वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

वाणिज्य विभाग ने निर्यातकों की कोरोना महामारी संबंधी कठिनाइयों को दूर करने के लिए विभिन्न अनुपालनों की समय सीमा बढ़ाई


एसईजेड के डेवलपरों और इकाइयों को तिमाही प्रगति रिपोर्ट एवं वार्षिक कार्य-प्रदर्शन रिपोर्ट दाखिल करने में राहत

Posted On: 11 APR 2020 6:16PM by PIB Delhi

नोवल कोरोना वायरस महामारी से उत्‍पन्‍न विभिन्‍न तरह की समस्‍याओं के मद्देनजर कारोबारियों और प्रभावित व्यक्तियों को राहत देने के लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग ने अपनी योजनाओं और कार्यकलापों के तहत अनिवार्य अनुपालनों की समयसीमा बढ़ा दी है। वाणिज्य विभाग ने इसके अलावा भी कई तरह की रियायतें दी हैं। वाणिज्य विभाग से संबंधित प्रमुख रियायतें इस प्रकार हैं:  

 

. डीजीएफटी द्वारा विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2015-20 के तहत दी गई सहूलियत  
1. एफटीपी अब 31 मार्च 2020 के बाद भी मान्‍य: विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2015-2020 और प्रक्रियाओं की पुस्तिका (एचबीपी), जो पहले 31 मार्च 2020 तक मान्‍य थी, की वैधता को अब एक साल यानी 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है।

2. अग्रिम अधिकृतता और ईपीसीजी अधिकृतता : निर्यात दायित्व अवधि इत्‍यादि का विस्तार

(i) उन अग्रिम अधिकृतता और ईपीसीजी अधिकृतता, जिनकी विस्तारित निर्यात दायित्व अवधि या तो समाप्त हो गई है या 1 फरवरी, 2020 से लेकर 31 जुलाई, 2020 के बीच समाप्त हो रही है, के संबंध में निर्यात दायित्व अवधि को उसकी समाप्ति की तारीख से लेकर छह माह और बढ़ा दिया गया है।

(ii) उन अग्रिम अधिकृतता और ईपीसीजी अधिकृतता, जिनकी आयात दायित्व अवधि या तो समाप्त हो गई है या 1 फरवरी, 2020 से लेकर 31 जुलाई, 2020 के बीच समाप्त हो रही है, के संबंध में आयात दायित्व अवधि को उसकी समाप्ति की तारीख से लेकर छह माह और बढ़ा दिया गया है।

(iii)  उन ईपीसीजी अधिकृतता, जहां ब्लॉक-वार निर्यात दायित्व को पूरा करने के लिए ब्लॉक अवधि या तो समाप्त हो गई है या 1 फरवरी, 2020 से लेकर 31 जुलाई, 2020 के बीच समाप्त हो रही है, के संबंध में ब्लॉक अवधि को उसकी समाप्ति की तारीख से लेकर छह माह और बढ़ा दिया गया है।

(iv) उन ईपीसीजी अधिकृतता, जहां संबंधित आरए के समक्ष स्थापना प्रमाणपत्र पेश करने की अवधि या तो समाप्त हो गई है या 1 फरवरी, 2020 से लेकर 31 जुलाई, 2020 के बीच समाप्त हो रही है, के संबंध में समयावधि को उसकी समाप्ति की तारीख से लेकर छह माह और बढ़ा दिया गया है।          

3.   पंजीकरण सह सदस्यता प्रमाणपत्र (आरसीएमसी) की वैधता का समय विस्तार 31 मार्च, 2020 के बाद भी: यह निर्णय लिया गया है कि डीजीएफटी के क्षेत्रीय प्राधिकरण (आरए) किसी भी प्रोत्साहन/अधिकृतता के लिए आवेदकों से 30 सितंबर, 2020 तक वैध आरसीएमसी (ऐसे मामलों में जहां समयावधि 31 मार्च, 2020 को या उससे पहले ही समाप्त हो गई है) देने की मांग नहीं करेंगे।

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4.  भारत से सेवा निर्यात योजना (एसईआईएस): एसईआईएस के तहत वार्षिक दावों को दाखिल करने की अंतिम तिथि दरअसल दावा अवधि के संबंधित वित्त वर्ष की समाप्ति के बाद 12 माह तक है। यह तिथि वर्ष 2018-19 के दावों के लिए 31 मार्च 2020 को समाप्त हो रही है, जिसे 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है।

