शिक्षा मंत्रालय

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने देश में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए पीएमआरएफ योजना में संशोधन की घोषणा की


संशोधनों से बड़ी संख्या में छात्र पीएमआरएफ योजना का लाभ उठा सकेंगे- श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक'

Posted On: 07 MAY 2020 4:14PM by PIB Delhi

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने आज कहा कि देश में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री शोध छात्र‍वृत्ति योजना (पीएमआरएफ) में विभिन्न संशोधन किए गए हैं। उन्होंने कहा कि संशोधनों के बाद, अब किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान / विश्वविद्यालय (आईआईएससी / आईआईटी / एनआईटी / आईआईएसईआर / आईआईईएसटी / सीएफ आईआईआईटी के अलावा) के छात्रों के लिए, गेट स्कोर की न्यूनतम आवश्यकता 750 से घटाकर 650 कर दी गई है तथा सीजीपीए  की न्यूनतम आवश्यकता भी 8 या उसके समकक्ष कर दी गई है।

डा.रमेश पोखरियाल 'निशंक'

@DrRPNishank

यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodiजी के मार्गदर्शन में अधिक से अधिक प्रतिभावान होनहार विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री रिसर्च फ़ेलोशिप (#PMRF) से जोड़ने के लिए हमने चयन प्रक्रिया में कई परिवर्तन किये हैं ।https://may2020.pmrf.in/

केन्द्रीय मंत्री  ने यह भी बताया कि अब प्रविष्टियों के दो चैनल होंगे। एक सीधे प्रवेश का चैनल और दूसरा लैटरल चैनल। जोछात्र, पीएमआरएफ अनुदान देने वाले संस्थानों में पीएचडी कर रहे हैं (12 महीने या 24 महीने कुछ आवश्यकताओं के अनुसार) भी नए दिशानिर्देशों के अनुसार योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं। श्री पोखरियाल ने कहा कि ऐसे एनआईटी जो एनआईआरएफ रैंकिंग (कुल मिलाकर) के अनुसार शीर्ष 25 संस्थानों में हैं, पीएमआरएफ अनुदान संस्था बन सकते हैं। मंत्री ने आशा व्यक्त की कि संशोधनों से अधिक संख्या में छात्र पीएमआरएफ योजना के तहत लाभ प्राप्त कर सकेंगे।

https://twitter.com/DrRPNishank/status/1258340738502361088?s=19

श्री निशंक ने बताया कि अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय में "रिसर्च एंड इनोवेशन डिवीजन" के नाम से एक समर्पित डिवीजन बनाया जा रहा है। यह प्रभाग एक निदेशक की अध्यक्षता में कार्य करेगा जोमानव संसाधन मंत्रालय के तहत आने वाले विभिन्न संस्थानों के अनुसंधान कार्यों का समन्वय करेगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रधानमंत्री शोध छात्र‍वृत्ति योजना तैयार की गई है। आकर्षक फैलोशिप के साथ, यह योजना अनुसंधान में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को आकर्षित करने का प्रयास करती है, जिससे नवाचार के माध्यम से विकास की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया जा सके। उन्होंने कहा कि इस योजना की घोषणा बजट 2018-19 में की गई थी। जो संस्थान पीएमआरएफ की पेशकश कर सकते हैं, उनमें सभी आईआईटी, सभी आईआईएसईआर, बेंगलुरु का भारतीय विज्ञान संस्थान और कुछ शीर्ष केंद्रीय विश्वविद्यालय / एनआईटी शामिल हैं जो विज्ञान और / या प्रौद्योगिकी डिग्री प्रदान करते हैं।

श्री पोखरियाल ने आगे कहा कि उम्मीदवारों का चयन एक सक्षम चयन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा और उनके प्रदर्शन की समीक्षा राष्ट्रीय स्तर पर की जाएगी। शैक्षणिक वर्ष 2020-21 से इच्छुक छात्र सीधे तौर पर या लैटर प्रवेश चैनल के माध्यम से पीएमआरएफ के लिए आवेदन कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री शोध छात्र‍वृत्ति योजना

अब इसमें प्रवृष्टि भेजने के दो चैनल होंगे ।  सीधे और लैटरल प्रवृष्टि।

सीधे प्रवृष्टि चैनल के तहत प्रवृष्टि भेजने वाले छात्रों के लिए निम्‍नलिखित अर्हताएं पूरी करनी आवश्‍यक होंगी:

1.         आवेदन करने वाले छात्र ने पिछले तीन वर्षों के दौरान केन्‍द्र द्वारा वित्‍त पोषित किसी तकनीकी संस्‍थान से संबंधित विषय में न्‍यूनतम 8.0 सीजीपीए अंक के साथ या गेट में कमसे कम 650 अंक के साथ विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी में तीन साल का स्‍नातक या स्‍नातकोत्‍तर पाठ्यक्रम पूरा कर लिया हो  या सीजीपीए/सीपीआई में न्‍यूनतम 8.5 अंक हासिल करने के बाद पीएचडी का कमसे कम चार पाठ्यक्रम पूर कर चुका हो ,

2.         पीएमआरएफ अनुदान वाली संस्‍था में साक्षात्‍कार प्रक्रिया के माध्‍यम से पीएचडी के लिए चयन हो चुका हो और वह संस्‍थान प्रतिभा के आधार पर छात्रवृत्ति दिए जाने     की अनुशंसा करे।

3.         जिन मानकों पर उम्‍मीदवार को पीएमआरएफ के लिए योग्‍य माना जाएगा उनमें उसके अनुसंधान कार्यों का प्रदर्शन, प्रकाशन,अंतरराष्‍ट्रीय शैक्षणिक प्रतियोगिताओं में  प्रदर्शन, ग्रेड तथा अनुशंसा पत्र शामिल हैं।

लेटरल प्रव़ृष्टि चैनल

1.         यदि वे वह स्‍नातकोत्‍तर डिग्री प्राप्‍त करने के बाद पीएमआरएफ के अनुदान वाली किसी संस्‍था से पीएचडी कर रहे हों तो उन्‍हें ऐसा करते हुए कम 12 महिने पूरे हो चुके हों और यदि वह स्‍नातक के बाद पीएचडी कर रहे हैं तो ऐसी स्थिति में उन्‍हें इस कार्यक्रस से जुडे हुए कमसे कम 24 महीने पूरे हो चुके हों।

2.         पीएमआरएफ अनुदान वाली संस्‍था में साक्षात्‍कार प्रक्रिया के माध्‍यम से पीएचडी के लिए चयन हो चुका हो और वह संस्‍थान प्रतिभा के आधार पर छात्रवृत्ति दिए जाने की अनुशंसा करे।

3.         जिन मानकों पर उम्‍मीदवार को पीएमआरएफ के लिए योग्‍य माना जाएगा उनमें उसके अनुसंधान कार्यों का प्रदर्शन, प्रकाशन,अंतरराष्‍ट्रीय शैक्षणिक प्रतियोगिताओं में प्रदर्शन, ग्रेड तथा अनुशंसा पत्र शामिल हैं।

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एएम/एमएस



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