रक्षा मंत्रालय
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रक्षा मंत्री 10 फरवरी, 2025 को बेंगलुरु के येलहांका वायुसेना स्टेशन पर एयरो इंडिया 2025 का उद्घाटन करेंगे


पांच दिवसीय कार्यक्रम वायु शक्ति, अत्याधुनिक नवाचारों और संभावित नए वैश्विक सहयोगों को प्रदर्शित करते हुए वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को बल प्रदान करेगा

एयरो इंडिया 2025 एक सशक्त, सक्षम, सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत के हमारे दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएगा: श्री राजनाथ सिंह

कार्यक्रम में 900 से अधिक प्रदर्शक और 90 देश भाग लेंगे, जिससे यह अब तक का सबसे बड़ा एयरो इंडिया आयोजन बनेगा; लगभग 30 रक्षा मंत्री और 100 से अधिक ओईएम भाग लेंगे

2025-26 तक घरेलू रक्षा उत्पादन 1.60 लाख करोड़ रुपये को पार करने की उम्मीद है, निर्यात 30,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को छूएगा: रक्षा मंत्री

Posted On: 09 FEB 2025 6:21PM by PIB Delhi

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह 10 फरवरी, 2025 को कर्नाटक में बेंगलुरु के येलहांका वायु सेना स्टेशन पर एशिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी एयरो इंडिया के 15वें संस्करण का उद्घाटन करेंगे। इस पांच दिवसीय भव्य कार्यक्रम में 'एक अरब अवसरों का मार्ग' की व्यापक विषय-वस्तु के साथ भारत की हवाई क्षमता और स्वदेशी अत्याधुनिक नवाचारों के साथ-साथ वैश्विक एयरोस्पेस कंपनियों के अत्याधुनिक उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा। ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ दृष्टिकोण के अनुरूप, यह आयोजन स्वदेशीकरण प्रक्रिया को तेज करने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा, जिससे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के संकल्प को बल मिलेगा।

रक्षा मंत्री ने इस आयोजन की पूर्व संध्या पर बेंगलुरू में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए एयरो इंडिया 2025 को एक महत्वपूर्ण मंच बताया, जो सरकार के सशक्त, सक्षम भारत, सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि एयरो इंडिया एक ऐसा मंच है, जो नए भारत की ताकत, लचीलेपन और आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करता है। यह न केवल भारत की रक्षा तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। श्री सिंह ने कहा कि यह हमारी रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन करेगा और वैश्विक साझेदारी को बढ़ावा देगा। हमारा लक्ष्य अपने मित्र देशों के साथ साझा हितों के क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देना, गहन सहयोग और साझा प्रगति को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल प्रौद्योगिकी एवं नवाचार का प्रदर्शन है, बल्कि यह हमारे युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा और वैज्ञानिक सोच एवं नवाचार की भावना को बढ़ावा देगा।

रक्षा मंत्री ने बताया कि 150 विदेशी कंपनियों सहित 900 से अधिक प्रदर्शकों ने 42,000 वर्ग मीटर से भी बड़े क्षेत्र में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में अपने शामिल होने की पुष्टि की है। यह अब तक का सबसे बड़ा एयरो इंडिया कार्यक्रम होने जा रहा है। श्री राजनाथ सिंह ने 90 से अधिक देशों की भागीदारी को भारत की एयरोस्पेस और रक्षा क्षमताओं में बढ़ते वैश्विक विश्वास का प्रमाण बताया है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए लगभग 30 देशों के रक्षा मंत्री या प्रतिनिधि आ रहे हैं। 43 देशों के वायुसेना प्रमुखों और सचिवों की उपस्थिति इस कार्यक्रम के महत्व को और अधिक उजागर करती है। रक्षा मंत्री ने बताया कि यह न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय रक्षा समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है।

