पाद विकास की पहलें जल्दी जरूरतमंदों तक पहुंचाने को कोशिश होनी चाहिए।  उन्होंने जोर देकर कहा कि एनआईपीईआर में विकसित उत्पादों के व्यावसायिक स्‍तर पर उत्पादन के लिए लाइसेंस प्रदान करने का काम नियामक एजेंसियों के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए ताकि ये उत्पाद जरूरत के समय बाजार में उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि एनआईपीईआर के सभी संस्थान अपने अनुसंधान प्रयासों तथा सामाजिक भागीदारी के माध्यम से लोगों की मदद करने और देश की हर संभव तरीके से सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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एएम-एमएस



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