नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय
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भारत के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में तेजी लाने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर जीएसटी को 5 प्रतिशत तक तर्कसंगत बनाया गया


पीएम सूर्यघर के तहत रूफटॉप सोलर: मुफ्त बिजली योजना 3 किलोवाट सिस्टम के लिए 9,000-10,500 रुपये तक सस्ती हो जाएगी

पीएम-कुसुम के तहत किसान जीएसटी कटौती के साथ 10 लाख सौर पंपों पर 1,750 करोड़ रुपये बचाएंगे

जीएसटी में कमी से मॉड्यूल और घटक लागत में 3-4 प्रतिशत  की कमी आएगी, जिससे आरई उपकरण विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा

जीएसटी सुधार से अगले दशक में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 5-7 लाख नौकरियां पैदा होंगी

Posted On: 17 SEP 2025 12:14PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जीएसटी को वास्तव में एक "अच्छा और सरल कर" बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप, जो अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र को मजबूत करता है, नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को जीएसटी परिषद द्वारा 3 सितंबर 2025 को आयोजित अपनी 56वीं बैठक में अनुमोदित नवीनतम जीएसटी सुधारों के तहत एक बड़ा प्रोत्साहन मिला है।

नवीकरणीय ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में जीएसटी दरों को 12 प्रतिशत  से घटाकर 5 प्रतिशत  करने से स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं की लागत कम होगी, जिससे बिजली अधिक किफायती होगी और घरों, किसानों, उद्योगों तथा डेवलपर्स को सीधा लाभ होगा। उदाहरण के लिए एक उपयोगिता-स्तरीय सौर परियोजना की पूंजीगत लागत जो आमतौर पर लगभग 3.5-4 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट होती है, अब 20-25 लाख रुपये प्रति मेगावाट की बचत करेगी। 500 मेगावाट के सौर पार्क के पैमाने पर  इससे परियोजना लागत में 100 करोड़ रुपये से अधिक की कमी आएगी, जिससे टैरिफ प्रतिस्पर्धा में उल्लेखनीय सुधार होगा।

कम लागत और अधिक प्रतिस्पर्धा

जीएसटी में कमी से स्तरीय नवीकरणीय ऊर्जा शुल्कों में कमी आने की उम्मीद है, जिससे वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली खरीद का वित्तीय बोझ कम होगा। इससे देशभर में बिजली खरीद लागत में सालाना 2,000-3,000 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है। अंतिम उपभोक्ताओं को सस्ती और स्वच्छ बिजली की बेहतर पहुंच का लाभ मिलेगा, जिससे भारत के बिजली क्षेत्र की दीर्घकालिक स्थिरता को बल मिलेगा।

परिवारों, किसानों और ग्रामीण समुदायों को लाभ

इस सुधार से घरों के लिए रूफटॉप सोलर सिस्टम ज़्यादा किफ़ायती हो जाएंगे। एक सामान्य 3 किलोवाट का रूफटॉप सिस्टम अब लगभग 9,000-10,500 रुपये सस्ता हो जाएगा, जिससे लाखों परिवारों के लिए सौर ऊर्जा अपनाना आसान हो जाएगा और प्रधानमंत्री सूर्यघर: मुफ़्त बिजली योजना के तहत बड़े पैमाने पर इसे अपनाया जा सकेगा।

पीएम-कुसुम योजना के तहत किसानों को भी काफ़ी फ़ायदा होगा। लगभग 2.5 लाख रुपये की लागत वाला 5 एचपी का सोलर पंप अब लगभग 17,500 रुपये सस्ता हो जाएगा। 10 लाख सोलर पंपों के पैमाने पर, किसानों को सामूहिक रूप से 1,750 करोड़ रुपये की बचत होगी, जिससे सिंचाई ज़्यादा किफ़ायती और टिकाऊ हो जाएगी।

ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों को मिनी-ग्रिड, आजीविका संबंधी उपकरणों और सौर जल पंपों जैसे सस्ते विकेन्द्रीकृत समाधानों से भी लाभ होगा। कम भुगतान अवधि और बेहतर रिटर्न स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों और छोटे व्यवसायों को स्वच्छ और विश्वसनीय ऊर्जा तक पहुंच प्रदान करके सशक्त बनाएंगे।

घरेलू विनिर्माण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा

कम जीएसटी, मॉड्यूल और घटकों की लागत में 3-4 प्रतिशत  की कमी लाकर भारत में निर्मित नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा और मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहलों को बढ़ावा देगा। भारत द्वारा 2030 तक 100 गीगावाट सौर ऊर्जा विनिर्माण क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने के साथ यह सुधार घरेलू विनिर्माण केंद्रों में नए निवेश को प्रोत्साहित करेगा। यह देखते हुए कि प्रत्येक गीगावाट विनिर्माण लगभग 5,000 रोज़गार सृजित करता है। यह सुधार अगले दशक में 5-7 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गारों को बढ़ावा दे सकता है, जिससे भारत का स्वच्छ ऊर्जा औद्योगिक इकोसिस्‍टम मज़बूत होगा।

भारत के ऊर्जा परिवर्तन में तेजी लाना

जीएसटी में कटौती से न केवल ऊर्जा की लागत कम होगी बल्कि निवेशकों का विश्वास भी बढ़ेगा, जिससे बिजली खरीद समझौतों पर तेज़ी से हस्ताक्षर हो सकेंगे और परियोजनाओं को जल्दी शुरू किया जा सकेगा। चूंकि भारत 2030 तक लगभग 300 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ने की योजना बना रहा है, इसलिए लागत में 2-3 प्रतिशत की कमी से भी निवेश क्षमता में 1-1.5 लाख करोड़ रुपये की बचत हो सकती है। प्रत्येक गीगावाट सौर ऊर्जा से सालाना लगभग 13 लाख टन सीओकी बचत होती है, इसलिए जीएसटी युक्तिकरण द्वारा त्वरित कार्यान्वयन से 2030 तक प्रति वर्ष अतिरिक्त 50-70 लाख टन सीओउत्सर्जन से बचा जा सकता है।

नवीकरणीय ऊर्जा को अधिक किफायती और सुलभ बनाकर यह सुधार पेरिस समझौते के तहत भारत की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है। साथ ही 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता के देश के लक्ष्य को आगे बढ़ाता है। यह जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत को एक अग्रणी देश के रूप में मजबूती से स्थापित करता है।

संशोधित जीएसटी दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी। इस ऐतिहासिक निर्णय से लाखों उपभोक्ताओं, किसानों, डेवलपर्स और निर्माताओं को सीधा लाभ होगा, साथ ही यह हरित विकास और ऊर्जा स्वतंत्रता के दोहरे लक्ष्यों में भी योगदान देगा। यह सरकार की इस प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है कि स्वच्छ, किफायती और टिकाऊ ऊर्जा, विकसित भारत की दिशा में भारत की यात्रा का आधार बने।

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पीके/केसी/पीसी/


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