रक्षा मंत्री ने हाल के वर्षों में रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में हुए परिवर्तन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज भारत न केवल देश में प्रमुख प्लेटफार्मों और उपकरणों को डिजाइन व विकसित करने में सक्षम है, बल्कि उसने देश के भीतर एक विशाल आपूर्ति श्रृंखला भी सफलतापूर्वक स्थापित की है। उन्होंने कहा कि लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर प्रचंड और सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट जैसे उन्नत युद्धक प्लेटफॉर्म अब भारत में ही बनाए जा रहे हैं। श्री सिंह ने कहा कि हमने देश में ही पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने का भी दृढ़ संकल्प लिया है। अग्नि मिसाइल, अस्त्र मिसाइल प्रणाली व पिनाका मिसाइल प्रणाली के उन्नत संस्करणों से लेकर अत्याधुनिक हाइपरसोनिक मिसाइल प्रणाली और आकाश वायु रक्षा प्रणाली तक हमने अनेक सफलताएं अर्जित की हैं। उन्होंने कहा कि इन उपलब्धियों ने हमारे रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने व भारत को और अधिक आत्मनिर्भर एवं सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आयुध निर्माणी बोर्ड के निगमीकरण के बाद, नवगठित कंपनियों ने रक्षा उत्पादन में असाधारण प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि एक सुविचारित तथा सुविकसित योजना के तहत, हमने रक्षा और एयरोस्पेस उद्योगों में निजी क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए सक्रिय रूप से कार्य किया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि आज भारत में एक संपन्न निजी रक्षा उद्योग है, जिसने स्वयं को मजबूती से स्थापित किया है और वह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर 2025-26 के अंत तक 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा। उन्होंने कहा कि रक्षा निर्यात वर्तमान में 21,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड आंकड़े को छू चुका है और यह 30,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा।

श्री राजनाथ सिंह ने भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने में रक्षा औद्योगिक क्षेत्र द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में कोई भी सफलता न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को सशक्त बनाती है, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि रक्षा अनुप्रयोगों के लिए विकसित प्रौद्योगिकियां असैन्य क्षेत्र में भी नवाचार को बढ़ावा देती हैं, जिससे रोजगार सृजन और आर्थिक विकास होता है। उन्होंने एयरो इंडिया को आर्थिक मजबूती का एक महत्वपूर्ण वाहक बताया, जो अर्थव्यवस्था के समग्र विकास में योगदान देगा। रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि एयरो इंडिया को एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में वैश्विक रूप से अग्रणी राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की यात्रा हेतु एक ऐतिहासिक मील के पत्थर के रूप में याद किया जाएगा।

15वां एयरो इंडिया 10 से 14 फरवरी, 2025 के बीच आयोजित किया जाएगा। इसमें 10 से 12 फरवरी को व्यावसायिक दिनों के रूप में आरक्षित किया गया है, जबकि 13 और 14 फरवरी को लोगों के शो देखने के लिए सार्वजनिक दिन निर्धारित किए गए हैं। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन; सीईओ गोलमेज सम्मेलन; भारत और आईडेक्स मंडपों का उद्घाटन; मंथन आईडेक्स कार्यक्रम; सामर्थ्य स्वदेशीकरण कार्यक्रम; समापन समारोह; सम्मेलन; अद्भुत एयर शो और एयरोस्पेस कंपनियों की प्रदर्शनी शामिल है।

रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन

रक्षा मंत्री तेजी से बदलते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य के बीच मित्र देशों के साथ रक्षा सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से 11 फरवरी को हाइब्रिड मोड में रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। इस वर्ष का विषय ‘अंतर्राष्ट्रीय रक्षा और वैश्विक सहभागिता के माध्यम से लचीलेपन का निर्माण' (ब्रिज) के माध्यम से रक्षा क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखला लचीलेपन और रणनीतिक सहयोग के महत्व को रेखांकित करता है।