5. भारत से वाणिज्यिक निर्यात योजना (एमईआईएस):  एमईआईएस दावों को दाखिल करने की अंतिम तिथि प्रत्येक शिपिंग बिल के लेट एक्सपोर्ट ऑर्डर (एलईओ) की तिथि से लेकर 1 वर्ष तथा लेट कट (आवदेन अंतिम तिथि के बाद मिलना) लागू होने पर उसके बाद 2 वर्ष और है। सभी शिपिंग बिलों के लिए लेट कट के बिना एमईआईएस दावों को दाखिल करने की अंतिम तिथि, जिनके लिए प्रारंभिक एक वर्ष की अवधि समाप्त हो गई है/1 फरवरी 2020 को या उसके बाद और 31 मई 2020 को या उससे पहले समाप्त हो जाएगी, को प्रारंभिक एक वर्ष की अवधि की समाप्ति तिथि के बाद 3 माह आगे बढ़ा दिया गया है।

6. राज्य और केंद्रीय करों एवं शुल्कों (आरओएससीटीएल) की छूट: 7 मार्च से लेकर 31 दिसंबर, 2019 के बीच के निर्यात लदान (एक्सपोर्ट शिपमेंट) के लिए आरओएससीटीएल दावे दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 जून 2020 है, जिसे 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है।  

7. स्टैटस होल्डरकिसी आईईसी होल्‍डर (धारक) को एफटीपी 2015-20 के तहत जारी किए गए सभी स्टैटस सर्टिफिकेट की वैधता अवधि को 31 मार्च, 2021 तक बढ़ा दिया गया है।

8. प्रक्रियाओं की पुस्ति‍का (एचबीपी) के प्रावधानों के तहत छूट

  1. प्रक्रियाओं की पुस्ति‍का (एचबीपी) के पैरा 4.12 (vi) के तहत, अभिपुष्टि किए जा चुके मानदंडों की वैधता तिथि‍ 31 मार्च 2020 या तीन साल, इनमें से जो भी बाद में हो, तक सीमित है। इसमें विदेश व्यापार नीति की विस्तारित तारीख के साथ-साथ समाप्‍त होने तक/3 साल, इनमें से जो भी बाद में हो, की छूट दी गई है।
  2. एचबीपी के पैरा 4.41 (ए) के तहत, आयात के लिए अग्रिम अधिकृतता की वैधता अवधि अधिकतम 12 माह तय की गई है। अब आयात के लिए अधिकृतता की वैधता अवधि स्वत: ही उन अधिकृतता के लिए छह माह बढ़ गई है जहां आयात वैधता 01 फरवरी 2020 के बाद समाप्त हो रही है। 4.41 (सी) के तहत आगे और भी वैधता विस्‍तार पाने का विकल्प उपलब्ध होगा।
  3. एचबीपी के पैरा 4.42 (ए) और (सी) के तहत, अग्रिम अधिकृतता योजना के तहत स्‍वीकृत निर्यात दायित्व (ईओ) अवधि क्रमशः 18 और 24 माह है।  इस पैरा के तहत ईओ अवधि अब 01 फरवरी 2020 के बाद समाप्त होने वाली अधिकृतता के लिए स्‍वत: ही 6 माह बढ़ गई है। यह अवधि समाप्‍त हो जाने के बाद एचबीपी के पैरा 4.42 (ई) और (एफ) के तहत आगे और भी समय विस्‍तार पाने का विकल्प उपलब्ध होगा।
  4. एचबीपी के पैरा 4.42 (डी) के तहत, 4जे के अंतर्गत आने वाली वस्तुओं (आइटम) को ईओ की आरंभिक स्‍वीकृत अवधि के आधे के बराबर ईओ विस्‍तार मिल गया है। अब परिशिष्ट 4जे के अंतर्गत आने वाली वस्तुओं के लिए ईओ अवधि 01 फरवरी 2020 के बाद समाप्त होने वाली अधिकृतता के लिए स्‍वत: ही छह माह और बढ़ गई है।
  5. एचबीपी के पैरा 4.80 (सी) (डी) (ई) के तहत, इस्तेमाल की गई बेशकीमती धातुओं के कच्‍चे माल की पुनःपूर्ति हेतु निर्यात प्रदर्शन के लिए स्‍वीकृत अवधि 60/90/120/45/365 दिनों (उल्लिखित शर्तों के आधार पर) तक सीमित है।  एचबीपी के दिए गए पैरा के तहत उल्लिखित सभी अवधि अब 01 फरवरी 2020 के बाद समाप्त होने वाले मामलों के लिए स्‍वीकृत अवधि के अलावा छह माह और बढ़ गई है।  
  6. एचबीपी के पैरा 4.82 (सी) और (डी), 4.83 (बी), 4.84 (सी) के तहत, निर्यात राशि की प्राप्ति के लिए स्‍वीकृत पुनःपूर्ति योजना/एकमुश्त खरीद/ऋण आधार अवधि अधिकतम 90 दिन, 180 दिन या कर्ज की शर्तें, 120 दिन और 150 दिन इत्‍यादि तय की गई है। एचबीपी के दिए गए पैरा के तहत उल्लिखित सभी अवधि अब 01 फरवरी 2020 के बाद समाप्त होने वाले मामलों के लिए स्‍वीकृत अवधि के अलावा छह माह और बढ़ गई है।  
  7. एचबीपी के पैरा 4.85(बी) और (सी) के तहत,  रत्न और आभूषण के लिए अग्रिम अधिकृतता के अंतर्गत स्‍वीकृत ईओ अवधि क्रमशः 120 और 90 दिन है। इन पैरा के तहत आने वाले उन मामलों के लिए सभी ईओ अवधि अब छह माह और बढ़ गई है जो 01 फरवरी 2020 के बाद समाप्त हो रहे हैं।

