इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग योजना के लिए दिशा-निर्देश और पोर्टल लॉन्च किया
केंद्रीय मंत्री ने इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग से सिक्स सिग्मा मानक हासिल करने और डिजाइन टीम स्थापित करने की अपील की
सर्वम एआई को भारत का पहला स्वदेशी एआई आधारभूत मॉडल बनाने के लिए चुना गया
Posted On:
26 APR 2025 7:46PM by PIB Delhi
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग योजना (ईसीएमएस) के लिए दिशा-निर्देश और पोर्टल लॉन्च किया, जो भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण इकोसिस्टम को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

इस लॉन्च के अवसर पर बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए सरकार की स्पष्ट रणनीति को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत ने संख्या और बुनियादी विश्वास को बढ़ाने के लिए तैयार उत्पादों के विनिर्माण से अपनी यात्रा शुरू की है जिससे कदम दर कदम एकीकरण संभव हुआ। इसके बाद मॉड्यूल स्तर पर विनिर्माण, फिर कंपोनेंट विनिर्माण और अब कंपोनेंट को बनाने वाली सामग्रियों का विनिर्माण किया गया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि तैयार माल मूल्य श्रृंखला का 80 से 85 प्रतिशत हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में हासिल किया गया पैमाना अभूतपूर्व रहा है।
श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में पांच गुना वृद्धि हुई है और निर्यात में छह गुना से अधिक की वृद्धि हुई है, निर्यात सीएजीआर 20 प्रतिशत से अधिक और उत्पादन सीएजीआर 17 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन, सर्वर, लैपटॉप और आईटी हार्डवेयर में बहुत तेजी से प्रगति हुई है और यह उद्योग अब तीव्र गति से आगे बढ़ने के लिए तैयार है।
श्री वैष्णव ने ईसीएमएस को एक समस्तरीय योजना बताया, जो न केवल इलेक्ट्रॉनिक्स बल्कि औद्योगिक, बिजली, ऑटोमोबाइल सहित अन्य क्षेत्रों को भी सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश भर में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए एक सम्पूर्ण इकोसिस्टम स्थापित हो रहा है।
श्री वैष्णव नवाचार और गुणवत्ता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि कई कंपनियों ने अब डिजाइन टीमें स्थापित कर ली हैं और यह आवश्यक है कि प्रत्येक भागीदार ऐसी टीमें विकसित करें। गुणवत्ता पर जोर देते हुए उन्होंने पूरे क्षेत्र में सिक्स सिग्मा मानकों को प्राप्त करने का आह्वान करने के साथ चेतावनी दी कि गुणवत्ता मानकों का पालन न करने वालों की सेवाएं रोक दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि डिजाइन क्षमता और गुणवत्ता उत्कृष्टता पर दोहरा ध्यान इलेक्ट्रॉनिक्स में भारत के नेतृत्व को आगे बढ़ाएगा।

श्री वैष्णव ने एआई और डेटा-संचालित समाधानों में भारत की प्रगति के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि एआई कोष पर 350 डेटासेट पहले ही अपलोड किए जा चुके हैं और आईआईटी द्वारा विकसित चार एआई उपकरण जल्द ही जारी किए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए तकनीकी-कानूनी समाधान विकसित किए जा रहे हैं।
श्री वैष्णव ने बताया कि ईसीएमएस के पास मंजूरी के लिए तैयार परियोजनाओं की एक मजबूत पाइपलाइन है और विश्वास व्यक्त किया कि यह वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स हब के रूप में भारत के तेजी से विकास की शुरुआत है।

सत्र को संबोधित करते हुए इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री एस कृष्णन ने कहा कि ईसीएमएस का उद्देश्य भारत को विश्व में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण महाशक्ति के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि इस योजना को सफल बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करेगा।
इस कार्यक्रम के दौरान सर्वम एआई को भारत का पहला स्वदेशी एआई आधारभूत मॉडल बनाने के लिए चुना गया। यह देश के एआई नवाचार इकोसिस्टम में प्रमुख उपलब्धि है।
मजबूत उद्योग, सरकार और वैश्विक भागीदारी
इस शुभारंभ समारोह में 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, दूतावास के प्रतिनिधि, वरिष्ठ घरेलू और वैश्विक उद्योग अग्रज, घरेलू और वैश्विक उद्योग संघ, वित्तीय संस्थान, परामर्शदात्री फर्म, मीडिया आदि शामिल थे।
ईसीएमएस के लिए दिशा-निर्देशों और पोर्टल का अनावरण एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी, जिसने प्रमुख उद्योग अग्रजों, प्रतिष्ठित उद्योग संघों, अग्रणी वित्तीय संस्थानों और विभिन्न दूतावासों के प्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित किया। इस ऐतिहासिक आयोजन ने प्रमुख हितधारकों के बीच सहयोग के महत्व को रेखांकित किया। ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों की उपस्थिति ने देश में कंपोनेंट विनिर्माण को आगे बढ़ाने में व्यापक रुचि और प्रतिबद्धता को उजागर किया।