पिछले संस्करण में 27 रक्षा मंत्रियों और उप रक्षा मंत्रियों के साथ-साथ 15 रक्षा एवं सेवा प्रमुखों व 12 स्थायी सचिवों ने भाग लिया था। इस वर्ष, भागीदारी का दायरा बढ़ा है क्योंकि सम्मेलन में 80 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। मित्र देशों के रक्षा/सेना प्रमुखों और स्थायी सचिवों के अलावा लगभग 30 रक्षा मंत्री इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

यह सम्मेलन निवेश, संयुक्त उद्यम और सह-उत्पादन के माध्यम से रक्षा क्षमता निर्माण, अनुसंधान एवं विकास में सहयोग, एआई तथा अंतरिक्ष में प्रशिक्षण व तकनीकी प्रगति, समुद्री सुरक्षा सहयोग और रणनीतिक साझेदारी जैसे प्रमुख पहलुओं पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा।

सीईओ गोलमेज सम्मेलन

रक्षा मंत्री 10 फरवरी को सीईओ गोलमेज सम्मेलन 2025 की अध्यक्षता करेंगे, जिसका विषय ‘वैश्विक जुड़ाव के माध्यम से रक्षा सहयोग को सक्षम बनाना (ईडीजीई)’ होगा। 100 से अधिक मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) ने इस कार्यक्रम में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है। इनमें 19 देशों (अमरीका, फ्रांस, रूस, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन, जापान, इजरायल और ब्राजील आदि) की 55 कंपनियां, भारत की 35 कंपनियां (लार्सन एंड टूब्रो, भारत फोर्ज लिमिटेड, अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस, महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स लिमिटेड, ब्रह्मोस एयरोस्पेस और अशोक लीलैंड डिफेंस) तथा 16 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (डीपीएसयू) शामिल हैं। श्री राजनाथ सिंह ने इस कार्यक्रम के 2023 संस्करण में 28 विदेशी ओईएम और 45 भारतीय ओईएम के 73 से अधिक सीईओ को संबोधित किया था।

एयरबस (फ्रांस), अल्ट्रा मैरीटाइम (अमेरिका), जीएनटी (दक्षिण कोरिया), जॉन कॉकरिल डिफेंस (यूके), मित्सुबिशी (जापान), राफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम (इजराइल), सफ्रान (फ्रांस) और लिबरर एयरोस्पेस (फ्रांस) सहित प्रमुख विदेशी ओईएम द्वारा अपनी भविष्य की योजनाओं, संयुक्त उद्यमों, सहयोगों, स्पेयर पार्ट्स के उत्पादन के लिए भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी, एयरो-इंजनों के विकास, रखरखाव, मरम्मत व संचालन (एमआरओ) सुविधाओं की स्थापना तथा अनुसंधान एवं विकास सुविधाओं की स्थापना आदि पर प्रकाश डालने की उम्मीद है।

भारतीय पवेलियन

भारतीय पैवेलियन भारतीय रक्षा उद्योगों को अपने डिजाइन, विकास, नवाचार एवं विनिर्माण क्षमताओं को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगा। रक्षा मंत्री इसका उद्घाटन 10 फरवरी को करेंगे। भारतीय पैवेलियन में भव्य शो ‘आत्मनिर्भरता की उड़ान’ का प्रतीक होगा, जो वैश्विक एयरोस्पेस और रक्षा महाशक्ति बनने की दिशा में भारत की यात्रा को दर्शाता है।

भारतीय पवेलियन को पांच अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित किया जाएगा, जिसमें हवाई विमानन, भूमि विमानन व नौसेना विमानन, रक्षा-अंतरिक्ष और विशिष्ट प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में स्वदेशी क्षमताओं को प्रदर्शित किया जाएगा। विभिन्न माध्यमों से 275 से अधिक प्रदर्शनियां प्रदर्शित की जाएंगी, जिनमें देश के संपूर्ण रक्षा इकोसिस्टम का प्रतिनिधित्व होगा, जिसमें डीपीएसयू, डिजाइन हाउस, एमएसएमई सहित निजी कॉरपोरेट और स्टार्ट-अप शामिल होंगे। केंद्रीय क्षेत्र के प्रदर्शनों में उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान, लड़ाकू वायु टीमिंग प्रणाली, दोहरे इंजन वाले डेक आधारित लड़ाकू विमान सहित प्रमुख प्लेटफार्मों का आकर्षक प्रदर्शन शामिल होगा।

