रक्षा मंत्रालय
रक्षा मंत्री और शिक्षा मंत्री ने वीर गाथा 4.0 के सुपर-100 विजेताओं को बधाई दी
सुपर-100 विजेताओं में 66 बालिकाओं ने बाजी मारी
युवा भारत के भविष्य के नायक हैं, वे 2047 तक देश को 'विकसित भारत' बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे: श्री राजनाथ सिंह
वीर गाथा देशभक्ति, धैर्य और राष्ट्रीय गौरव के मूल्यों को विकसित करती है, विद्यार्थियों को देश की प्रगति में योगदान देने के लिए प्रेरित करती है: श्री धर्मेंद्र प्रधान
Posted On:
25 JAN 2025 2:03PM by PIB Delhi
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने 25 जनवरी, 2025 को नई दिल्ली में वीर गाथा 4.0 के सुपर-100 विजेताओं को बधाई दी। इन 100 विजेताओं में से 66 बालिकाएं देश के विभिन्न हिस्सों से आई हैं। अभिनंदन समारोह के दौरान, प्रत्येक विजेता को 10,000 रुपये का नकद पुरस्कार, एक पदक और एक प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। 10,000 विशेष अतिथि, जो 26 जनवरी, 2025 को कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड देखेंगे।
रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में विजेताओं को बधाई दी और युवाओं को देश के बहादुरों के गौरवशाली इतिहास से जोड़ने के वीर गाथा के उद्देश्य को प्राप्त करने की दिशा में रक्षा मंत्रालय तथा शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त प्रयासों की सराहना की। उन्होंने परियोजना के इस चौथे संस्करण में 1.76 करोड़ से अधिक विद्यार्थियों की अखिल भारतीय भागीदारी को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह शिक्षा के माध्यम से वीरों को पहचान प्रदान कर रहा है। उन्होंने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं की बुद्धिमत्ता, उत्साह और देशभक्ति की सराहना की।
श्री राजनाथ सिंह ने इस तथ्य पर प्रसन्नता व्यक्त की है कि वीर गाथा 4.0 के सुपर-100 विजेताओं में से 2/3 लड़कियां हैं। उन्होंने मणिपुर की 10वीं कक्षा की छात्रा 'नेमनेनेंग' का विशेष तौर पर उल्लेख किया, जिसने बचपन में ही अपने माता-पिता को खो दिया था। रक्षा मंत्री ने कई कठिनाइयों के बावजूद अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ने और विजेताओं के बीच स्थान हासिल करने के लिए उनकी दृढ़ता की प्रशंसा की।
इस अवसर पर उपस्थित विद्यार्थियों को 'नायक' का सही अर्थ समझाते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि एक नायक राष्ट्र के उत्थान के लिए कार्य करता है; जिनके परिणाम समाज को नई दिशा देते हैं। उन्होंने कहा कि युवा भारत के भविष्य के नायक हैं और वे 2047 तक देश को 'विकसित भारत' बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे, जैसा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कल्पना की है।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के गतिशील नेतृत्व से वैश्विक मंच पर भारत का कद बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि आज जब हम किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर बोलते हैं, तो पूरी दुनिया उसे सुनती है। यह हमारे बहादुर सैनिकों, वैज्ञानिकों और युवा प्रतिभाशाली लोगों सहित प्रत्येक भारतीय की कड़ी मेहनत के कारण संभव हुआ है। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे पास लगभग 50 करोड़ युवाओं की एक बड़ी युवा आबादी है। श्री राजनाथ सिंह ने छात्रों से पूछा, "ऐसे रचनात्मक युवाओं वाला देश कैसे विकसित नहीं हो सकता?"
रक्षा मंत्री ने छात्र-छात्राओं से स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद और अशफाकुल्ला खान जैसे बहादुरों एवं साहसी सैनिकों से प्रेरणा लेते रहने का आह्वान किया, जिनकी बहादुरी व बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। उन्होंने राष्ट्रीय गौरव की भावना को किसी भी देश के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण पहलू बताया।
श्री राजनाथ सिंह ने विद्यार्थियों को चुनौतियों का सामना करने से न डरने और आत्मविश्वास तथा अच्छे इरादे के साथ अपने लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि वे कभी भी अहंकार की भावना को अपने दिलों में न आने दें, भले ही वे अधिक से अधिक ऊंचाइयों को छू लें। श्री सिंह ने कहा कि हमेशा विनम्र और विनम्र बने रहना ही कुंजी है।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने जोर देते हुए कहा कि वीर गाथा जैसी पहल स्कूली छात्र-छात्राओं को युवा मस्तिष्क की रचनात्मकता का पोषण करते हुए बहादुर वीरता पुरस्कार विजेताओं की वीरता और बलिदान के बारे में शिक्षित करती है। उन्होंने 2.5 लाख से अधिक विद्यालयों के 1.76 करोड़ विद्यार्थियों की रिकॉर्ड तोड़ भागीदारी का भी जिक्र किया, जो ड्राइंग, पेंटिंग और निबंध लेखन जैसी गतिविधियों में लगे हुए थे। शिक्षा मंत्री ने राष्ट्र के प्रति उनकी अपार सेवा और बलिदान के लिए नायकों को हार्दिक श्रद्धांजलि दी।
शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि यह पहल देशभक्ति, धैर्य और राष्ट्रीय गौरव के मूल्यों को विकसित करने में मदद करेगी, जिससे विद्यार्थियों को देश की प्रगति में योगदान देने के लिए प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने वीरता पुरस्कार के विजेताओं के प्रति उत्साह और सम्मान के साथ भाग लेने वाले प्रत्येक छात्र-छात्रा को बधाई देते हुए। श्री प्रधान ने सफलता के लिए सुपर-100 पुरस्कार विजेताओं की सराहना की। उन्होंने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि उनका उत्साह और रचनात्मकता जीवन में उनके काम आएगी।
कार्यक्रम के दौरान, परमवीर चक्र पुरस्कार विजेता सूबेदार मेजर संजय कुमार ने 1999 के करगिल युद्ध के अपने प्रेरक अनुभव साझा किए और विद्यार्थियों से बहादुरी, निस्वार्थता एवं अखंडता के मूल्यों को अपने जीवन में अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने युवा प्रतिभागियों को प्रेरित करते हुए कहा कि सच्ची बहादुरी केवल युद्ध में ही नहीं, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी में जो सही है, उसके लिए खड़े होने में भी निहित है।
रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, थल सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव श्री संजय कुमार, सचिव (रक्षा उत्पादन) श्री संजीव कुमार और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
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