इसके अलावा, कोविड-19 के मद्देनजर अन्य विभागों से प्राप्‍त सुझावों, ज्ञापनों और जानकारियों के आधार पर निम्नलिखित परिवर्तन भी लागू किए गए हैं।

ए.  पैरा 4.59 (ई) के तहत रत्न और आभूषण के लिए पुनःपूर्ति योजना की अवधि भी 6 माह बढ़ गई है।

बी.  पैरा 4.75 (सी) और पैरा 4.77 (सी) के तहत रत्न और आभूषण क्षेत्र के लिए हीरा निर्यात और विदेशी खरीदार द्वारा आपूर्ति के सापेक्ष निर्यात के लिए अवधि 6 माह बढ़ा दी गई है।

सी.   जैसा कि राजस्व विभाग ने अनुमोदित किया है, अग्रिम अधिकृतता, ईपीसीजी योजना और ईओयू के तहत आईजीएसटी और मुआवजा उपकर की छूट 31 मार्च 2021 तक देने को अधिसूचित कर दिया गया है।

9. प्रक्रियाओं की पुस्ति‍का (एचबीपी) का अध्याय 6 – ईओयू/ईएचटीपी/एसटीपी/बीटीपी  

  1. एचबीपी के पैरा 6.01(बी)(ii) के तहत, एफटीपी के तहत जारी किसी भी एलओपी/एलओआई की प्रारंभिक वैधता अवधि 2 वर्ष है। इस तरह की वैधता सक्षम प्राधिकारी द्वारा बढ़ाई जा सकती है। अब ऐसे सभी एलओपी/एलओआई जिनकी मूल या विस्तारित वैधता 1 मार्च 2020 को या उसके बाद समाप्त हो रही है, उन्हें 31 दिसंबर, 2020 तक वैध माना जाएगा।
  2. पैरा 6.06 (सी) के तहत, कुछ संवेदनशील उत्पादों के मामले में निर्यात दायित्वों की एक अपेक्षाकृत छोटी अवधि की अनुमति देते हुए विशेष प्रावधान किए गए हैं। ऐसे मामलों में जहां निर्यात दायित्व अवधि 1 मार्च, 2020 से लेकर 30 जून, 2020 के दौरान समाप्त हो रही है, उनमें इस अवधि को 30 सितंबर, 2020 तक बढ़ा दिया गया है।

10. प्रक्रियाओं की पुस्ति‍का (एचबीपी) का अध्याय 7 - डीम्ड एक्सपोर्ट: एचबीपी के पैरा 7.05 () के तहत, टीईडी/ड्रॉबैक के रिफंड के लिए आवेदन धनराशि की प्राप्ति/आपूर्ति की तारीख से लेकर 12 माह के भीतर किया जा सकता है। अब ऐसे सभी मामलों में जहां उपर्युक्त तिथियां 1 मार्च, 2020 को या उसके बाद पड़ रही हैं, टीईडी/ड्रॉबैक के रिफंड के लिए आवेदन पत्र भरने की तिथि को अब 30 सितंबर, 2020 तक बढ़ा हुआ मान लिया जाएगा।