आईडेक्स पवेलियन

आईडेक्स पैवेलियन का उद्घाटन 10 फरवरी को रक्षा मंत्री द्वारा किया जाएगा। इसमें अत्याधुनिक स्वदेशी रूप से विकसित उत्पादों और प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जाएगा, जो भारत की रक्षा नवाचार यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा। अग्रणी नवप्रवर्तक अपने स्वदेशी रूप से विकसित उत्पादों को प्रदर्शित करेंगे, जिनमें एयरोस्पेस, डेफस्पेस, एयरो स्ट्रक्चर, एंटी-ड्रोन सिस्टम, स्वायत्त प्रणालियां, रोबोटिक्स, संचार, साइबर सुरक्षा, निगरानी और ट्रैकिंग, मानव रहित ग्राउंड वाहन आदि सहित उन्नत डोमेन की विस्तृत श्रृंखला शामिल होगी। पवेलियन में एक समर्पित अनुभाग भी होगा, जिसमें आईडेक्स (अदिति) योजना के साथ अभिनव प्रौद्योगिकियों के विकास में सफलता के विजेताओं का उल्लेख किया जाएगा। इस दौरान महत्वपूर्ण और विशिष्ट प्रौद्योगिकियों में उनके अभूतपूर्व कार्य को प्रदर्शित किया जाएगा।

आईडेक्स ने 600 से ज़्यादा स्टार्ट-अप और एमएसएमई को सफलतापूर्वक अपने साथ जोड़ा है, जो नवाचार को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसके अलावा, आईडेक्स के तहत विकसित 40 प्रोटोटाइप को खरीद के लिए आधिकारिक स्वीकृति मिल गई है, जिसमें 1,560 करोड़ रुपये के 31 खरीद अनुबंध पहले ही हस्ताक्षरित हो चुके हैं।

मंथन

रक्षा मंत्री 12 फरवरी को प्रमुख वार्षिक रक्षा नवाचार कार्यक्रम मंथन 2025 की शोभा बढ़ाएंगे। रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार - रक्षा नवाचार संगठन (आईडेक्स-डीआईओ) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में रक्षा नवाचार इकोसिस्टम के हितधारकों को एक साथ लाया जाएगा, जिसमें नवप्रवर्तक, रक्षा उद्योग के अग्रणी, शिक्षाविद, इनक्यूबेटर, निवेशक, विचार नेता, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी आदि शामिल होंगे।

मंथन में रक्षा क्षेत्र के लिए उभरती चुनौतियों और अवसरों पर विचार-विमर्श किया जाएगा, जिसमें रक्षा स्टार्ट-अप तथा एमएसएमई को सहयोग देने, नवाचार क्षमताओं को बढ़ाने एवं रक्षा इकोसिस्टम के भीतर रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह आईडेक्स के पैमाने और गति का प्रमाण है, जो रक्षा नवाचार में की गई तीव्र प्रगति व भारत की रक्षा क्षमताओं को बदलने में स्टार्ट-अप्स की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रदर्शित करता है।

सामर्थ्य

रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण एवं नवाचार की सफलता की कहानी पर 12 फरवरी को ‘सामर्थ्य’ विषय पर स्वदेशीकरण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा और साथ ही समापन समारोह भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें रक्षा मंत्री भी शामिल होंगे। यह एयरो इंडिया के दौरान अपनी तरह का पहला आयोजन है, क्योंकि इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ डीपीएसयू, डीआरडीओ और सेवाओं द्वारा स्वदेशीकृत कुछ प्रमुख वस्तुओं का प्रदर्शन करके रक्षा विनिर्माण में भारत की स्वदेशी प्रतिभा को प्रदर्शित किया जाएगा।

