संचार मंत्रालय
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केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दूरसंचार साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ कार्रवाई को मजबूत करने के लिए संचार साथी हितधारकों की बैठक की अध्यक्षता की


श्री सिंधिया ने हिंदी और 21 क्षेत्रीय भाषाओं में संचार साथी मोबाइल ऐप जारी करने की घोषणा की

Posted On: 29 JUL 2025 4:22PM by PIB Delhi

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केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज दूरसंचार विभाग के सचिव डॉ. नीरज मित्तल के साथ संचार साथी पहल के अंतर्गत हितधारकों की एक बैठक की अध्यक्षता की जिसका उद्देश्य दूरसंचार से संबंधित साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ कार्रवाई को और मजबूत करना है। बैठक में ज्यादा जागरूकता, निवारक उपायों को लागू करने एवं नागरिक रिपोर्टिंग के माध्यम से जन भागीदारी को प्रोत्साहित करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया गया।

नागरिक-केंद्रित डिजिटल सुरक्षा पहल 'संचार साथी' चोरी हुए या गुम हुए फ़ोन को ब्लॉक करने के लिए सीईआईआर (केंद्रीय उपकरण पहचान रजिस्टर), डीआईपी (डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म), एएसटीआर (नकली दस्तावेज़ों पर लिए गए कनेक्शनों का पता लगाने) जैसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्रणालियां, संभावित धोखाधड़ी का पता लगाने एवं उन्हें रोकने के लिए एफआरआई (वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक) जैसे उन्नत उपकरणों को एकीकृत करती है। इसने भारत के दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित करने में उल्लेखनीय प्रगति की है।

अब तक 82 लाख से ज्यादा फर्जी मोबाइल कनेक्शन बंद किए गए हैं और 35 लाख से ज्यादा खोए हुए या चोरी हुए फोन ब्लॉक किए गए हैं। इस पहल ने इस प्रणाली के शुभारंभ के केवल 24 घंटों के अंदर 1.35 करोड़ फ़र्ज़ी अंतरराष्ट्रीय कॉल को सफलतापूर्वक रोका है। इस प्रणाली के कारण ऐसी कॉल में 97 प्रतिशत की कमी आई है।

संचार साथी पोर्टल को व्यापक जनभागीदारी प्राप्त हुई है जिसमें प्रतिदिन 16 करोड़ मुआयना एवं औसतन 2 लाख उपयोगकर्ता शामिल हैं। एआई-संचालित एएसटीआर टूल, लोगों की शिकायतों एवं हितधारकों के सुझावों के माध्यम से 4.7 करोड़ से अधिक मोबाइल कनेक्शन बंद किए गए हैं। इस पहल द्वारा 5.1 लाख मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक किए गए हैं, 24.46 लाख व्हाट्सएप अकाउंट बंद किए गए हैं तथा धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल 20,000 बल्क एसएमएस भेजने वाल लोगों को काली सूची में डाला गया है।

संचार साथी की सीईआईआर प्रणाली के अंतर्गत, 35.49 लाख खोए या गुम हुए उपकरणों को ब्लॉक किया गया है, 21.57 लाख उपकरणों को खोजा गया है और 5.19 लाख उपकरणों को बरामद किया गया है।  संचार साथी ने 620 संगठनों को अपने साथ जोड़ा है, जिसमें केंद्रीय एजेंसियां, राज्य पुलिस बल, टेलीकॉम सेवा प्रदाता और जीएसटीएन शामिल हैं, जो पूरे देश में टेलीकॉम धोखाधड़ी एवं साइबर खतरों का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत सहयोगात्मक नेटवर्क तैयार कर रहे हैं।

संचार साथी ऐप का हिंदी और 21 क्षेत्रीय भाषाओं में शुभारंभ

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पहुंच बढ़ाने की दिशा में एक प्रमुख कदम के रूप में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हिंदी और 21 क्षेत्रीय भाषाओं में संचार साथी मोबाइल अनुप्रयोग का शुभारंभ किया, जिससे इसका विभिन्न क्षेत्रों में पहुंच सुनिश्चित हुई है। इसे मूल रूप से जनवरी 2025 में शुरू किया गया था और यह ऐप उपयोगकर्ताओं को संदिग्ध संचार की रिपोर्ट करने, खोए या चोरी हुए फोन को ब्लॉक या ट्रेस करने और अवैध मोबाइल कनेक्शनों की जांच करने की सुविधा प्रदान करता है। यह अब एंड्रॉइड और आईओएस दोनों प्लेटफार्मों पर उपलब्ध है जिससे पूरे देश में नागरिकों को बहुभाषी डिजिटल सुरक्षा उपकरणों से सशक्त बनाया जा रहा है। इस ऐप को 46 लाख से ज़्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है।

हितधारकों एवं नागरिकों ने प्रभावशाली अनुभव साझा किया

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इस कार्यक्रम में कानून प्रवर्तन एजेंसियों, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, वित्तीय संस्थानों और नागरिक समाज के प्रमुख हितधारकों ने हिस्सा लिया। इसमें शिखा गोयल (तेलंगाना साइबर सुरक्षा ब्यूरो की प्रमुख), संजीव कुमार शर्मा (डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट के डीडीजी), राजेश कुमार (सीईओ 14सी), पुष्पमित्र साहू (सीजीएम, आरबीआई), शिवनाथ ठुकराल (फोनपे के पब्लिक पॉलिसी प्रमुख), एम. परमशिवम (पीएनबी के ईडी) वेब डेवलपर्स एवं संचार साथी पहल की तकनीकी टीमों के साथ-साथ सी-डॉट, आरपीएफ और दूरसंचार विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

इसमें हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के नागरिकों ने भी संचार साथी पहलों के साथ अपने अनुभवों का साझा किया और इसकी बढ़ती दक्षता एवं वास्तविक समय में समाधान करने की क्षमताओं की सराहना की। उन्होंने बताया कि वे इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करके अपने चुराए हुए उपकरणों की तीव्र पुनः प्राप्त करने में सक्षम हुए हैं। एक नागरिक साइबर योद्धा सुजीत बेक ने कहा कि किस प्रकार उसने संचार साथी के माध्यम से हजारों धोखाधड़ी मोबाइल कनेक्शनों को बंद करने में मदद की तथा जागरूकता पहलों एवं साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के माध्यम से लोगों विशेषकर बुजुर्गों की सहायता की है।

संचार साथी एक शक्तिशाली, समावेशी मंच के रूप में लगारात विकसित हो रहा है जो कि देश के लोगों को दूरसंचार धोखाधड़ी से सुरक्षित रहने में सक्षम बनाता है और देश की साइबर सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देता है। इस ऐप का क्षेत्रीय भाषाओं में विस्तार होना सभी लोगों के लिए डिजिटल सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।

ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए संचार विभाग के हैंडल्स को फॉलो करें:-

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