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56वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का भव्य समापन हुआ, लेकिन सिनेमा की रोशनी युगों-युगों तक जगमगाती रहेगी!


वियतनामी फिल्म 'स्किन ऑफ यूथ' ने 56वें इफ्फी में प्रतिष्ठित 'गोल्डन पीकॉक' पुरस्कार जीता

फिल्में जन-चेतना को आकार देती हैं, सामाजिक परिवर्तन को प्रेरित करती हैं, सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करती हैं और भारत के विविधतापूर्ण समाज में एकता को बढ़ावा देती हैं: गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत

वेव्स फिल्म बाजार ने 1,050 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया, जहाँ महिलाओं द्वारा निर्देशित 50 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया, जो फिल्मों में 'नारी-शक्ति' के उदय को दर्शाता है: सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री और संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन

“यह सम्मान पूरे फिल्म उद्योग के लिए है”: सिनेमा में 50 वर्ष पूरे होने पर रजनीकांत को सम्मानित किया गया

संतोष दावखर को मराठी फिल्म ‘गोंधल’ में उनके डायरेक्शन के लिए सिल्वर पीकॉक मिला

उबेइमर रियोस को सर्वश्रेष्ठ पुरुष अभिनेता के लिए सिल्वर पीकॉक और जारा सोफिया ओस्तान को सर्वश्रेष्ठ महिला अभिनेत्री के लिए सिल्वर पीकॉक पुरस्कार प्राप्त हुआ

ईरानी फिल्म निर्माता हेसम फरहमंद और एस्टोनियाई फिल्म निर्माता टोनिस पिल को बेस्ट डेब्यू फीचर फिल्म ऑफ़ ए डायरेक्टर के लिए संयुक्त विजेता घोषित किया गया

: #IFFIWood, November 28, 2025

गोवा के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंडोर स्टेडियम में आज शाम जैसे ही भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) 2025 का समापन हुआ, रंगबिरंगी रोशनियों से सजा एक शानदार समापन समारोह, मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से जगमगा उठा और जिसमें दुनिया भर की फिल्मी हस्तियां मौजूद थीं। और इसी के साथ सिनेमा, संस्कृति और कहानी कहने के इस बेमिसाल उत्सव के एक और खास संस्करण का समापन हो गया, लेकिन इसके साथ ही इस प्रतिष्ठित फिल्म महोत्सव के अगले संस्करण के लिए उत्सुकता भी बढ़ने लगी।

पिछले नौ दिनों के दौरान, गोवा भर में फैले फिल्म महोत्सव के स्थलों पर दमदार कहानियों और जीवंत प्रदर्शनों ने सिल्वर स्क्रीन और मंचों को अपनी कला से जगमगा दिया, जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए और कला के लिए एक वैश्विक भावना देखने को मिली।

प्रतिष्ठित और उभरते कलाकारों की रेड कार्पेट पेशकश, शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और प्रतिष्ठित तथा नई सिनेमाई प्रतिभाओं को सम्मानित करने वाले पुरस्कारों ने इस शाम को सिनेमा प्रेमियों के लिए यादगार बना दिया।

उत्सव का समापन रत्चापूम बूनबंचचोक द्वारा निर्देशित समापन फिल्म "ए यूज़फुल घोस्ट" के प्रदर्शन के साथ हुआ, सिनेमा की एक ऐसी अनूठी प्रस्तुति, जिसने कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों और पुरस्कारों में प्रशंसा हासिल की है।

शाम के समारोहों के बीच,  बहुप्रतीक्षित पुरस्कारों की घोषणा के साथ इस पूरे समारोह के वो खास पल सामने आए, जिसमें उन प्रतिभाशाली रचनाकारों और उत्कृष्ट प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपनी कलात्मक उत्कृष्टता से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

एशले मेफेयर द्वारा निर्देशित 'स्किन ऑफ यूथ' ने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए प्रतिष्ठित 'गोल्डन पीकॉक' पुरस्कार हासिल किया

एशले मेफेयर द्वारा लिखित और निर्देशित वियतनामी फिल्म 'स्किन ऑफ यूथ' को अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता वर्ग में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म चुना गया और इस फिल्म को 56वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

