सूचना और प्रसारण मंत्रालय

दूरसंचार विभाग द्वारा मुफ्त इंटरनेट का कोई प्रावधान नहीं


पर्यटन मंत्रालय ने 15 अक्टूबर तक होटलों को बंद करने का निर्देश नहीं दिया है

Posted On: 22 APR 2020 9:10PM by PIB Delhi

प्रेस सूचना ब्यूरो की फैक्ट चेक यूनिट ने आज एक ट्वीट में स्पष्ट किया कि दूरसंचार विभाग 3 मई 2020 तक सभी यूजर्स को फ्री इंटरनेट नहीं दे रहा है। दरअसल, फैलाई जा रही फर्जी सूचना में दावा किया गया है कि सभी को घर से काम करने के लिए विभाग द्वारा फ्री में इंटरनेट दिया जा रहा है और दिए गए लिंक पर क्लिक करके इसका लाभ उठाया जा सकता है। पीआईबी फैक्ट चेक ने स्पष्ट किया है कि यह दावा झूठा और लिंक फ्रॉड है।

 

https://twitter.com/PIBFactCheck/status/1252933594579824643?s=20

 

इस बीच, गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वे मीडिया रिपोर्ट झूठी हैं जिसमें दावा किया गया है कि अगर कर्मचारियों का कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव आता है तो कंपनी के निदेशकों और प्रबंधन के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके बजाय अगर नियोक्ता की सहमति, संज्ञान या लापरवाही से अपराध होता है तो दिशानिर्देश में दंड का प्रावधान है। इस बाबत पीआईबी फैक्ट चेक ट्वीट का लिंक देखा जा सकता है।

 

https://twitter.com/PIB_India/status/1252861361777897472?s=20

 

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता का स्पष्टीकरण के साथ किया गया ट्वीट लिंक पर देखा जा सकता है।

 

https://twitter.com/PIBHomeAffairs/status/1252897072526704640?s=20

 

एक अन्य काउंटर में, पीआईबी फैक्ट चेक ने अपना स्पष्टीकरण दोहराया है कि पर्यटन मंत्रालय ने कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण 15 अक्टूबर 2020 तक होटलों को बंद करने का कोई पत्र जारी नहीं किया है।

 

https://twitter.com/PIBFactCheck/status/1252888187363442689?s=20

 

पीआईबी की असम क्षेत्रीय यूनिट ने साफ किया है कि आईसीएमआर स्थानीय असमी लोगों की प्रतिरक्षा को लेकर किसी अध्ययन पर विचार नहीं कर रहा है। यह ट्वीट एक अन्य ट्वीट पर की गई फैक्ट चेक प्रतिक्रिया है, जिसमें दावा किया गया है कि स्थानीय असमी लोगों की प्रतिरक्षा (रोग प्रतिरोधक शक्ति) के कारण कोविड-19 का संक्रमण नहीं हुआ और इसने आईसीएमआर को ऐसे लोगों की आनुवंशिकी का अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया है।

 

https://twitter.com/PIB_Guwahati/status/1252932862971707392?s=20

 

पृष्ठभूमि

सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों के प्रसार को रोकने और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के अनुपालन में पीआईबी ने सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली अफवाहों का पर्दाफाश करने के लिए एक समर्पित यूनिट स्थापित की है। 'पीआईबीफैक्टचेक' ट्विटर पर एक सत्यापित हैंडल है, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्रेंडिंग संदेशों की निगरानी करता है और फर्जी खबर को उजागर करने के लिए इसकी सामग्री की व्यापक समीक्षा करता है। इसके अलावा, पीआईबी_इंडिया और पीआईबी की कई क्षेत्रीय यूनिटों के हैंडल से ट्विटर समुदाय के हित में हैशटैग #पीआईबीफैक्टचेक के साथ किसी भी सामग्री के आधिकारिक और प्रामाणिक वर्जन पोस्ट किए जा रहे हैं।

 

कोई भी व्यक्ति किसी सोशल मीडिया संदेश जिसमें टेक्स्ट, ऑडियो और वीडियो शामिल हैं, की प्रामाणिकता के सत्यापन के लिए पीआईबी फैक्ट चेक को भेज सकता है। इसे पोर्टल पर ऑनलाइन https://factcheck.pib.gov.in/ या व्हाट्सएप नंबर +918799711259 या ईमेल  पर pibfactcheck[at]gmail[dot]com भेजा जा सकता है। विवरण पीआईबी की वेबसाइट https://pib.gov.in पर भी उपलब्ध हैं।

 

एएम/एएस

(रिलीज आईडी: 1617305)



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