वस्‍त्र मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

भारत मंडपम में 11वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 7 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा


राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु मुख्य अतिथि होंगी

केंद्रीय वस्त्र मंत्री श्री गिरिराज सिंह और विदेश एवं कपड़ा राज्य मंत्री श्री पबित्रा मार्गेरिटा उपस्थित रहेंगे

Posted On: 06 AUG 2025 4:25PM by PIB Delhi

वस्त्र मंत्रालय 7 अगस्त, 2025 को 11वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर जीवंत हथकरघा उत्सव मनाएगा। इस अवसर पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी। वस्त्र मंत्री श्री गिरिराज सिंह, माननीय केंद्रीय विदेश एवं वस्त्र राज्य मंत्री श्री पबित्र मार्गेरिटा, श्रीमती नीलम शमी राव, सचिव (वस्त्र) और डॉ. एम. बीना, विकास आयुक्त (हथकरघा) इस समारोह में उपस्थित रहेंगे।

इनके अलावा इस अवसर पर विदेशी खरीदार, प्रतिष्ठित हस्तियां, निर्यातक, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी आदि भी समारोह में शामिल होंगे। देशभर से लगभग 650 बुनकर इस समारोह में शामिल होंगे।

हथकरघा पुरस्कारों का अवलोकन

इन पुरस्कारों का उद्देश्य हथकरघा उद्योग में उत्कृष्टता को सम्मानित करना है तथा ऐसे व्यक्तियों और संगठनों को प्रोत्साहित करना है जिन्होंने शिल्प कौशल, नवाचार और क्षेत्र के विकास में मानक स्थापित किए हैं।

संत कबीर हथकरघा पुरस्कार

यह पुरस्कार उन उत्कृष्ट हथकरघा बुनकरों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने इस क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पात्र बुनकर राष्ट्रीय या राज्य पुरस्कार, राष्ट्रीय योग्यता प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं या बुनाई परंपराओं को बढ़ावा देने और संरक्षित करने, सामुदायिक कल्याण और क्षेत्र के विकास में असाधारण कौशल और योगदान के लिए सम्मानित हो सकते हैं।

पुरस्कार सामग्री:

  • नकद पुरस्कार: 3.5 लाख रुपये
  • सोने का सिक्का
  • ताम्रपत्र
  • शाल
  • मान्यता पत्र

राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार:

राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार से असाधारण शिल्प कौशल, समर्पण और नवाचार को अपनाने वाले बुनकरों को सम्मानित किया जाता है। इसका उद्देश्य बुनकरों को अपना उत्कृष्ट कार्य जारी रखने और इस क्षेत्र के अन्य लोगों को प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

पुरस्कार सामग्री:

  • नकद पुरस्कार: 2.00 लाख रुपये
  • ताम्रपत्र
  • शाल
  • प्रमाणपत्र
  • पुरस्कृत बुनकरों में 6 महिलाएं (01 संत कबीर, 05 राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार), 1 दिव्यांग (राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार) शामिल हैं।
  • पुरस्कार विजेता हथकरघा बुनकरों के संग्रह की विशेष प्रदर्शनी
  • निफ्ट मुंबई द्वारा कॉफी टेबल बुक का अनावरण
  • हथकरघा क्षेत्र के लिए योजनाओं पर सुविधा डेस्क।

हथकरघा क्षेत्र भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक पहचान का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बना हुआ है। 35 लाख से ज़्यादा लोगों को रोज़गार देने वाला यह क्षेत्र, जिसमें 70 प्रतिशत से ज़्यादा महिलाएं हैं, सतत विकास, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण-अनुकूल उत्पादन का एक प्रतीक है।

उल्लेखनीय है कि 7 अगस्त, 1905 को शुरू हुए स्वदेशी आंदोलन ने पहली बार स्वदेशी उद्योगों और विशेष रूप से हथकरघा बुनकरों को प्रोत्साहित किया था। वर्ष 2015 में भारत सरकार ने इस महत्वपूर्ण अवसर के उपलक्ष्य में 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस घोषित किया।

पहला राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 7 अगस्त 2015 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चेन्नई में मनाया गया था। इस दिन हथकरघा बुनकर समुदाय को सम्मानित किया गया और भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में इस क्षेत्र के योगदान को रेखांकित किया गया।

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस कुशल हाथों और रचनात्मक भावना का उत्सव है जो भारतीय हथकरघा को एक कालातीत विरासत बनाते हैं।

वर्ष 2024 के लिए संत कबीर और राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार विजेताओं की सूची-

***

पीके/केसी/पीसी/एसके


(Release ID: 2153216)