सूचना और प्रसारण मंत्रालय
भारत में शूटिंग के लिए एक साल के भीतर इंडिया सिने हब (आईसीएच) में सौ से अधिक आवेदन प्राप्त हुए: पृथुल कुमार, एमडी, एनएफडीसी
“आने वाले दिनों में बहुत सारी विदेशी फिल्म-निर्माण कंपनियां भारत आने वाली हैं”: भूमि पेडनेकर
“लोकप्रिय फिल्मों के कई शूटिंग स्थान, भारत के लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गए हैं”: नितिन तेज आहूजा, सीईओ, प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया
वेव्स 2025 में ‘लाइट्स, कैमरा, गंतव्य! फिल्मों के माध्यम से भारत की ब्रांडिंग’ विषय पर पैनल चर्चा
Posted On:
02 MAY 2025 10:09PM
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Location:
PIB Delhi
अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने आज मुंबई में वेव्स 2025 के दौरान ‘लाइट्स, कैमरा, गंतव्य! फिल्मों के माध्यम से भारत की ब्रांडिंग’ विषय पर पैनल चर्चा में कहा, “यह भारत का समय है; दुनिया भर में हर कोई यह बात जानता है।”
चर्चा के अन्य पैनलिस्टों में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री पृथुल कुमार, एनएफडीसी के एमडी श्री नितिन तेज आहूजा, प्रोड्यूसर्स गिल्ड के सीईओ श्री राजेंद्र कुमार, गुजरात सरकार के सचिव (पर्यटन), आईटीडीसी की एमडी मुग्धा सिन्हा शामिल थीं।
श्री पृथुल कुमार, संयुक्त सचिव (सूचना एवं प्रसारण) और एनएफडीसी के एमडी ने बताया कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित इंडिया सिने हब (आईसीएच) वैश्विक फिल्म निर्माताओं के लिए भारत में फिल्म शूटिंग को बढ़ावा देता है और सुविधा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि यह भारत में फिल्मांकन के लिए वन-स्टॉप गंतव्य है, जिसमें फिल्म-निर्माण सुविधा के लिए विभिन्न राज्य पोर्टलों के लिंक भी मौजूद हैं। यह एकल-खिड़की सुविधा और मंजूरी तंत्र के रूप में कार्य करता है, जो भारत में फिल्मांकन को आसान बनाता है। इसके साथ ही यह फिल्म-अनुकूल इकोसिस्टम बनाने और देश को फिल्मांकन गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने का प्रयास करता है। 2023 में प्रोत्साहनों को बढ़ाया गया है और इसके परिणामस्वरूप, व्यापार में दस गुना वृद्धि हुई है और पोर्टल पर भारत में शूटिंग करने के लिए सौ से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन प्रोत्साहनों ने विदेशी फिल्म निर्माताओं के लिए भारत को एक आकर्षक शूटिंग गंतव्य बना दिया है।
भूमि पेडनेकर ने कहा कि आने वाले दिनों में बहुत सारे विदेशी फिल्म-निर्माण कंपनियां भारत आने वाली हैं। उन्होंने कहा, "दुनिया के कई हिस्सों में लोग हमारे सिनेमा की वजह से मुंबई को जानते हैं।" भारत के गंतव्यों में शूटिंग की अपनी प्राथमिकता के बारे में भूमि पेडनेकर ने कहा, "मेरी अधिकांश फिल्में सांस्कृतिक रूप से गंभीर हैं और देश के केन्द्रीय स्थल की फिल्में हैं। हमारा जज्बा और हमारे सिनेमा के लिए प्यार, जिस तरह से हमारे कलाकार और क्रू समर्पण के साथ काम करते हैं, वह अतुलनीय है।"
भारत के फिल्म उद्योग के बारे में भूमि पेडनेकर ने कहा कि अब फिल्म सेट पर काम करने वाले पुरुषों और महिलाओं की संख्या लगभग बराबर है। उन्होंने कहा कि भारत में फिल्म निर्माण में लगातार बेहतर लोग आ रहे हैं।
नितिन तेज आहूजा ने कहा कि लोकप्रिय फिल्मों के कई स्थान भारत में लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गए हैं। गुलमर्ग में 'बॉबी' बंगला, डीडीएलजे द्वारा लोकप्रिय बनाए गये पंजाब के पीली सरसों के खेत, 'जब वी मेट' में दिखाई गई रतलाम से भटिंडा तक की ट्रेन यात्रा, पैंगोंग झील, जहां 'थ्री इडियट्स' के दृश्य फिल्माए गए थे, ऐसे कुछ उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि 'दिल चाहता है' के रिलीज होने के बाद से ही भारत के युवा दोस्तों के समूह में गोवा की यात्रा करने लगे हैं।

आईटीडीसी की एमडी मुग्धा सिन्हा ने कहा कि देश को फिल्म शूटिंग के लिए अपने संस्थानों को खोलने के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह देश में फिल्म निर्माण और पर्यटन के लिए सबसे उपयुक्त समय है। गुजरात सरकार के सचिव (पर्यटन) राजेंद्र कुमार ने गुजरात में फिल्माई गई फिल्मों के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गुजरात सरकार द्वारा की गई पहलों के बारे में बताया, जैसे कि क्रेडिट लाइनों में शूटिंग की जगह का उल्लेख करना। उन्होंने कहा कि सकारात्मक नीति प्रतिमान, अच्छी अवसंरचना और शूटिंग के लिए अनुमति प्राप्त करने में आसानी; फिल्म निर्माताओं को राज्य की ओर आकर्षित कर रही है।
सत्र का संचालन क्रिएटिव इकोनॉमी फोरम की संस्थापक सुप्रिया सूरी ने किया।
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