11. प्रक्रियाओं की पुस्ति‍का (एचबीपी) का अध्याय 7ए - परिवहन और विपणन सहायता (टीएमए) योजना: एचबीपी के पैरा 7.01 (डी) के अनुसार, टीएमए के दावे के लिए आवेदन तिमाही की समाप्ति की तिथि से लेकर एक वर्ष के भीतर किया जा सकता है। अब 31 मार्च, 2019 और 30 जून, 2019 को समाप्त तिमाही के लिए इस तरह के दावों के रिफंड हेतु आवेदन 30 सितंबर, 2020 तक किए जा सकते हैं। 

12. प्रक्रियाओं की पुस्ति‍का (एचबीपी) का अध्याय 9 - विविध मामले : एचबीपी के पैरा 9.02 के अनुसार, ऐसे सभी मामलों में जहां इस तरह का आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि समाप्त होने के बाद कोई भी आवेदन प्राप्त होता है, उनमें लेट कट के प्रावधान किए गए हैं। अब लेट कट के प्रयोजन के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि को नियमित आवेदन के लिए ऊपर दिए गए समय विस्‍तार के अनुसार बढ़ा हुआ मान लिया जाएगा।

 

बी.  विशेष आर्थिक जोन (एसईजेड) की इकाइयों के लिए सहूलियत

 

  1. एसईजेड या सेज के डेवलपरों/सह-डेवलपरों/इकाइयों के संबंध में निम्नलिखित अनुपालनों पर छूट दी गई है:

ए.  डेवलपरों/सह डेवलपरों द्वारा वैसी तिमाही प्रगति रिपोर्ट (क्यूपीआर) को दाखिल करने की आवश्यकता, जो स्वतंत्र चार्टर्ड इंजीनियरों द्वारा सत्यापित की गई हो।

बी. सॉफ्टेक्स फॉर्म, जिसे आईटी/आईटी आधारित इकाइयों द्वारा दाखिल किया जाना है।

सी. एसईजेड इकाइयों द्वारा वार्षिक कार्य-प्रदर्शन रिपोर्ट (एपीआर) दाखिल करना।

ii. विकास आयुक्तों को निर्देश दिया गया है कि वे समयबद्ध तरीके से इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से अनुमोदन पत्र (एलओए) और अन्य अनुपालनों के समस्‍त समय विस्‍तार को मंजूर करें। ऐसे मामलों में जहां इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से समय विस्तार मंजूर करना संभव नहीं है या ऐसे मामलों में जहां आमने-सामने बैठक होना आवश्यक है, उनमें विकास आयुक्त यह सुनिश्चित करेंगे कि डेवलपरों/सह-डेवलपरों/इकाइयों को कारोबार में भारी व्‍यवधान वाली इस अवधि के दौरान वैधता की इस तरह से समाप्ति के कारण किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े, और तदर्थ अंतरिम विस्तार/समाप्ति तिथि‍ के स्‍थगन को किसी पूर्वाग्रह के बिना ही  30 जून 2020 तक या इस मामले पर विभाग के आगे के निर्देश जारी होने तक, इनमें से जो भी पहले हो, मंजूर किया जा सकता है। इस तरह के समय विस्तार निम्नलिखित प्रकार के मामलों को कवर करेंगे:  

ए. डेवलपर/सह-डेवलपर जो एसईजेड को विकसित और संचालि‍त करने की प्रक्रिया में हैं।

बी.  ऐसी इकाइयां (यूनिट) जिनके द्वारा एनएफई आकलन के लिए अपने 5 साल के ब्लॉक को पूरा कर लेने की संभावना है।

सी.  ऐसी इकाइयां जिन्हें अब भी अपना संचालन शुरू करना बाकी है।

iii.  इसी प्रकार निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) के एलओपी की समाप्ति के मामले में भी विकास आयुक्‍तों (डीसी) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि लॉकडाउन अवधि के दौरान ईओयू को कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए और यदि संभव हो तो एलओपी के सभी समय विस्तार को समयबद्ध तरीके से इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से मंजूर किया जा सकता है।  ऐसे मामलों में जहां इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से समय विस्तार मंजूर करना संभव नहीं है या ऐसे मामलों में जहां आमने-सामने बैठक होना आवश्यक है, उनमें ईओयू की वैधता की समाप्ति को 30 जून, 2020 तक उपयुक्‍त रूप से स्थगित किया जा सकता है। इस तरह के समय विस्तार निम्नलिखित प्रकार के मामलों को कवर करेंगे:  