द्विपक्षीय बैठकें

एयरो इंडिया 2025 के दौरान रक्षा मंत्री/रक्षा राज्य मंत्री/चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ/सेना प्रमुख/रक्षा सचिव/सचिव (रक्षा उत्पादन) के स्तर पर द्विपक्षीय बैठकें होंगी।

सम्मेलन

एयरो इंडिया 2025 के तहत विभिन्न विषयों पर कई सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। रक्षा मंत्री 11 फरवरी को भारतीय वायु सेना द्वारा आयोजित सेमिनार को संबोधित करेंगे, जिसका विषय होगा ‘हवाई युद्ध के लिए मानवयुक्त मानवरहित टीमें - अवधारणा से लक्ष्य तक’। वे डीआरडीओ द्वारा आयोजित सेमिनार को भी संबोधित करेंगे, जिसका विषय ‘विकसित भारत के लिए डीआरडीओ उद्योग का तालमेल’ होगा।

इस कार्यक्रम के भाग के रूप में अन्य सम्मेलन भी आयोजित किए जाएंगे, जिनमें मिशन डिफस्पेस: दृष्टिकोण से वास्तविकता तक - एक प्रगति रिपोर्ट; एयरोस्पेस सामग्रियों का स्वदेशी विकास: भारत की आत्मनिर्भरता को सशक्त करना; आत्मनिर्भर भारतीय नौसेना विमानन 2047 और उससे संबंधित इकोसिस्टम में परिवर्तन; तकनीकी रुझानों और स्वदेशीकरण को अपनाकर समुद्री विमानन का बदलाव; भविष्य के संघर्षों हेतु प्रौद्योगिकियों को संरेखित करना; और कर्नाटक में एयरोस्पेस तथा रक्षा निर्माताओं के लिए निवेश के अवसर जैसे विषय शामिल होंगे।

ऐतिहासिक पहली बार - एयरो इंडिया में सुखोई-57 और एफ-35

इतिहास में पहली बार, एयरो इंडिया 2025 में दुनिया के दो सबसे उन्नत पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान - रूसी सुखोई-57 और अमेरिकी एफ-35 लाइटनिंग II की भागीदारी देखी जाएगी। यह वैश्विक रक्षा सहयोग एवं तकनीकी उन्नति में एक मील का पत्थर है, जो विमानन उत्साही और रक्षा विशेषज्ञों को इन अत्याधुनिक युद्धक विमानों को देखने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है।

सुखोई-57: रूस का प्रमुख स्टील्थ मल्टीरोल फाइटर बेहतरीन हवाई श्रेष्ठता और स्ट्राइक क्षमताओं के लिए तैयार किया गया है। उन्नत एवियोनिक्स, सुपरक्रूज क्षमता और स्टील्थ तकनीक से लैस, यह एयरो इंडिया 2025 में अपनी शुरुआत कर रहा है। आगंतुक उच्च गति वाले हवाई युद्धाभ्यास और सामरिक प्रदर्शनों की उम्मीद कर सकते हैं, जो फाइटर प्लेन की चपलता, रडार से बच निकलने तथा मारक क्षमता को उजागर करते हैं।

एफ-35 लाइटनिंग II: लॉकहीड मार्टिन एफ-35 लाइटनिंग II, सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जो उन्नत स्टेल्थ, अद्वितीय स्थितिजन्य जागरूकता और नेटवर्क लड़ाकू क्षमताओं को एकीकृत करता है। एयरो इंडिया 2025 में इसकी उपस्थिति आगंतुकों को अमरीकी वायु सेना के प्रमुख विमान को देखने में सक्षम बनाएगी।

