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प्रधानमंत्री 30-31 अक्टूबर को गुजरात का दौरा करेंगे


सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में प्रधानमंत्री भाग लेंगे

एकता दिवस परेड में 'विविधता में एकता' विषय पर आधारित झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी

परेड के प्रमुख आकर्षणों में शामिल हैं: बीएसएफ का मार्चिंग दस्ता जिसमें विशेष रूप से रामपुर हाउंड और मुधोल हाउंड जैसे भारतीय नस्ल के स्वा न शामिल होंगे

प्रधानमंत्री एकता नगर में 1,140 करोड़ रुपये से अधिक की इन्फ्रा स्ट्राक्च र और विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे

परियोजनाओं का फोकस: पर्यटकों के अनुभव को बढ़ाना, सुगम्यता में सुधार और स्थाोयित्व संबंधी पहलों का समर्थन

प्रधानमंत्री 'आरंभ 7.0' के समापन पर 100वें फाउंडेशन कोर्स के अधिकारी प्रशिक्षुओं के साथ बातचीत करेंगे

Posted On: 29 OCT 2025 10:58AM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी 30-31 अक्टूबर को गुजरात के दौरे पर रहेंगे। 30 अक्टूबर को, प्रधानमंत्री केवड़िया के एकता नगर जाएंगे और शाम लगभग 5:15 बजे वहां ई-बसों को हरी झंडी दिखाएंगे। शाम लगभग 6:30 बजे, वे एकता नगर में 1,140 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर और विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।

31 अक्टूबर को सुबह लगभग 8 बजे, प्रधानमंत्री स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह का आयोजन होगा। बाद में, करीब 10:45 बजे, वे ‘आरंभ 7.0’ में 100वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के प्रशिक्षु अधिकारियों से बातचीत करेंगे।

पहला दिन - 30 अक्टूबर

प्रधानमंत्री एकता नगर में विभिन्न इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर और विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इन परियोजनाओं का उद्देश्य इस क्षेत्र में पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाना, सुगम्यता में सुधार लाना और सतत विकास पहलों को बढ़ावा देना है। कुल 1,140 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली ये परियोजनाएं दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा के आसपास के क्षेत्र में इको-टूरिज्म, ग्रीन मोबिलिटी, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और आदिवासी विकास को बढ़ावा देने के सरकार के विजन को दर्शाती हैं।

जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा उनमें राजपीपला में बिरसा मुंडा जनजातीय विश्वविद्यालय; गरुड़ेश्वर में आतिथ्य जिला (चरण-1); वामन वृक्ष वाटिका; सतपुड़ा सुरक्षा दीवार; ई-बस चार्जिंग डिपो और 25 इलेक्ट्रिक बसें; नर्मदा घाट विस्तार; कौशल्या पथ; एकता द्वार से  श्रेष्ठ भारत भवन (चरण-2) तक पैदल मार्ग, स्मार्ट बस स्टॉप (चरण-2), डैम रिप्लिका फाउंटेन, जीएसईसी क्वार्टर आदि शामिल हैं।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री भारतीय शाही राज्य संग्रहालय; वीर बालक उद्यान; खेल परिसर; वर्षा वन परियोजना; शूलपनेश्वर घाट के पास जेटी विकास; स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर ट्रैवलेटर सहित विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे।

प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम के दौरान सरदार पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 150 रुपये मूल्य का एक विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी करेंगे।

दूसरा दिन - 31 अक्टूबर

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में भाग लेंगे और सरदार वल्लभभाई पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। वे एकता दिवस की शपथ दिलाएंगे और एकता दिवस परेड का अवलोकन करेंगे।

परेड में बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी के साथ-साथ विभिन्न राज्य पुलिस बलों की टुकड़ियां शामिल होंगी। इस वर्ष के मुख्य आकर्षणों में विशेष रूप से रामपुर हाउंड और मुधोल हाउंड जैसे भारतीय नस्ल के स्‍वानों से युक्त बीएसएफ का मार्चिंग दस्ता, गुजरात पुलिस का घुड़सवार दस्ता, असम पुलिस का मोटरसाइकिल डेयरडेविल शो और बीएसएफ का ऊंट दस्ता तथा ऊंट पर सवार बैंड शामिल हैं।

परेड में सीआरपीएफ के पांच शौर्य चक्र विजेताओं और बीएसएफ के सोलह वीरता पदक विजेताओं को भी सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने झारखंड में नक्सल-विरोधी अभियानों और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद-रोधी अभियानों में असाधारण साहस का परिचय दिया। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बीएसएफ कर्मियों की वीरता के लिए भी उन्हें सम्मानित किया जाएगा।

इस वर्ष राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में एनएसजी, एनडीआरएफ, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, अंडमान- निकोबार द्वीप समूह, मणिपुर, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और पुडुचेरी की दस झांकियां शामिल होंगी, जो 'अनेकता में एकता' विषय पर आधारित होंगी। 900 कलाकारों द्वारा प्रस्तुत एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति की समृद्धि और विविधता को दर्शाते हुए भारत के शास्त्रीय नृत्यों का प्रदर्शन किया जाएगा। इस वर्ष राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह का विशेष महत्व है, क्योंकि राष्ट्र सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती मना रहा है।

प्रधानमंत्री ‘आरंभ 7.0’ के समापन पर 100वें फाउंडेशन कोर्स के प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे। सातवें ‘आरंभ’ को "शासन की पुनर्कल्पना" विषय पर आयोजित किया गया है। इस 100वें फाउंडेशन कोर्स में भारत की 16 सिविल सेवाओं और भूटान की 3 सिविल सेवाओं के 660 प्रशिक्षु अधिकारी शामिल होंगे।

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पीके/केसी/एसकेएस/जीआरएस


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