उप राष्ट्रपति सचिवालय
उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने राज्यसभा के सभी राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं के साथ बैठक की अध्यक्षता की
संवाद, विचार-विमर्श, बहस और चर्चा संसदीय लोकतंत्र के मूल सिद्धांत हैं- श्री सी. पी. राधाकृष्णन
संसद सदस्यों से लोक महत्व के मुद्दों को उठाने के लिए शून्यकाल, विशेष उल्लेख और प्रश्नकाल जैसे उपलब्ध साधनों का पूरा उपयोग करने का आग्रह किया
भारत का संविधान और राज्यसभा की नियमावली संसदीय विमर्श की लक्ष्मण रेखा निर्धारित करती है - श्री सी. पी. राधाकृष्णन
उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति ने लक्ष्मण रेखा के भीतर सभी सदस्यों के अधिकारों को बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई
सदन में हर दिन, हर घंटे, हर मिनट, हर सेकंड का उपयोग लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए किया जाना चाहिए
Posted On:
07 OCT 2025 8:22PM by PIB Delhi
माननीय उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने आज राज्यसभा के सभी राजनीतिक दलों के सदन नेताओं के साथ अपनी पहली बैठक की अध्यक्षता की।
मंत्रियों सहित सदन के 29 नेताओं का स्वागत करते हुए, सभापति ने उनके पदभार ग्रहण करने पर मिले जबर्दस्त समर्थन और शुभकामना संदेशों के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह देखकर खुशी हुई कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता अल्प सूचना पर एक साथ एकत्रित हुए।
अपने उद्घाटन वक्तव्य में, सभापति ने इस बात पर ज़ोर दिया कि राज्यसभा गरिमा, अनुशासन और मर्यादा के साथ कार्य करे, जिसकी वह हकदार है। उन्होंने रेखांकित किया कि संवाद, विचार-विमर्श, बहस और चर्चा संसदीय लोकतंत्र के मूल सिद्धांत हैं।
सदस्यों को जन सरोकार के मुद्दे उठाने के लिए उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डालते हुए, सभापति ने शून्यकाल, विशेष उल्लेख और प्रश्नकाल को महत्वपूर्ण साधन बताया, जो सदस्यों को तत्काल लोक महत्व के मुद्दों को उठाने की अनुमति देते हैं।
उन्होंने सदस्यों को याद दिलाया कि भारत का संविधान और राज्यसभा की नियमावली संसदीय विमर्श के लिए मार्गदर्शक ढांचे—लक्ष्मण रेखा—का काम करती है। सभापति ने इस ढांचे के भीतर सभी सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, साथ ही सदन की पवित्रता बनाए रखने की सभी के साझे दायित्व पर ज़ोर दिया।
उन्होंने सभी सदस्यों से लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए सदन के हर दिन, हर घंटे, हर मिनट और हर सेकंड के समय का उपयोग करने का आग्रह किया।
सदन के माननीय नेता ने विचार साझा किए, जिसके बाद अन्य नेताओं ने भी अपनी बात रखी। सदन के नेता ने सदन की कार्यवाही संचालित करते समय संसदीय प्रक्रिया की उच्च परंपराओं का पालन करने पर जोर दिया और कार्यवाही के सुचारु संचालन को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। राजनीतिक दलों के नेताओं ने सदन चलाने में अपना पूरा सहयोग देने की पेशकश करते हुए माननीय सभापति से अनुरोध किया कि वे विपक्षी दलों को सदन में विभिन्न संसदीय उपायों जैसे शून्यकाल, प्रश्नकाल, प्राइवेट मेंबर्स बिजनेस (पीएमबी), अल्पकालिक चर्चा (एसडीडी), कॉलिंग अटेंशन नोटिस (सीएएन) आदि के माध्यम से अपनी बात रखने का पर्याप्त अवसर दें। यह सुझाव दिया गया कि प्रत्येक पार्टी को उचित समय देने का प्रयास किया जाए ताकि छोटे दल अपनी सीमित संख्या के कारण पीछे न छूट जाएं- जिस पर माननीय सभापति ने आश्वासन दिया कि वे इस पर विचार करेंगे।
यह बैठक अत्यंत सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई और इसमें सभी सदनों के नेताओं ने भाग लिया। अपनी बात को समाप्त करते हुए, सभापति ने आगामी शीतकालीन सत्र को सामूहिक प्रयास और सार्थक विचार-विमर्श का एक अवसर बताया। उन्होंने आश्वासन दिया कि सदस्यों द्वारा दिए गए सभी बहुमूल्य सुझावों पर विचार किया जाएगा। साथ ही उन्होंने सभी सदस्यों को भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया।
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