इस योजना और इसके दिशा-निर्देशों पर कार्यक्रम में प्रस्तुति दी गई, जिसमें इसके निर्माण की यात्रा और इस अनूठी योजना की विशिष्ट विशेषताओं पर प्रकाश डाला गया। प्रस्तुतिकरण में विचार प्रक्रिया और रणनीतिक विचारों का व्यापक अवलोकन प्रस्तुत किया गया, जिसने योजना को आकार दिया तथा विभेदित प्रोत्साहन के प्रति इसके अभिनव दृष्टिकोण पर बल दिया। विशेष रूप से, यह हाइब्रिड प्रोत्साहनों की पहली पेशकश है, जो प्रोत्साहनों और रोजगार सृजन के बीच सीधा संबंध स्थापित करता है तथा आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
यह योजना उप-संयोजनों और कंपोनेंट को प्रोत्साहित करने से कहीं आगे है - यह इनसे जुड़ी संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला को शामिल करके एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाती है। कंपोनेंट और उप-संयोजनों के विकास को बढ़ावा देने के अलावा यह पूंजीगत उपकरणों को भी समर्थन प्रदान करता है तथा विनिर्माण प्रक्रियाओं को संचालित करने वाली आवश्यक मशीनरी को शामिल करना सुनिश्चित करता है। इसके अलावा, यह विनिर्माण में प्रयुक्त उपकरणों की उप-संयोजन को प्रोत्साहित करता है तथा एक एकीकृत प्रणाली को सुदृढ़ करता है, जो दक्षता और उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाता है। इन महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल करके यह योजना एक मजबूत, परस्पर संबद्ध इकोसिस्टम को बढ़ावा देती है तथा घरेलू विनिर्माण को मजबूत बनाती है।
इस योजना में आवेदकों के प्रदर्शन पर विशेष जोर दिया गया है तथा यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रोत्साहन राशि का आवंटन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जाए। यह संरचना दक्षता, सक्रिय भागीदारी और समय पर आवेदन प्रस्तुत करने को प्रोत्साहित करती है, जिससे प्रतिस्पर्धी तथा निष्पक्ष वातावरण को बढ़ावा मिलता है।
इसके अलावा, कार्यान्वयन प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाले योजना दिशानिर्देशों को स्पष्टता और सटीकता के साथ तैयार किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सरल और स्पष्ट रहें। दिशानिर्देश व्यवसाय करने में आसानी को बनाए रखते हैं तथा अनुपालन को सभी हितधारकों के लिए सरल और सुलभ बनाते हैं। अनावश्यक जटिलताओं को समाप्त करके और प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं को सुव्यवस्थित करके दिशानिर्देश कुशल निष्पादन की सुविधा प्रदान करते हैं तथा अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देते हैं।
कार्यक्रम के दौरान, उद्योग जगत की जानी मानी हस्तियों ने इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा शुरू की गई उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के निर्बाध कार्यान्वयन की सराहना की। उन्होंने इन पहलों के कुशल क्रियान्वयन की सराहना की और इस बात पर बल दिया कि किस प्रकार सुपरिभाषित प्रक्रियाओं ने प्रोत्साहनों के सुचारू और शीघ्र वितरण में सहायता की है।
केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने सभी प्रतिभागियों के साथ पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के पीड़ितों की याद में कार्यक्रम की शुरुआत में एक मिनट का मौन रखा।
पृष्ठभूमि
माननीय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग योजना (ईसीएमएस) को मंजूरी दे दी है, जिसे 08.04.2025 को राजपत्र अधिसूचना सीजी-डीएल-ई-08042025-262341 के माध्यम से अधिसूचित किया गया था।
इस योजना का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट विनिर्माण इकोसिस्टम में बड़े पैमाने पर निवेश (वैश्विक/घरेलू) आकर्षित करके एक मजबूत कंपोनेंट इकोसिस्टम विकसित करना, क्षमता और योग्यता विकसित करके घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) को बढ़ाना और भारतीय कंपनियों को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (जीवीसी) के साथ एकीकृत करना है।
पिछले दशक में भारत सरकार की विभिन्न पहलों के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इलेक्ट्रॉनिक सामानों का घरेलू उत्पादन वित्त वर्ष 2014-15 में 1.90 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 17 प्रतिशत से अधिक की सीएजीआर पर 9.52 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इलेक्ट्रॉनिक सामानों का निर्यात भी वित्त वर्ष 2014-15 में 0.38 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 20 प्रतिशत से अधिक की सीएजीआर पर 2.41 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वित्त वर्ष 2024-25 में, इलेक्ट्रॉनिक्स भारत से निर्यात की जाने वाली तीसरी सबसे बड़ी वस्तु बन गई।
भारत ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, विशेषकर मोबाइल विनिर्माण में उल्लेखनीय प्रगति की है और विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल विनिर्माण देश बन गया है।
योजना बजट परिव्यय: ₹ 22,919 करोड़
योजना अवधि: 6 वर्ष (परिपक्वता अवधि का 1 वर्ष) अर्थात वित्त वर्ष 2025-26 से वित्त वर्ष 2031-32 तक।
प्रोत्साहन संरचना
यह योजना विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है, जैसे: (ए) टर्नओवर-लिंक्ड प्रोत्साहन (बी) कैपेक्स-लिंक्ड प्रोत्साहन सी) हाइब्रिड प्रोत्साहन [अर्थात। दोनों (ए) और (बी) का संयोजन]
रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन: टर्नओवर-संबंधी प्रोत्साहन और पूंजीगत व्यय प्रोत्साहन का एक हिस्सा रोजगार-संबंधी है।
लक्ष्य खंड के अनुसार प्रोत्साहन की पेशकश
क्र.सं.