ए.  मौजूदा ईओयू का अनुमति पत्र (एलओपी), जिनके एनएफई की गणना के लिए पांच अवधि लॉकडाउन अवधि के दौरान पूरी हो रही है।

बी.  ईओयू का एलओपी, जिसकी वैधता लॉकडाउन अवधि के दौरान समाप्त हो रही है।

iv. आईटी/आईटी आधारित इकाइयों के साथ-साथ एसईजेड में स्थित गैर-आईटी/आईटी आधारित इकाइयों को भी ‘घर से काम करने’ के लिए एसईजेड के बाहर डेस्कटॉप/लैपटॉप को ले जाने की अनुमति दे दी गई है।

v.                  मास्क, सैनिटाइजर, गाउन और अन्य सुरक्षात्मक निवारक उत्पादों/उपकरणों जैसी आवश्यक वस्तुओं का निर्माण करने के मामले में ब्रॉडबैंड के लिए विकास आयुक्तों को अधिकार दिए गए हैं। हालांकि, इसके लिए यूएसी द्वारा कार्योत्तर संपुष्टि आवश्‍यक है।

vi.                सभी विकास आयुक्तों को इलेक्ट्रॉनिक कार्य संस्कृति को अपनाने और दवाओं, आवश्यक वस्तुओं इत्‍यादि के निर्माण में संलग्‍न इकाइयों को सहयोग देने तथा कोविड संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने के प्रति संवेदनशील बनाया गया है।

vii.              विकास आयुक्तों के साथ समन्वय कर विभाग हर दिन स्थिति पर पैनी नजर रख रहा है। अब तक की स्थिति के अनुसार, दवाओं, फार्मास्यूटिकल्स एवं चिकित्सा आपूर्ति जैसी आवश्यक सामग्री के निर्माण में लगी 403 इकाइयां अपना संचालन कर रही हैं। इसके अलावा, आईटी/आईटीईएस और अन्य सेक्‍टरों में कार्यरत 2055 इकाइयों को घर से काम करने की अनुमति दी गई है।  

 

सी.     ईसीजीसी की ओर से सहूलियत:

 

  1. बीमा कवर के तहत घोषणाएं, समय विस्तार सबंधी आवेदन और डिफॉल्ट की रिपोर्ट जैसे रिटर्न दाखिल करने के समय, जो मार्च और अप्रैल के लिए निर्दिष्‍ट या निर्धारित हैं, को 31 मई 2020 तक बढ़ा दिया गया है।
  2. इस अवधि के लिए निर्दिष्‍ट दावा/जवाब दाखिल करने का समय 30 जून, 2020 तक बढ़ा दिया गया है।
  3. क्रेडिट लिमिट आवेदन शुल्क अदा करने की छूट 30 जून, 2020 तक दी गई है।
  4. 1 मार्च से 30 जून, 2020 तक नवीकरण/जारी की जाने वाली पॉलिसियों के लिए पॉलिसी प्रपोजल प्रोसेसिंग शुल्क में 50% की कटौती की गई है।
  5. पहले से ही स्‍वीकृत लदान (शिपमेंट) के लिए खरीदारों द्वारा भुगतान करने की देय तिथि को निर्यातक अपने विवेक के अनुसार बढ़ा सकेंगे।
  6. उन शिपमेंट के बारे में अपने विवेक से निर्णय (यानी पुनर्विक्रय/पुन: आयात/ या छोड़ देना) ले सकेंगे जो अपने गंतव्य तक पहुंच चुकी हैं, लेकिन जिन्‍हें गंतव्य देशों में लॉकडाउन के कारण विदेशी खरीदारों द्वारा अब तक मंजूरी नहीं दी गई है।
  7. बीमा कवर के तहत दावा पात्रता अवधि को मौजूदा 4 माह की अवधि से घटाकर 1 माह कर दिया गया है।

 

 

डीकृषि एवं प्रसंस्कृत उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) द्वारा कृषि निर्यातकों को सहूलियत: 

