गोवा में सुश्री जेवोन किम ने वंदे मातरम के भावपूर्ण गायन से बटोरी तालियां
वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में दी गई यह मधुर प्रस्तुति
गोवा में वेव्स फिल्म बाजार के उद्घाटन समारोह में दर्शकों को एक अप्रत्याशित और दिल क छू लेने वाला क्षण देखने को मिला, जब कोरिया गणराज्य की राष्ट्रीय असेंबली की सदस्य और सम्मानित अतिथि सुश्री जेवोन किम ने मंच पर आकर वंदे मातरम का भावपूर्ण गायन किया।

राष्ट्र द्वारा देश के राष्ट्रगीत की 150वीं वर्षगांठ मनाए जाने के अवसर पर उनकी दिल छू लेने वाली प्रस्तुति ने इस समारोह में एक गहरा अर्थपूर्ण रंग भर दिया। उनके गायन की गरिमा और सादगी से भाव-विभोर होकर पूरा सभागार खड़ा हो गया और उन्हें गर्मजोशी से स्टैंडिंग ओवेशन दिया।
कार्यक्रम के दौरान सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने इस भाव-भंगिमा के लिए सुश्री किम की सराहना की, न केवल उनके गायन के लिए, बल्कि विशेष रूप से पूरे संस्करण को गाने के लिए उनकी प्रशंसा की। सुश्री किम का गायन मैत्री और सांस्कृतिक सद्भाव की उस भावना का प्रतीक था, जिसे वेव्स फिल्म बाज़ार जैसे आयोजन पोषित करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने उपस्थित लोगों के समक्ष एक कोरियाई गीत भी प्रस्तुत किया, जिससे एक गर्मजोशी भरा अंतर-सांस्कृतिक आदान-प्रदान हुआ।

दुनिया भर से आए फिल्म निर्माताओं, रचनाकारों, प्रतिनिधियों और कहानीकारों से भरे इस आयोजन में उनकी यह प्रस्तुति इस तथ्य की मधुर याद दिलाती रही कि कला और भावनाएं सीमाओं के परे जाकर सभी को जोड़ देती हैं।
वेव्स फिल्म बाज़ार के बारे में
पूर्व में फिल्म बाजार के नाम से प्रसिद्ध इस पहल को राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) द्वारा 2007 में शुरू किया गया था और यह दक्षिण एशिया का सबसे प्रभावशाली फिल्म बाजार बन गया है।
आज उद्घाटित किया गया यह बाज़ार स्क्रीनराइटर्स लैब, मार्केट स्क्रीनिंग, व्यूइंग रूम लाइब्रेरी और को-प्रोडक्शन मार्केट सहित अपने विस्तृत चयनित क्षेत्रों में 300 से ज़्यादा फ़िल्म परियोजनाओं का एक विस्तृत संग्रह प्रस्तुत करता है। को-प्रोडक्शन मार्केट में 22 फ़ीचर फ़िल्में और 5 वृत्तचित्र शामिल हैं, जबकि वेव्स फ़िल्म बाज़ार का अनुशंसित सेक्शन कई प्रारूपों में 22 उल्लेखनीय फ़िल्मों को प्रस्तुत करता है। सात से अधिक देशों के प्रतिनिधिमंडल और दस से ज़्यादा भारतीय राज्यों के फ़िल्म प्रोत्साहन शोकेस इस मंच को और अधिक समृद्ध बनाते हैं।
आईएफएफआई के बारे में:
1952 में स्थापित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) दक्षिण एशिया का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित सिनेमा उत्सव है। राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी), सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार और एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा (ईएसजी), गोवा सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित यह महोत्सव एक वैश्विक सिनेमाई पॉवरहाउस के रूप में विकसित हुआ है—जहां पुनर्स्था पित क्लासिक फिल्मों से लेकर नए प्रयोग, महान दिग्ग जों से लेकर नए निर्भीक फर्स्टस टाइमर्स तक, सभी एक साथ आते हैं। आईएफएफआई को वास्तव में जो चीजें शानदार बनाती हैं, वे हैं - अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक प्रदर्शन, मास्टरक्लास, श्रद्धांजलि और ऊर्जावान वेव्स फिल्म बाजार, जहां विचार, सौदे और सहयोग उड़ान भरते हैं। गोवा की शानदार तटीय पृष्ठभूमि में 20 से 28 नवंबर तक आयोजित होने वाला आईएफएफआई का 56वां संस्करण भाषाओं, शैलियों, नवाचारों और नई आवाज़ों के एक जगमगाते स्पे क्ट्रंम का वादा करता है—विश्वं मंच पर भारत की रचनात्मंक प्रतिभा का एक भव्य उत्सव।
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