പ്രധാനമന്ത്രിയുടെ ഓഫീസ്
'വന്ദേമാതര'ത്തിൻ്റെ 150-ാം വാർഷികത്തോടനുബന്ധിച്ച് നടന്ന പ്രത്യേക ചർച്ചയ്ക്കിടെ ലോക്സഭയിൽ നടത്തിയ പ്രസംഗത്തിലെ ഭാഗങ്ങൾ പ്രധാനമന്ത്രി പങ്കുവെച്ചു
प्रविष्टि तिथि:
08 DEC 2025 4:44PM by PIB Thiruvananthpuram
'വന്ദേമാതര'ത്തിൻ്റെ 150-ാം വാർഷികത്തോടനുബന്ധിച്ച് നടന്ന പ്രത്യേക ചർച്ചയ്ക്കിടെ ലോക്സഭയിൽ നടത്തിയ പ്രസംഗത്തിലെ ഭാഗങ്ങൾ പ്രധാനമന്ത്രി ശ്രീ നരേന്ദ്ര മോദി പങ്കുവെച്ചു.
എക്സിലെ വിവിധ പോസ്റ്റുകളിൽ ശ്രീ മോദി പറഞ്ഞു:
“जिस मंत्र और जयघोष ने देश की आजादी के आंदोलन को ऊर्जा और प्रेरणा दी थी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था, उस वंदेमातरम् का पुण्य स्मरण हम सबका परम सौभाग्य है।”
“जब अंग्रेजों के राष्ट्रीय गीत को घर-घर पहुंचाने का षडयंत्र चल रहा था, ऐसे समय में बंकिम बाबू ने चुनौती दी और वंदेमातरम् का जन्म हुआ।”
“वंदेमातरम् ने उस विचार को पुनर्जीवित किया, जो हजारों वर्षों से भारतवर्ष की रग-रग में रचा-बसा था।”
“सन् 1905 में अंग्रेजों ने बंगाल के विभाजन का पाप किया, तब वंदेमातरम् चट्टान की तरह खड़ा रहा।”
“भारत माता के अनगिनत वीर सपूतों ने वंदेमातरम् गाते-गाते फांसी के फंदे को गले से लगाया था। आखिरी वक्त तक वंदेमातरम् ही उनका भावघोष रहता था।”
“वंदेमातरम् ने भारत को स्वावलंबन का रास्ता भी दिखाया। यह बाहरी कंपनियों को चुनौती देने का मंत्र बन गया, जिससे आजादी के मंत्र का स्वदेशी के मंत्र की तरफ विस्तार भी होता गया।”
“आज इसलिए यह जानना जरूरी है कि इतने महान वंदेमातरम् के साथ पिछली सदी में अन्याय और विश्वासघात क्यों हुआ…”
“तुष्टिकरण की राजनीति के दबाव में कांग्रेस वंदेमातरम् के बंटवारे के लिए झुकी, इसीलिए कांग्रेस को एक दिन भारत के बंटवारे के लिए झुकना पड़ा।”
***
NK
(रिलीज़ आईडी: 2200459)
आगंतुक पटल : 9