  1. निर्यातकों को सहूलियत के लिए एपीडा ने उन आरसीएमसी की वैधता; पैकहाउस, मूंगफली प्रसंस्करण इकाई, मीट प्‍लांटों की मान्यता/पंजीकरण की अवधि 30 अप्रैल, 2020 तक बढ़ा दी है, जिनकी निर्धारित अवधि समाप्त हो रही है।
  2. जैविक उत्पादों के निर्यातकों के लिए एकबारगी उपाय के रूप में अतिरिक्त एक महीने का वैधता प्रमाणपत्र प्रदान करने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।
  3. हॉर्टिनेट/ग्रेपनेट में अधिकृत सभी प्रयोगशालाओं के साथ-साथ एपीडा निर्धारित उत्पादों से जुड़ी उन सभी प्रयोगशालाओं के लिए भी 28 मार्च 2020 को एक एडवाइजरी जारी की गई थी जो ताजा फलों और सब्जियों की सैम्‍पलिंग एवं विश्लेषण करती हैं। इसका उद्देश्‍य सैंपल संग्रह करने वाले कर्मियों एवं प्रयोगशाला कर्मचारियों की आवाजाही से संबंधित किसी भी बाधा को एपीडा और स्थानीय प्राधिकरणों के संज्ञान में लाना है, ताकि उसका त्वरित समाधान हो सके।
  4. एपीडा प्रमाणन निकायों को जैविक प्रमाण पत्रों की वैधता अवधि बढ़ाने की सलाह दी गई है। इससे किसानों को ‘जैविक दर्जा’ खोए बिना ही अपने प्रमाणपत्र को बरकरार रखने में मदद मिलेगी।
  5. उन फूड प्रोसेसरों और निर्यातकों के प्रमाणपत्रों के अंतरिम विस्तार का भी प्रावधान किया गया है जिनका भौतिक निरीक्षण नहीं किया जा सका है।
  6. एपीडा की पहल से नवी मुंबई में स्थित कुछ पैकिंग इकाइयों को आपूर्ति हेतु आवश्यक पैकेजिंग सामग्री के उत्पादन के लिए अपना संचालन फिर से शुरू करने की अनुमति मिल गई।

 

ई. तम्बाकू बोर्ड की ओर से सहूलियत:

फरवरी महीने के लिए विभिन्न व्यापारियों द्वारा मासिक रिटर्न जमा करने की अंतिम तारीख 15 मार्च है। मार्च महीने के लिए रिटर्न जमा करने की आखिरी तारीख 15 अप्रैल है। तम्बाकू बोर्ड ने ये तिथियां 30 अप्रैल 2020 तक बढ़ा दी हैं। राज्य सरकार और अन्य हितधारकों के परामर्श से तम्बाकू बोर्ड ने तम्बाकू की नीलामी 15 अप्रैल, 2020 से शुरू करने की योजना बनाई है, ताकि तम्बाकू फसल को कोई भी नुकसान होने से बचा जा सके।  

 

एफ. चाय बोर्ड की ओर से सहूलियत:

  1. चाय बोर्ड ने विभिन्न समयसीमा को निम्‍नानुसार बढ़ा दिया है:

क्र. सं.

रिटर्न का नाम

 के तहत प्रावधान

आवृत्ति

हितधारक

देय तिथि‍

प्रयोजन

स्वीकृत समय विस्‍तार

1

प्रोडक्‍शन रिटर्न (फॉर्म-)

टीएमसीओ

मासिक

चाय उत्‍पादक

07.04.2020

मासिक उत्पादन, उत्पादकों को भुगतान की गई हरी पत्ती की कीमत, चाय अपशिष्ट के सृजन और निपटान डेटा को दर्ज करना - आईआईपी के लिए भी इस्तेमाल किया जाना है

संशोधित

समयसीमा

30 04.2020

2

बायर रिटर्न (फॉर्म-एफ)

टीएमसीओ

तिमाही

चाय क्रेता

31.03.2020

चाय की खरीद और बिक्री के डेटा को दर्ज करना

संशोधित

समयसीमा

 30.04.2020

3

इंस्‍टैंट टी रिटर्न

टीएमसीओ

मासिक

इंस्‍टैंट टी निर्माता

07.04.2020

इंस्‍टैंट टी के उत्‍पादन डेटा को दर्ज करना

संशोधित

समयसीमा

 30.04.2020

4

वेयर हाउस रिटर्न (फॉर्म-एम)

