निर्वाचन आयोग
निर्वाचन आयोग ने डाक मतपत्रों की गिनती की प्रक्रिया को और सुव्यवस्थित किया
Posted On:
25 SEP 2025 12:59PM by PIB Delhi
- निर्वाचन आयोग ने पिछले छह महीनों में चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और बेहतर बनाने के उद्देश्य से 29 महत्वपूर्ण पहल की हैं। इसी क्रम में निर्वाचन आयोग ने अपनी 30वीं पहल के अंतर्गत देरी को कम करने और स्पष्टता बढ़ाने के लिए डाक मतपत्रों की गिनती की प्रक्रिया को और सुव्यवस्थित करने का निर्णय लिया है। (अनुलग्नक)
- मतगणना प्रक्रिया के दो प्रमुख भाग हैं:
- डाक मतपत्रों/इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्रों (ईटीपीबी) की गिनती;
- ईवीएम के माध्यम से गिनती।
- मतगणना के दिन डाक मतपत्रों की गिनती सुबह 8 बजे और ईवीएम की गिनती सुबह 8:30 बजे शुरू होती है। पूर्व निर्देशों के अनुसार डाक मतपत्रों की गिनती के चरण की परवाह किए बिना सैद्धांतिक रूप से ईवीएम की गिनती जारी रह सकती है और डाक मतपत्रों की गिनती पूरी होने से पहले इसके पूरा होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
- दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों (85 वर्ष से अधिक) के लिए घर से मतदान हेतु आयोग द्वारा हाल ही में की गई पहलों के मद्देनजर डाक मतपत्रों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- यद्यपि डाक मतपत्रों की गिनती आमतौर पर ईवीएम की गिनती से पहले पूरी हो जाती है। फिर भी मतगणना प्रक्रिया में एकरूपता और अत्यधिक स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने निर्णय लिया है कि अब से ईवीएम/वीवीपैट की गिनती का अंतिम से पहले वाला (दूसरे अंतिम) दौर डाक मतपत्रों की गिनती पूरी होने के बाद ही मतगणना केंद्र पर शुरू किया जाएगा। जहाँ डाक मतपत्रों की गिनती की जा रही है।
- आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि जहाँ डाक मतपत्रों की संख्या अधिक हो तो वहाँ रिटर्निंग अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि पर्याप्त संख्या में टेबल और मतगणना कर्मचारी मौजूद हों ताकि कोई देरी न हो और मतगणना प्रक्रिया को और सुव्यवस्थित किया जा सके।
*****
पीके/ केसी/ एसके
अनुलग्नक
पिछले छह महीनों के दौरान 29 पहलों की सूची:
- मतदाताओं की सुविधा
मतदान केंद्रों पर मतदान के दिन सुविधा के वास्ते मतदाताओं के लिए मोबाइल जमा सुविधा। (लिंक)
भीड़ कम करने के लिए प्रति मतदान केंद्र 1,200 से अधिक मतदाता नहीं। (लिंक)
मतदाता सूचना पर्ची (वीआईएस) के डिज़ाइन को संशोधित किया गया है ताकि मतदाता का सीरियल नंबर और पार्ट नंबर अधिक प्रमुखता से प्रदर्शित हो। (लिंक)
मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदान केंद्र से 100 मीटर से थोड़ा आगे उम्मीदवार बूथों की अनुमति है। (लिंक)
बेहतर दृश्यता के लिए ईवीएम में उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें होंगी। (लिंक)
चुनावी प्रणालियों का सुदृढ़ीकरण और सफाई
पंजीकरण की आवश्यक शर्तों को पूरा करने में लगातार विफल रहने वाले 808 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) को दो चरणों में सूची से हटाया जाएगा। (लिंक)
संविधान आरपीए 1950, 1951 के अनुसार 28 ईसीआई हितधारकों की भूमिकाओं की पहचान और मानचित्रण। निर्वाचक नियम 1960 चुनाव संचालन नियम, 1961, और विभिन्न चुनाव आयोग निर्देश। (लिंक)
बीएलओ को मानक फोटो पहचान पत्र जारी किए गए। (लिंक)
चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद ईवीएम की बर्न मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जाँच और सत्यापन के लिए तकनीकी और प्रशासनिक मानक संचालन प्रक्रियाएँ। (लिंक)
ईसीआई के कानूनी ढाँचे को सुदृढ़ और पुनर्निर्देशित करने हेतु कानूनी सलाहकारों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय सम्मेलन। (लिंक)
दुनिया भर में चुनाव प्रबंधन निकायों के साथ भारत की साझेदारी को मज़बूत करने के लिए चुनाव प्रबंधन निकायों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठकें। (लिंक)
राजनीतिक दलों के साथ सहभागिता
ईआरओ, डीईओ और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के स्तर पर देश भर में 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की गईं। (लिंक)
अब तक 25 मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय/राज्यीय राजनीतिक दलों के साथ निर्वाचन आयोग की बैठकें आयोजित की गईं। (लिंक)
प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग
ईसीआईएनईटी का शुभारंभ किया गया। यह मतदाताओं और अन्य के लिए 40 से अधिक ऐप/वेबसाइटों को समाहित करने वाला एक वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है। सभी हितधारकों के लिए। (लिंक)
मतदान प्रक्रिया की निरंतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए सभी मतदान केंद्रों पर 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग। (लिंक)
समय अंतराल को कम करने के लिए पीठासीन अधिकारी (पीआरओ) मतदान के दिन हर दो घंटे में नए ईसीआईएनईटी ऐप पर सीधे मतदाता उपस्थिति दर्ज करेंगे। (लिंक)
निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर चुनाव संबंधी आंकड़ों के तेजी से साझाकरण को सुनिश्चित करने के लिए सुव्यवस्थित इंडेक्स कार्ड और सांख्यिकीय रिपोर्ट तैयार करना। (लिंक)
फॉर्म 17C और ईवीएम के बीच बेमेल होने की हर स्थिति में वीवीपैट गणना सुनिश्चित की जाएगी। (लिंक)
मतदाता सूचियों की शुद्धता
बिहार में कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं और कोई भी अपात्र व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण। (लिंक)
लगभग 2 दशकों में पहली बार 4 राज्यों में उपचुनावों से पहले विशेष सारांश पुनरीक्षण। (लिंक)
मृत्यु पंजीकरण आंकड़ों को जोड़ना ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ईआरओ को पंजीकृत मौतों की समय पर जानकारी मिले। (लिंक)
विभिन्न व्यक्तियों के लिए समान EPIC नंबर (लिंक)
मतदाता सूची में अद्यतन के 15 दिनों के भीतर ईपीआईसी वितरण सुनिश्चित करने के लिए नई एसओपी, वितरण के प्रत्येक चरण पर एसएमएस सूचना के साथ। (लिंक)
क्षमता निर्माण
पहली बार आईआईआईडीईएम नई दिल्ली में 7,000 से अधिक बीएलओ और बीएलओ पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। (लिंक)
बिहार, तमिलनाडु और पुडुचेरी के सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलए) के लिए पहली बार आईआईआईडीईएम नई दिल्ली में प्रशिक्षण। (लिंक)
36 राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के कार्यालयों के मीडिया और संचार अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण। (लिंक)
बिहार में चुनाव की तैयारियों के लिए पुलिस अधिकारियों का प्रशिक्षण। (लिंक)
ईसीआई मुख्यालय में अनुशासन लागू करना, कार्यप्रवाह का डिजिटलीकरण और संसाधनों का बेहतर उपयोग। (लिंक)
बीएलओ का पारिश्रमिक दोगुना किया गया, बीएलओ पर्यवेक्षकों और मतदान/मतगणना कर्मचारियों, सीएपीएफ, निगरानी दलों और सूक्ष्म पर्यवेक्षकों का पारिश्रमिक बढ़ाया गया। (लिंक)
*****
(Release ID: 2171177)
Visitor Counter : 66