सूचना और प्रसारण मंत्रालय
प्रभाव की बात: वेव्स 2025 में कहानियों, जुनून और उद्देश्यों का एक संगीत
वेव्स 2025 उन रचनाकारों का सम्मान करता है, जो महत्वपूर्ण कहानियों के जरिए संस्कृति, समुदाय और संवाद को आकार देते हैं
Posted On:
01 MAY 2025 7:21PM
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Location:
PIB Delhi
कंटेंट से भरी दुनिया में जहां आवाजें एल्गोरिदम से परे जाती हैं और जुनून प्रदर्शन पर हावी होता है, वहीं वेव्स 2025 में “प्रभाव की बात: वैश्विक संस्कृति को आकार देने वाले रचनाकार” शीर्षक ब्रेकआउट सत्र प्रामाणिकता, जिज्ञासा और समुदाय से जुड़े एक जीवंत पटल की तरह सामने आया। यूट्यूब एपीएसी के उपाध्यक्ष गौतम आनंद द्वारा संचालित, इस सत्र में चार वैसे असाधारण रचनाकार एक साथ आए, जिनकी जुनून और उद्देश्यों से भरी यात्रा ने डिजिटल दुनिया को चुपचाप बदल दिया है।

गौतम आनंद ने भारत से उठने वाली एक बिलियन आवाजों के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा व्यक्त दृष्टिकोण को दोहराते हुए सत्र की शुरुआत की। उन्होंने रचनाकारों को यूट्यूब का दिल कहा, जो विविधता एवं गहराई के साथ धड़कते हैं और सीमाओं के पार कहानियों को आकार देने में समर्थ हैं।
सत्र की शुरुआत एक ऐसे क्षण से हुई जिसने दर्शकों को चौंका दिया। लोकप्रिय चैनल मेयो जापान की जापानी रचनाकार मेयो मुरासाकी ने हिंदी में धाराप्रवाह बोलना शुरू किया। हिंदी में उनके अध्ययन और भारत में बिताए गए एक वर्ष ने कॉरपोरेट जीवन से यूट्यूब की ओर बढ़ने में उनकी सहायता की। उन्होंने बताया कि कैसे जापानी दर्शकों के लिए भारत के बारे में कंटेंट तैयार करना एक आनंद और जिम्मेदारी की बात हो गई है। उन्होंने कहा, “मैं कभी भी दूसरे देशों के बारे में नकारात्मक नहीं बोलती।” “और मैं अपना शोध अच्छी तरह से करती हूं। मैं भारत को उसकी पूरी गहराई में दिखाने का प्रयास करती हूं, न कि केवल विदेशों में अक्सर देखे जाने वाले पोस्टकार्ड संस्करण में।”
पाककला कलाकार और यूट्यूब पर बेहद लोकप्रिय शेफ रणवीर बरार ने खाना पकाने के क्रम में ‘सच्चाई के क्षण’ के बारे में बात की, जोकि उनके दर्शकों के लिए एक भावनात्मक राग है। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि लोग खाना पकाने के क्रम में अपना रविवार तलाशें।” उन्होंने आगे कहा कि उनके लिए किसी भी ब्रांड के साथ सहयोग करने की तुलना में प्रामाणिकता सर्वोपरि है। “संबंध पहले, लेन-देन बाद में। यही मेरा आदर्श वाक्य है।”

‘इंडियन फार्मर’ के रचयिता आकाश जाधव ने दृढ़ता के साथ कृषि को सुलभ एवं टिकाऊ बनाने के बारे में बात की। उनका चैनल सिंचाई और खेती के बारे में व्यावहारिक सुझाव देता है। उन्होंने कहा, “खेती एक ऐसी चीज है जिसे हम प्यार करते हैं, जो मिट्टी में निहित है। हम इसे अपने लोगों के लिए करते हैं।” उनका लक्ष्य बेहद सरल है: खाने की मेज पर स्वच्छ भोजन और किसानों की समृद्धि।
‘शतरंज टॉक’ के जीतेंद्र आडवाणी ने बताया कि कैसे शतरंज भारतीय घरों में चुपचाप पुनर्वापसी कर रहा है। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “बच्चे, माता-पिता, दादा-दादी, हर कोई फिर से शतरंज उठा रहा है।” उनकी शिक्षण शैली में सरलता और मस्ती का मिश्रण है। उन्होंने इस खेल को और अधिक प्रासंगिक बनाने हेतु क्रिकेट और संस्कृति से सीख उधार ली है। उन्होंने कहा, “मैं इसे हल्का और प्यार से भरा रखता हूं।”
इस बातचीत में वैश्विक दर्शकों की भागीदारी के विषयों पर चर्चा की गई। रचनाकारों ने बताया कि कैसे उनकी कृतियां भाषा और भूगोल से परे हैं। आकाश जाधव ने बताया कि उनका कंटेंट हिंदी में होने के बावजूद उनके अधिकांश दर्शक भारत से बाहर के हैं। उन्होंने कहा कि यह इस बात का सबूत है कि “भोजन हम सभी को जोड़ता है”। जीतेंद्र ने कहा, “शतरंज के लिए प्यार वैश्विक है"।
गौतम आनंद द्वारा यह पूछे जाने पर यह बातचीत गंभीर हो गई कि ब्रांड के साथ सहयोग करते समय रचनाकार प्रामाणिकता कैसे बनाए रखते हैं। बरार ने कहा, “मैं हमेशा 'नहीं' कहकर शुरुआत करता हूं।" “मैं केवल तभी आगे बढ़ता हूं, जब ब्रांड वास्तव में मेरे मूल्यों के अनुरूप होता है।”
इस चर्चा में एआई की भी हिस्सेदारी रही। मायो मुरासाकी ने कहा कि एआई विचार निर्माण में सहायता कर सकता है, लेकिन कभी-कभी एआई डरावना भी हो सकता है। रणवीर बरार, जीतेंद्र और आकाश जाधव जैसे अन्य लोगों ने अभी भी अपने काम के मूल में मानवीय संबंध को जारी रखते हुए एआई सबटाइटलिंग और रचनात्मक उपकरणों के साथ प्रयोग करने की बात कही।
बातचीत के दौरान उपस्थित उभरते रचनाकारों के लिए सलाह के बारे में पूछे जाने पर, भावपूर्ण जवाब दिए गए। रणवीर बरार ने कहा, “एल्गोरिदम के पीछे मत भागिए, अपने सपनों का पीछा कीजिए।” आकाश जाधव ने कहा, “निरंतरता बनाए रखिए, प्रामाणिक बने रहिए और कंटेंट से परे जाकर सोचिए।” जीतेंद्र ने कहा, “जिससे आपका लगाव है, उससे ही शुरुआत कीजिए।” मेयो मुरासाकी ने गर्मजोशी से कहा, “अगर आप खुद के प्रति सच्चे हैं, तो बाकी सब अपने आप हो जाएगा।”
सत्र का समापन करते हुए, गौतम आनंद ने सभी वक्ताओं और श्रोताओं का आभार व्यक्त किया। उनकी सामूहिक ऊर्जा ने इस बात की याद दिलाई कि प्रभाव, विशेष रूप से वास्तविक प्रभाव वायरलिटी से बिल्कुल हटकर होता है। इसका नाता आवाज से होता है। दिल से होता है। और इसका संबंध दुनिया को आकार देने और एक समय में एक ईमानदार कहानी कहने से है।
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एमजी/आरपीएम/केसी/आर
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(Release ID: 2126007)
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