|
लक्ष्य खंड
|
संचयी निवेश
|
टर्नओवर से जुड़ा प्रोत्साहन
|
कैपेक्स प्रोत्साहन
|
(₹)
|
(%)
|
(%)
|
ए
|
उप-संयोजन
|
1
|
डिस्प्ले मॉड्यूल सब-असेंबली
|
250 करोड़
|
4/4/3/2/2/1
|
NA
|
2
|
कैमरा मॉड्यूल सब-असेंबली
|
250 करोड़
|
5/4/4/3/2/2
|
NA
|
बी
|
बैयर कंपोनेंट
|
3
|
गैर-एसएमडी निष्क्रिय कंपोनेंट
|
50 करोड़
|
8/7/7/6/5/4
|
NA
|
4
|
इलेक्ट्रो-मैकेनिकल्स
|
50 करोड़
|
8/7/7/6/5/4
|
NA
|
5
|
मल्टी-लेयर पीसीबी
|
50 करोड़
|
≤ 6 layers 6/6/5/5/4/4
|
NA
|
|
≥ 8 layers 10/8/7/6/5/5
|
6
|
डिजिटल एप्लिकेशन के लिए ली-आयन सेल (स्टोरेज और मोबिलिटी को छोड़कर)
|
500 करोड़
|
6/6/5/5/4/4
|
NA
|
7
|
मोबाइल, आईटी हार्डवेयर उत्पादों और संबंधित उपकरणों के लिए एनक्लोजर
|
500 करोड़
|
7/6/5/4/4/3
|
NA
|
सी
|
चयनित बैयर कंपोनेंट
|
8
|
एचडीआई/एमएसएपी/लचीला पीसीबी
|
1000 करोड़
|
8/7/7/6/5/4
|
25%
|
9
|
एसएमडी निष्क्रिय कंपोनेंट
|
250 करोड़
|
5/5/4/4/3/3
|
25%
|
क्र.सं.
|
लक्ष्य खंड
|
संचयी निवेश
|
टर्नओवर से जुड़ा प्रोत्साहन
|
कैपेक्स प्रोत्साहन
|
(₹)
|
(%)
|
(%)
|
डी
|
आपूर्ति श्रृंखला इकोसिस्टम और पूंजीगत उपकरण
|
10
|
उप-असेंबली (ए) और बैयर कंपोनेंट (बी) और (सी) की आपूर्ति श्रृंखला
|
10 करोड़
|
NA
|
25%
|
11
|
इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में उपयोग किए जाने वाले पूंजीगत सामान जिसमें उनकी उप-असेंबली और कंपोनेंट शामिल हैं
|
10 करोड़
|
NA
|
25%
|
आवेदन विंडो: यह योजना 1 मई 2025 से ऑनलाइन पोर्टल (www.ecms.meity.gov.in) के माध्यम से आवेदन प्राप्त करने के लिए खुली रहेगी।
- लक्ष्य खंड (ए), (बी) और (सी) के लिए: 3 महीने
- लक्ष्य खंड (डी) के लिए: 2 वर्ष
वांछित परिणाम
इस योजना से 59,350 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने की परिकल्पना की गई है, जिसके परिणामस्वरूप 4,56,500 करोड़ रुपये का उत्पादन होगा और 91,600 व्यक्तियों को अतिरिक्त प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा तथा इसके परिचालन अवधि के दौरान कई अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
अधिक जानकारी के लिए:
वेबसाइट: www.ecms.meity.gov.in; www.meity.gov.in
ईमेल: ecms-meity@meity.gov.in
संपर्क नंबर: +91-11-24360886
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