अपने बेजोड़ कथानक के साथ, यह फिल्म एक सशक्त संदेश देती है, मानवीकरण, रोशनी और मौन को चुनौती देना। अच्छे संगीत और कुशल संपादन के साथ फिल्म के सभी तत्व खूबसूरती से एक साथ आए। जूरी ने फिल्म को साहसी और बहादुर, शानदार और स्टाइलिश जैसे लफ्ज़ों में परिभाषित किया। फिल्म में दिखाया गया प्रेम और त्याग, हमें एक ऐसे जीवन से रूबरू कराता है, जिसके बारे में हममें से बहुत कम लोग जानते हैं और यही वजह है कि यह फिल्म हमारे ज़ेहन में लंबे वक्त तक बसी रहेगी।

मराठी फिल्म 'गोंधल' के निर्देशक संतोष दवाखर को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का सिल्वर पीकॉक पुरस्कार मिला

56वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) में मराठी फीचर फिल्म 'गोंधल' के निर्देशक संतोष दवाखर को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का सिल्वर पीकॉक पुरस्कार मिला।

सांस्कृतिक परंपराओं के समृद्ध ताने-बाने में रची-बसी, निर्देशक संतोष दवाखर ने एक सिनेमाई पेशकश दर्शकों के सामने रखी है। जूरी के शब्दों में- एक ऐसी मनोरम कहानी, जो हमें रोमांचित करती है और हमारी कल्पना से भी परे हमें आश्चर्यचकित कर देती है। जूरी ने आगे कहा कि गोंधल आज की दुनिया में शेक्सपियर की कहानी जैसी है।

 

स्पेनिश फिल्म 'अ पोएट' के मुख्य अभिनेता उबेइमार रियोस को सर्वश्रेष्ठ पुरुष अभिनेता का सिल्वर पीकॉक पुरस्कार मिला

स्पेनिश फिल्म 'अ पोएट' के मुख्य अभिनेता उबेइमार रियोस को 56वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरुष) का सिल्वर पीकॉक पुरस्कार दिया गया।

यह फिल्म कला और अस्तित्व के बीच सदियों पुराने संघर्ष को एक अनोखे और अप्रत्याशित तरीके से दर्शाती है। जूरी ने कहा कि इस फिल्म में अभिनेता उबेइमार रियोस ने अपने पहले मौके में ही शानदार अभिनय किया है, जिसमें उन्होंने एक पीड़ित, हारे हुए कवि की भूमिका निभाई है, जो एक भावनाओं के दलदल में धंसा हुआ है, लेकिन जब उसकी मुलाकात एक प्रतिभाशाली किशोर से होती है, तो उसकी ज़िंदगी ही बदल जाती है। निर्णायक मंडल ने फिल्म की सराहना करते हुए कहा कि फिल्म और उबेइमार की अदायगी बेहद प्रेरणादायक और काफी सुकून देने वाली है।

सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए सिल्वर पीकॉक पुरस्कार, 'लिटिल ट्रबल गर्ल्स' की निर्माता जारा सोफिया ओस्तान द्वारा स्वीकार किया गया

माई फादर्स शैडो के निर्देशक अकिनोला डेविस जूनियर को विशेष निर्णायक मंडल पुरस्कार मिला

ब्रिटिश-नाइजीरियाई फिल्म निर्माता अकिनोला डेविस जूनियर को 56वें इफ्फी में फिल्म माई फादर्स शैडो के लिए विशेष जूरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

निर्देशक और पटकथा लेखक की जूरी ने सराहना करते हुए कहा कि फिल्म के कुछ अंतरंग पल और छोटे-छोटे हाव भाव इस फिल्म की गर्मजोशी बयां करते हैं।

माई फादर्स शैडो के निर्देशक अकिनोला डेविस जूनियर को विशेष निर्णायक मंडल पुरस्कार मिला

ब्रिटिश-नाइजीरियाई फिल्म निर्माता अकिनोला डेविस जूनियर को 56वें ​​इफ्फी में फिल्म माई फादर्स शैडो के लिए विशेष जूरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

निर्देशक और पटकथा लेखक की जूरी ने सराहना करते हुए कहा कि फिल्म के कुछ अंतरंग पल और छोटे-छोटे हाव भाव इस फिल्म की गर्मजोशी बयां करते हैं।

 