सुखोई-57 और एफ-35 दोनों को शामिल करने से भारत की अंतरराष्ट्रीय रक्षा तथा एयरोस्पेस सहयोग के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थिति उजागर होती है। एयरो इंडिया 2025 पूर्वी व पश्चिमी पांचवीं पीढ़ी की लड़ाकू तकनीक की एक दुर्लभ तुलना प्रदान करेगा, जो रक्षा विश्लेषकों, सैन्य कर्मियों और विमानन उत्साही लोगों को उनकी संबंधित क्षमताओं के बारे में मूल्यवान जानकारी प्रदान करेगा।

आगंतुक-अनुकूल अनुभव

एयरो इंडिया 2025 प्रमुख बुनियादी ढांचे के उन्नयन और बेहतर सुविधाओं के साथ पहले से कहीं अधिक बड़ा, सुचारू और आगंतुक-अनुकूल होने का वादा करता है।

उन्नत बुनियादी ढांचा और यातायात प्रबंधन: पिछली चुनौतियों से प्राप्त अनुभवों से सीखते हुए निर्बाध प्रवेश, आवागमन और संपर्क सुविधा के लिए व्यापक सुधार किए गए हैं। इसके लिए रक्षा मंत्रालय, भारतीय वायु सेना (आईएएफ), कर्नाटक राज्य सरकार की विभिन्न शाखाओं जैसे बेंगलुरु यातायात पुलिस, बीबीएमपी, एनएचएआई तथा नम्मा मेट्रो के बीच घनिष्ठ समन्वय किया गया है। वायु सेना स्टेशन येलहंका के आसपास यातायात प्रवाह को अनुकूलतम बनाने के लिए पहुंच मार्गों को चौड़ा किया गया है, ताकि भीड़भाड़ कम हो और आयोजन स्थल के आसपास आवाजाही में सुधार हो।

सुरक्षा एवं आपातकालीन तैयारी: अनधिकृत ड्रोन गतिविधि से निपटने के लिए रेड ड्रोन ज़ोन निर्धारित किए गए हैं और उन पर जवाबी उपाय प्रकाशित किए गए हैं। त्वरित सहायता और आपातकालीन सहायता प्रदान करने के लिए रैपिड मोबाइल यूनिट को रणनीतिक रूप से तैनात किया जाएगा। व्यावहारिक और कार्यान्वयन योग्य आकस्मिक योजनाओं को सुनिश्चित करने के लिए कई एजेंसियों के साथ निरंतर मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही हैं।

प्रदर्शकों एवं आगंतुकों के अनुभव में वृद्धि: प्रदर्शकों और व्यावसायिक प्रतिनिधियों के अनुभव को बढ़ाने के लिए, प्रदर्शनी क्षेत्र को कई प्रमुख उन्नयनों के साथ नया रूप दिया गया है:

  • अधिक प्रदर्शकों और आगंतुकों को आराम से समायोजित करने के लिए विस्तारित एवं बेहतर हवादार प्रदर्शनी हॉल।
  • पूरे आयोजन स्थल में बैठने और आराम करने के लिए बेहतर जगह।
  • इंदिरा कैंटीन (पार्किंग क्षेत्रों में) सहित अतिरिक्त फूड कोर्ट और रिफ्रेशमेंट कियोस्क।
  • आगंतुकों की सुविधा के लिए खोया-पाया काउंटर और एटीएम कियोस्क।
  • कई जल प्रबंध, चिकित्सा सहायता चौकियां, और चिकित्सा निकासी सहित आपात स्थितियों के लिए एक समर्पित कार्डियक सहायता चौकी।

बहुस्तरीय सुरक्षा उपाय: सभी उपस्थित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय, बेंगलुरु पुलिस, सीआईएसएफ और खुफिया एजेंसियों के सहयोग से बहुस्तरीय सुरक्षा प्रणाली तैनात की जा रही है। उपायों में शामिल हैं:

  • उन्नत सुरक्षा प्रोटोकॉल और तेज पहुंच नियंत्रण।
  • सुरक्षा चिंताओं के लिए वास्तविक समय की प्रतिक्रियाओं हेतु एक परिचालन कमांड और नियंत्रण केंद्र।
  • स्थितिजन्य जागरूकता के लिए 24/7 सीसीटीवी निगरानी।
  • आगंतुकों, प्रदर्शकों और वीआईपी के लिए समर्पित स्क्रीनिंग जोन।
  • आपात स्थितियों से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन और अग्नि सुरक्षा समितियां।

कनेक्टिविटी और डिजिटल अवसंरचना: कनेक्टिविटी की चुनौतियों से निपटने के लिए सभी दूरसंचार सेवा प्रदाता निर्बाध संचार के उद्देश्य से अस्थायी मोबाइल टावर और नेटवर्क बूस्टर लगा रहे हैं। एयरो इंडिया 2025 के लिए एक विशेष मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया है जो लाइव अपडेट, नेविगेशन सहायता और इवेंट शेड्यूलिंग प्रदान करेगा। एजेंसियों के बीच समन्वय के लिए सुरक्षित डिजिटल संचार चैनल भी स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए इवेंट के दौरान बढ़ी हुई बिजली की मांग को पूरा करने के लिए प्रावधान किए गए हैं।

हवाई क्षेत्र प्रबंधन और प्रदर्शन: एयरो इंडिया प्रदर्शन और विमान की आवाजाही एयरो इंडिया 2025 का एक प्रमुख आकर्षण है। एएआई और एचएएल के समन्वय में, भारतीय वायु सेना ने एक समर्पित एयरस्पेस प्रबंधन योजना तैयार की है, जिसमें शामिल हैं:

निर्धारित प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षा बनाए रखने के लिए एयरो इंडिया फोर्स स्टेशन येलहंका के आसपास अस्थायी उड़ान प्रतिबंध।

घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों के लिए रणनीतिक विमान पार्किंग तथा ईंधन भरने की योजना।

व्यवसाय और नवाचार सहायता: एयरो इंडिया सहयोग के लिए एक मंच प्रदान करता है, जो बी2बी, जी2बी बातचीत की सुविधा उपलब्ध कराता है और तकनीकी प्रगति को प्रदर्शित करने के लिए गोलमेज चर्चाओं की मेजबानी करता है। स्वदेशी नवाचारों को प्रस्तुत करने के लिए उन्हें वैश्विक मंच प्रदान करके स्टार्ट-अप और एमएसएमई का सहयोग करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

स्थिरता पहल: एयरो इंडिया 2025 स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है और इसने अपने आयोजन में कई पर्यावरण अनुकूल उपायों को शामिल किया है जैसे:

प्रदूषण को कम करने और पैदल यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए वाहनों की आवाजाही कम की गई। प्रदर्शनी स्थल पर आगंतुकों की आवाजाही के लिए 100 से अधिक ई-कार्ट का विशेष उपयोग किया गया। व्यापक अपशिष्ट प्रबंधन, जिसमें रीसाइक्लिंग डिब्बे, अपशिष्ट पृथक्करण क्षेत्र और अपशिष्ट का समय पर निपटान शामिल है।

इन बहु-एजेंसी सहयोगों के साथ, एयरो इंडिया 2025 अब तक के सबसे सुव्यवस्थित और बेहतर ढंग से आयोजित कार्यक्रमों में से एक होगा।

रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ व सचिव, सैन्य कार्य विभाग जनरल अनिल चौहान, मुख्य सचिव, कर्नाटक सरकार डॉ. शालिनी रजनीश, सचिव (रक्षा उत्पादन) श्री संजीव कुमार, सचिव, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा रक्षा उद्योग जगत की कई हस्तियां इस प्रारंभिक प्रेस वार्ता में शामिल हुईं।

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एमजी/केसी/एनके


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