कोयला मंत्रालय

कोविड-19 से निपटने के प्रयासों में कोयला और खदान क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम बेहतरीन सहयोग दे रहे हैं: श्री प्रल्हाद जोशी


ओडिशा में कोविड-19 के उपचार के लिए बनाए गए दो विशेष अस्पतालों को नाल्को और एमएसीएल देगी वित्तीय मदद

Posted On: 20 APR 2020 3:20PM by PIB Delhi

नेशनल एल्युमीनियम कंपनी (नाल्को) और कोल इंडिया की सहायक कंपनी महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) ओडिशा में कोविड के उपचार के लिए बनाए गए दो विशेष अस्पतालों के लिए पूरी वित्तीय मदद देंगी। ओडिशा के मुख्यमंत्रीश्री नवीन पटनायक, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान तथा केंद्रीय कोयला और खान मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने मिलकर इन अस्पतालों का आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया।

श्री जोशी ने इस अवसर पर कहा यह गर्व की बात है कि कोयला और खान मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रमों ने कोविड-19 से निपटने के प्रयासों में राज्य सरकारों की हर संभव मदद की है । कोविड-19 के उपचार से संबधित सभी सुविधाओं वाले ये अस्पताल ओडिशा के लोगों के लिए एक बड़ी मदद साबित होंगे।नाल्को इनमें से ओडिशा के नबरंगपुर जिले में स्थापित दो सौ बिस्तरों वाले अस्पतात का वित्तपोषण करेगीजबकि एमसीएल राज्य के अंगुल जिले के तालचेर में शुरू किए गए एक सौ पचास बिस्तरों वाले अस्पताल को पूरी वित्तीय सहायता देगी। एमसीएल ने इस अस्पताल के लिए अपने मेडिकल कॉलेज का बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया है। 

श्री जोशी  ने कहा कि केंद्र सरकार पहले से ही राज्य सरकारों को कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए जिला खनिज निधि (डीएमएफ) में उपलब्ध शेष राशि का 30 प्रतिशत तक उपयोग करने की अनुमति देने के दिशानिर्देश जारी कर चुकी है। यह ओडिशा जैसे खनिज समृद्ध राज्य को इस महामारी से लड़ने में मदद करेगा।

 

 

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उल्लेखनीय है कि, नाल्को के कर्मचारी अपने एक दिन का वेतन ओडिशा मुख्यमंत्री राहत कोष में पहले ही दान दे चुके हैं। यह राशि कुल 2.5 करोड़ रूपए है। दूसरी ओर एमसीएल भुवनेश्वर में सरकार द्वारा कोविड-19 के उपचार के लिए विशेष रूप से बनाए गए पांच सौ बिस्तर वाले अस्पताल का वित्त पोषण कर रही है। कोल इंडिया की इस सहायक कंपनी ने हाल ही में ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में 50 से अधिक बिस्तरों वाला एक आइसोलेशन केन्द्र भी बनाया है जहां कोविड संक्रमित लोगों को पृथक रूप से रखने की व्यवस्था है। कंपनी घिरे हुए क्षेत्रों को संक्रमण मुक्त करने के लिए स्वदेशी तकनीक से निर्मित अत्याधुनिक उपकरण "फॉग कैनन" का इस्तेमाल कर रही है। इसके अलावा कोयला खदानों में काम करने वाले खनिकों और खदानों के आसपास रहने वाले लोगों के बीच अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर और मास्क वितरित करने का काम भी कर रही है।

नाल्को, खान मंत्रालय के अधीन एक केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम है जबकि एमसीएल, कोल इंडिया लिमिटेड सीआईएलकी सहायक कंपनी है, जो भारत सरकार के कोयला मंत्रालय के तहत काम करती है। नाल्को, देश में बॉक्साइटएल्यूमिना और एल्युमीनियम के उत्पादन में क्रमश 32, 33 और 12 प्रतिशत का योगदान देती है जबकि सीआईएल देश के 80 प्रतिशत कोयले का उत्पादन करती है।

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