फ़ारसी फ़िल्म "माई डॉटर्स हेयर" (राहा) के लिए हेसम फरहमंद और एस्टोनियाई फ़िल्म "फ़्रैंक" के लिए टोनीस पिल को संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ नवोदित फ़ीचर फ़िल्म का निर्देशक पुरस्कार मिला।

ईरानी फ़िल्म निर्माता हेसम फरहमंद को उनकी पहली फ़िल्म "माई डॉटर्स हेयर" (राहा) के लिए और एस्टोनियाई फ़िल्म निर्माता टोनीस पिल को उनकी पहली फ़ीचर फ़िल्म "फ़्रैंक" के लिए 56वें ​​अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ नवोदित फ़िल्म का निर्देशक पुरस्कार संयुक्त रूप से मिला।

निर्णायक मंडल ने दोनों फ़िल्मों की प्रशंसा की और कहा कि वे दोनों ही फिल्मों की उत्कृष्टता से समान रूप से प्रभावित हुए।

 

हिंदी फिल्म केसरी चैप्टर 2 के निर्देशक करण सिंह त्यागी को 'भारतीय फीचर फिल्म के सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक' का पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

केसरी चैप्टर 2 के निर्देशक करण सिंह त्यागी को 56वें इफ्फी में उनकी पहली फिल्म के लिए यह पुरस्कार मिला। भारतीय पैनोरमा जूरी ने इस फिल्म के निर्देशक, निर्माता, अभिनेताओं और तकनीशियनों को बधाई दी। 

बंदिश बैंडिट्स सीज़न 2 को सर्वश्रेष्ठ वेब सीरीज़ (ओटीटी) का पुरस्कार मिला

56वें ​​इफ्फी समारोह में सर्वश्रेष्ठ वेब सीरीज़ (ओटीटी) का पुरस्कार बंदिश बैंडिट्स सीज़न 2 की टीम को मिला। निर्णायक मंडल ने महसूस किया कि इस वेब सीरीज़ की कहानी संगीत और कला को सभी के लिए सरल और सुलभ बनाती है।

 

नॉर्वे की फिल्म 'सेफ हाउस' को मिला प्रतिष्ठित आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी मेडल

एरिक स्वेन्सन द्वारा निर्देशित नॉर्वे की फिल्म 'सेफ हाउस' को 56वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी 2025) में शांति, अहिंसा और इंटरकल्चरल संवाद को बढ़ावा देने वाले सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक से सम्मानित किया गया है।​

 

एक स्वर्णिम गाथा: सुपरस्टार रजनीकांत के 50 साल के बेमिसाल फिल्मी करियर का उत्सव

भारतीय सिनेमा में 50 वर्ष पूरे करने वाले महान अभिनेता रजनीकांत को आज समापन समारोह में विशेष रूप से सम्मानित किया गया—यह उपलब्धि राष्ट्र की फिल्म संस्कृति पर उनके स्थायी प्रभाव को दर्शाता है। आधी सदी से भारतीय दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाले इस प्रतिष्ठित अभिनेता ने इस सम्मान के लिए केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। महान अभिनेता ने कहा, "जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूँ, तो ऐसा महसूस होता है कि समय उड़ गया है, क्योंकि मुझे सिनेमा और अभिनय से प्यार है। मैं एक अभिनेता के रूप में—रजनीकांत के रूप में—सौ जन्म लेना चाहूँगा। आपके प्यार और स्नेह के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। यह सम्मान पूरे फिल्म उद्योग—निर्माताओं, निर्देशकों, टेक्नीशियन, डिस्ट्रीब्यूटर, एग्जिबिटर और हर किसी का है।"

गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने सभी पुरस्कार विजेताओं को माननीय प्रधानमंत्री का बधाई संदेश पहुँचाया, जो उस समय गोवा में श्री संस्थान गोकर्ण परतगली जीवोत्तम मठ के 550वें वर्ष के समारोह के लिए उपस्थित थे। डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा कि 'वसुधैव कुटुंबकम्' की भावना सिनेमा, कहानी कहने, प्रौद्योगिकी, नवाचार और रचनात्मकता में परिलक्षित होती है। उन्होंने कहा, "हम यहाँ फिल्मों और उन कहानियों का उत्सव मनाने के लिए एकत्र हुए हैं जो दुनिया को प्रभावित करती हैं।" उन्होंने आगे कहा कि यह शाम केवल एक उत्सव का समापन नहीं, बल्कि रचनात्मक प्रतिभाओं, कलात्मक दीप्ति और वैश्विक सहयोग के एक उल्लेखनीय समागम की परिणति थी। सिनेमा की परिवर्तनकारी शक्ति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि फिल्में केवल मनोरंजन से कहीं अधिक हैं—वे जन-चेतना को आकार देती हैं, सामाजिक परिवर्तन को प्रेरित करती हैं, सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करती हैं और भारत के विविध समाज में एकता को बढ़ावा देती हैं। डॉ. सावंत ने यह भी उल्लेख किया कि आज के कंटेंट क्रिएटर नई कहानियाँ गढ़ रहे हैं और नए प्रारूपों के साथ प्रयोग कर रहे हैं जो भौगोलिक सीमाओं से परे जाते हैं। उन्होंने कहा कि गोवा अब वर्षों से इफ्फी का स्थायी स्थल रहा है और गोवा सरकार ने इस महोत्सव को एक वैश्विक सांस्कृतिक केंद्र बनाने के लिए अथक प्रयास किए हैं।

इफ्फी 2025 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री, डॉ. एल. मुरुगन ने महोत्सव के 56वें संस्करण के प्रमुख नवाचारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के इफ्फी में विभिन्न राज्यों और गोवा स्थित प्रोडक्शन हाउसों की झाँकियाँ तथा सांस्कृतिक प्रदर्शनियाँ प्रस्तुत की गईं, जिन्होंने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, "हर साल, इफ्फी नए रंग लेकर आता है।" प्रधानमंत्री के विज़न का ज़िक्र करते हुए, उन्होंने साझा किया कि 'वेव्स शिखर सम्मेलन' पहली बार मुंबई में आयोजित किया गया, जिसमें फिल्म, मनोरंजन, मीडिया और रचनात्मक उद्योगों के 77 देशों और प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया। राज्य मंत्री ने यह भी सूचित किया कि इस वर्ष के महोत्सव ने गुरु दत्त, राज खोसला, ऋत्विक घटक, भूपेन हजारिका, पी. भानुमति, सलिल चौधरी और के. वैकुंठ जैसे महान फिल्म हस्तियों की जन्म शताब्दी मनाई और सिनेमा में 50 वर्ष पूरे करने पर रजनीकांत को भी सम्मानित किया गया। डॉ. एल. मुरुगन ने आगे कहा कि 'वेव्स फिल्म बाज़ार' ने उभरते फिल्म निर्माताओं के लिए 1,050 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया, जबकि 125 युवा प्रतिभाओं ने सीएमओटी कार्यक्रम में भाग लिया, जो नए रचनाकारों को पोषित करने के लिए इफ्फी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने उल्लेख किया, "इफ्फी के इतिहास में पहली बार, महिलाओं द्वारा निर्देशित 50 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया, जो सिनेमा में महिलाओं को सशक्त बनाने पर हमारे ध्येय की पुष्टि करता है।" डॉ. मुरुगन ने रचनात्मकता और प्रौद्योगिकी के मेल से नवाचार को और आगे बढ़ाने के लिए मुंबई में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजी की स्थापना पर भी प्रकाश डाला।

इस अवसर पर बोलते हुए, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव, श्री संजय जाजू ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वेव्स शिखर सम्मेलन में कहा था कि यह 'ऑरेंज इकोनॉमी' के उदय का समय है।श्री जाजू ने आगे कहा कि इफ्फी 2025 ने क्रिएटर्स के लिए मौके पैदा करने और ग्लोबल स्टेज पर भारतीय टैलेंट को गर्व से दिखाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। श्री जाजू ने यह भी कहा कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजी (आईआईसीटी) रचनाकारों को न केवल अपने कौशल और शिल्प को निखारने में मदद करेगा, बल्कि प्रौद्योगिकी को सीखने में भी सहायता करेगा जो किसी भी क्रिएटिव प्रोडक्शन का एक अभिन्न अंग है। उन्होंने सूचित किया कि आईआईसीटी का एनएफडीसी कैंपस पहले ही काम करना शुरू कर चुका है। उन्होंने आगे कहा कि मुंबई स्थित आईआईसीटी एक हब-एंड-स्पोक मॉडल की तरह काम करेगा, जिससे देश भर के रचनाकारों को लाभ मिलेगा।