टीएमसीओ

मासिक

टी वेयर हाउस

07.04.2020

चाय भंडारण और निस्‍तारण के विवरण को दर्ज करना

संशोधित

समयसीमा

 30.04.2020

5

निर्यात रिटर्न

टीडीईसीओ

मासिक

चाय निर्यातक

07.04.2020

मासिक निर्यात मात्रा, मूल्य, शिपमेंट का बंदरगाह, श्रेणी वार चाय निर्यात, इत्‍यादि के डेटा को दर्ज करना

संशोधित

समयसीमा

 30.04.2020

6

आयात रिटर्न

टीडीईसीओ

मासिक

चाय आयातक

कोई तिथि‍ तय नहीं

 मासिक आयात मात्रा, और सीआईएफ मूल्य तथा जिस उद्देश्य से आयात किया गया था उससे संबंधित विवरण को दर्ज करना

संशोधित

समयसीमा

 

30.04.2020

7

वार्षिक रिटर्न

चाय अधिनियम

वार्षिक

चाय बागान के मालिक

31.03.2020

 वर्ष के दौरान किए गए विकास कार्यों का विवरण दर्ज करना, जिनमें झाड़ियों की अवस्‍था और कार्यरत श्रमिकों की संख्या तथा उनके कल्याण से जुड़े कार्यकलाप शामिल हैं

संशोधित

समयसीमा

 31.05.2020

 

गृह मंत्रालय, दिनांक 24 मार्च 2020 की अधिसूचना देखें, ने अधिकतम 50% श्रमिकों के साथ बागान सहित चाय उद्योग में कामकाज करने को अनुमति दे दी है। 

 

जी. समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) की ओर से सहूलियत : एमपीईडीए ने 1 अप्रैल 2020 से संयुक्त राज्य अमेरिका के बाजार के लिए अधिकतर निर्यात प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन यानी डीएस 2301’ प्रमाण पत्रों को जारी करना शुरू कर दिया है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका को झींगा निर्यात के लिए एक आवश्यक प्रमाण पत्र है। इसे ऑनलाइन कर देने से निर्यातकों की भाग-दौड़ काफी कम हो गई है। लॉकडाउन किए जाने के बाद एक और प्रमाण पत्र (एशिया-प्रशांत व्यापार समझौता यानी एपीटीए) को भी ऑनलाइन कर दिया गया है।

 

एच. कोविड-19 महामारी को देखते हुए खरीद में सहूलियत के लिए गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम) द्वारा किए गए उपाय  

कोविड-19 से संबंधित वस्तुओं की खरीद में सहूलियत के लिए की गई विभिन्न पहलों की स्थिति निम्नानुसार है:

      1. कोविड-19 श्रेणियों और विक्रेताओं की संख्या पर करीबी नजर रखने के लिए नया पृष्ठ शुरू किया गया।
      2. छोटी डिलीवरी या वितरण अवधि वाली छोटी अवधि की बोलियां शुरू की गईं। कोविड-19 से संबंधित श्रेणियों के लिए बोली चक्र को मौजूदा 10 दिनों से घटाकर 3 दिन कर दिया गया है। इन वस्तुओं के विशेष महत्‍व को ध्‍यान में रखते हुए खरीदार भी इस तरह की वस्तुओं के लिए वितरण अवधि को घटाकर 2 दिन कर सकते हैं।
      3. स्थानीय आपूर्तिकर्ता के लिए और खरीदार द्वारा डिलीवरी के चयन हेतु लीड समय के लिए एक फिल्टर लगाया गया है, ताकि शीघ्र डिलीवरी संभव हो सके।
      4. कोविड विशिष्ट श्रेणियों के उत्पाद/ब्रांड अनुमोदन में प्राथमिकता दी जा रही है।
      5. अनुचित मूल्यवृद्धि को नियंत्रित करने के लिए एक नया कारोबार नियम लागू किया गया है।
      6. डिलीवरी अवधि के विस्तार को मूल डिलीवरी अवधि की समाप्ति के बाद भी 30 दिनों के लिए अनुमति दी गई है।
      7. उन विक्रेताओं के यहां स्टॉक को खत्‍म करने के लिए नया कारोबार नियम लागू किया गया है जो विशिष्ट श्रेणियों के लिए अधिसूचना जारी होने के 48 घंटों के भीतर अपने स्टॉक को अपडेट नहीं करते हैं।
      8. आठ नई कोविड श्रेणियों के लिए मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) और विक्रेताओं की पहचान की गई है।
      9. प्रणाली में संचालन की निरंतरता सुनिश्चित करने हेतु ‘एमएसपी’ और ‘जेम’ के लिए एक ‘कारोबार निरंतरता योजना’ अमल में लाई गई है।