भारतीय फिल्म उद्योग की हस्तियों ने इस वर्ष दिवंगत हुए उन दिग्गज व्यक्तित्वों को याद किया, जिन्होंने भारतीय सिनेमा में अमूल्य योगदान दिया है। इनमें धर्मेंद्र, कामिनी कौशल, सुलक्षणा पंडित, सतीश शाह, पीयूष पांडे, ऋषभ टंडन, गोवर्धन असरानी, पंकज धीर, वरिंदर सिंह घुमन, जुबीन गर्ग, बाल कर्वे, जसविंदर भल्ला, ज्योति चंदेकर, रतन थियम, बी. सरोजा देवी, शेफाली जरीवाला, पार्थो घोष, विभु राघव, शाजी एन. करुण, मनोज कुमार, आलोक चटर्जी, श्याम बेनेगल और ज़ाकिर हुसैन शामिल हैं।

इस मौके पर फिल्म इंडस्ट्री की जानी-मानी हस्तियों रमेश सिप्पी, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, अभय सिन्हा, ओमप्रकाश मेहरा, किरण शांताराम को सम्मानित किया गया। फेस्टिवल डायरेक्टर शेखर कपूर, एनएफडीसी के एमडी श्री प्रकाश मडगम, इएसजी गोवा की चेयरपर्सन डेलिला लोबो, रवि किसन, ऋषभ शेट्टी, रणवीर सिंह, अमित सद्द, निहारिका कोनिडेला और जी.वी.प्रकाश कुमार समेत कई जाने-माने लोग मौजूद रहे।

गणेश वंदना, पारंपरिक नृत्यों, दिव्यांग कलाकारों के उल्लेखनीय प्रदर्शन, पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक समृद्धि के जीवंत प्रदर्शन, कर्नाटक के पारंपरिक लोक रंगमंच यक्षगान और राजस्थान के मांगणियार समुदाय के प्रदर्शन के माध्यम से, कार्यक्रम ने भारतीय विरासत की विविधता और जीवंतता को उजागर किया।

समापन समारोह में इंडियन साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर की उपस्थिति ने महोत्सव की समावेशी भावना को रेखांकित किया, जो पिछले नौ दिनों के दौरान इफ्फी परिसर में कई दिव्यांग-अनुकूल उपायों के माध्यम से भी परिलक्षित हुई।

इस वर्ष फिल्मोत्सव ने एआई फिल्म फेस्टिवल और सिनेमाएआई हैकाथॉन की शुरुआत की, जिसने दुनिया भर के रचनाकारों को स्क्रिप्ट लेखन, वीडियो निर्माण, संपादन और प्रोडक्शन के लिए एआई-संचालित उपकरणों का उपयोग करके कहानी कहने की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान किया। 56वां इफ्फी ज्ञान बढ़ाने वाले विमर्श—इन-कन्वर्सेशन्स, मास्टरक्लास और राउंड टेबल—के लिए सिनेमा और रचनात्मकता के कई दिग्गजों को भी एक साथ लाया।

सिनेमा, कहानी कहने और रचनात्मकता के एक जीवंत उत्सव के साथ 56वें इफ्फी का समापन हुआ, जिसमें प्रतिभाशाली कलाकारों ने शानदार प्रस्तुतियाँ दीं और योग्य फिल्मों तथा व्यक्तित्वों को सम्मानित किया गया। इस महोत्सव ने फिल्म प्रेमियों और वैश्विक फिल्म समुदाय के दिलों में एक यादगार जगह बनाई है, साथ ही क्रिएटिव इकॉनमी में भी अपनी एक उज्ज्वल पहचान कायम की है, जो नवाचार, प्रतिभा और कलात्मक उद्यम को बढ़ावा देने में इफ्फी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।

अब इफ्फी के अगले संस्करण का इंतजार शुरू होता है, जो एक बार फिर सिनेमाई उत्कृष्टता का उत्सव मनाने, उत्कृष्ट प्रतिभा को पहचानने और  क्रिएटिव इकॉनमी को मजबूत करने के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करेगा।

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