 

आई. कोविड-19 महामारी के मद्देनजर तरजीही निर्यात को सुगम बनाने के लिए विभाग द्वारा किए गए उपाय

  i.        मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत भारत के तरजीही निर्यात के लिए मूल देश संबंधी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत एजेंसियां ​​लॉकडाउन के कारण या तो कार्यरत ही नहीं हैं या अत्‍यंत कम कर्मचारियों के साथ काम कर रही हैं। इसे ध्‍यान में रखते हुए वाणिज्य विभाग ने इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कुछ विशिष्ट एफटीए शामिल किए थे, जिससे इन प्रमाण पत्रों के लिए निर्यातकों को ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा मिली थी। दिनांक 7 अप्रैल, 2020 के ट्रेड नोटिस 1’ ने इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आसियान, जापान एवं सार्क देशों के साथ हुए भारत के मुख्य एफटीए के साथ-साथ एशिया-प्रशांत व्यापार समझौते (एपीटीए) को भी जोड़ा है। दिनांक 6 अप्रैल, 2020 के संबंधित ट्रेड नोटिस 62’ ने इन एजेंसियों से इस प्लेटफॉर्म पर निर्यातकों को डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र जारी करने और इसके साथ ही प्रमाण पत्र के लिए एकसमान शुल्क रखने को कहा है, चाहे उन्‍हें किसी पिछली तिथि से ही क्‍यों न जारी किया गया हो। यह प्लेटफॉर्म डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र जारी करता है। यही नहीं, व्यापार साझेदार इन डिजिटल हस्ताक्षरित प्रमाणपत्रों को स्वीकार भी कर रहे हैं। अत: इससे यह सुनिश्चित होगा कि इस लॉकडाउन अवधि के दौरान भी भारत के तरजीही निर्यात में सुविधा होगी।

  1. यूरोपीय संघ (ईयू) को निर्यात करने वाले अधिकतर निर्यातक यूरोपीय संघ की सामान्यीकृत तरजीही प्रणाली (जीएसपी) योजना का लाभ उठाते हैं जिसके तहत उन्हें निर्यात करने पर शुल्क में वरीयता मिलती है। वैसे तो यूरोपीय संघ से जुड़ी जीएसपी स्व-प्रमाणन आधार पर उपलब्‍ध है, लेकिन आरईएक्स (पंजीकृत निर्यातक) नंबर प्राप्त करने के लिए भारत में निर्यातकों को निर्दिष्‍ट एजेंसियों के यहां आवेदन करना पड़ता है। इन एजेंसियों के कार्यालयों के बंद होने के मद्देनजर दिनांक 2 अप्रैल 2020 के ‘ट्रेड नोटिस 61’ ने आरईएक्स नंबर प्राप्त करने के लिए स्कैन किए गए दस्तावेजों को स्वीकार करना निर्दिष्‍ट किया है, ताकि निर्यातकों को इन एजेंसियों के यहां जाने की आवश्‍यकता ही न पड़े। इससे यह सुनिश्चित होगा कि यूरोपीय संघ की जीएसपी के तहत यूरोपीय संघ को निर्यात करने वाले वे निर्यातक इन एजेंसियों (जो पंजीकरण के लिए स्थानीय प्रशासक के रूप में भी जाने जाते हैं) के यहां इलेक्ट्रॉनिक रूप से आवेदन कर सकते हैं जिन्हें आरईएक्स नंबर नहीं मिला है।

 

जे. व्यापार उपचार महानिदेशक (डीजीटीआर) की ओर से सहूलियत

व्यापार उपचार जांच प्रक्रिया में दस्तावेजों की फोटो कॉपी को संबंधित कार्यालय में प्रस्‍तुत किए बिना ही ऑनलाइन या डिजिटल ढंग से जमा कराया जा सकता है। यह सुविधा नई जांच प्रक्रियाओं और वर्तमान में जारी जांच प्रक्रियाओं दोनों ही के लिए उपलब्‍ध है। इसके अलावा, सुनवाई और परामर्श भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही किए जा रहे हैं।

 

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एएम/आरआरएस- 6481                                                    



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