वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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डिजिटल कॉमर्स में क्रांति: ओएनडीसी पहल


समावेशिता और नवीनता बढ़ाने के लिए डिजिटल कॉमर्स की पुनर्कल्पना की गई

Posted On: 04 JAN 2025 1:46PM by PIB Delhi

ओएनडीसी ने छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने और ई-कॉमर्स में क्रांति लाने में योगदान दिया है, इस प्रकार इसने विकास एवं समृद्धि को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”

-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

परिचय

 

डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ओएनडीसी) भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा शुरू की गई एक परिवर्तनकारी पहल है, जिसका उद्देश्य डिजिटल कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण करना है। ओएनडीसी अप्रैल, 2022 में प्रारंभ की गई एक अनूठी योजना है, जिसका लक्ष्य डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के सभी पहलुओं के लिए खुले नेटवर्क को बढ़ावा देना है। ओएनडीसी ओपन-सोर्स पद्धति पर आधारित है, जो किसी विशिष्ट प्लेटफॉर्म से स्वतंत्र ओपन स्पेसिफिकेशन्स और ओपन नेटवर्क प्रोटोकॉल का उपयोग करता है। यह पूरे भारत में विक्रेताओं, खरीदारों और सेवा प्रदाताओं, विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए एक समान अवसर उपलब्ध कराने की परिकल्पना करता है। यह एक एकीकृत मंच के रूप में कार्य करता है, जहां हितधारक विशिष्ट इकोसिस्टम की बाधाओं के बिना स्वतंत्र रूप से बातचीत कर सकते हैं। ओएनडीसी का लक्ष्य ओपन प्रोटोकॉल को बढ़ावा देकर और एकाधिकार प्लेटफार्मों पर निर्भरता कम करके डिजिटल वाणिज्य परिदृश्य में नवाचार एवं समावेशिता को उत्प्रेरित करना है।

 

सरकार द्वारा सहायता प्राप्त स्टार्टअप की मानसिकता के साथ ओएनडीसी को एक संगठन बनाने की दृष्टि से एक गैर-लाभकारी धारा -8 कंपनी के रूप में शामिल किया गया था और इसे भारतीय गुणवत्ता परिषद में भी लिया गया था। भारतीय गुणवत्ता परिषद को ओएनडीसी के निगमन के लिए सह-संस्थापक के रूप में प्रोटीन द्वारा शामिल किया गया था। अब तक 500 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी के साथ, सभी सार्वजनिक और निजी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों ने ओएनडीसी में इक्विटी का योगदान दिया है।

 

ओएनडीसी के निवेशक

 

 

ओएनडीसी पहल के उद्देश्य

 

 

ओएनडीसी पहल के कई प्रमुख उद्देश्य हैं:

 

1. वाणिज्य का लोकतंत्रीकरण: सभी नेटवर्कों में अंतरसंचालनीयता को सक्षम करके बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के प्रभुत्व को कम करना।

 

2. समावेशिता: छोटे व्यवसायों, खुदरा विक्रेताओं और स्थानीय कारीगरों को डिजिटल बाजार तक पहुंचने के लिए सशक्त बनाना।

 

3. लागत में कमी: विक्रेताओं के लिए ग्राहक अधिग्रहण और लेनदेन प्रसंस्करण की लागत कम करना।

 

4. बाजार विस्तार: क्षेत्रीय और भाषाई अंतर को पाटना, अप्रयुक्त बाजारों को डिजिटल कॉमर्स के दायरे में लाना।

 

5. उपभोक्ता सशक्तिकरण: विक्रेताओं की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुंच प्रदान करके खरीदारों के लिए विकल्प बढ़ाना।

 

यह किस तरह से कार्य करता है?

 

ओएनडीसी प्रतिभागियों के बीच निर्बाध संवाद की सुविधा के लिए ओपन नेटवर्क प्रोटोकॉल का उपयोग करता है। नेटवर्क विभिन्न प्लेटफार्मों से खरीदारों और विक्रेताओं को मानकीकृत एपीआई का उपयोग करके एक-दूसरे के साथ लेनदेन करने में सक्षम बनाता है। प्रमुख घटकों में शामिल हैं:

1. विकेंद्रीकृत आर्किटेक्चर: पारंपरिक प्लेटफार्मों के विपरीत, ओएनडीसी ई-कॉमर्स सेवाओं का स्वामित्व या संचालन नहीं करता है। यह इंटरकनेक्टिविटी के लिए एक सहायता प्रदाता के रूप में कार्य करता है।

2. ओपन प्रोटोकॉल्स: खुले मानकों के आधार पर, ओएनडीसी यह सुनिश्चित करता है कि इन प्रोटोकॉल का पालन करने वाला कोई भी विक्रेता या खरीदार मंच भाग ले सकता है।

 

3. भूमिका पृथक्करण: जिम्मेदारियों का स्पष्ट चित्रण सुनिश्चित करते हुए प्रतिभागियों को क्रेता एप्लिकेशन, विक्रेता एप्लिकेशन और लॉजिस्टिक्स प्रदाताओं जैसी भूमिकाओं में वर्गीकृत किया गया है।

ओएनडीसी नेटवर्क पर डोमेन

 

क्र.सं.

डोमेन नाम

सेवा का नाम

1

खाद्य और पेय पदार्थ

महाद्वीपीय, मध्य पूर्वी, उत्तर भारतीय, क्षेत्रीय भारतीय, दक्षिण भारतीय, पैन-एशियाई, टेक्स-मैक्सिकन, स्वस्थ भोजन, विश्व व्यंजन, डेसर्ट, पेय पदार्थ, फास्ट फूड

2

किराना

बेबी केयर, बेकरी, केक और डेयरी, सौंदर्य और स्वच्छता, पेय पदार्थ, सफाई और घरेलू, अंडे, मांस और मछली, खाद्यान्न, फल और सब्जियां, स्नैक्स और ब्रांडेड खाद्य पदार्थ

3

फैशन और जूते

पुरुषों के सामान, पुरुषों के परिधान, महिलाओं के परिधान, महिलाओं के जूते, बच्चों के परिधान

4

घर & रसोई

घर की सजावट, फर्नीचर, कुकवेयर और डाइनिंग

5

इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स

ऑडियो, कैमरा, लैपटॉप, मोबाइल फोन, टेलीविजन

6

सौंदर्य और व्यक्तिगत देखभाल

स्वास्थ्य, रसोई के उपकरण, प्रकाश व्यवस्था

7

स्वास्थ्य & कल्याण

दर्द से राहत, पोषण और फिटनेस की खुराक, कोविड आवश्यक, मधुमेह नियंत्रण, स्वास्थ्य देखभाल और फिटनेस उपकरण, आयुर्वेदिक, होम्योपैथी, यूनानी और सिद्ध, बुजुर्गों की देखभाल, शिशु की देखभाल, आर्थोपेडिक देखभाल, गतिशीलता एड्स, औषधीय बालों की देखभाल, औषधीय त्वचा की देखभाल, चेहरे की सफाई, गैस्ट्रिक देखभाल, ईएनटी देखभाल, आंखों की देखभाल, सर्दी और खांसी, यौन कल्याण, स्त्री देखभाल, मातृत्व देखभाल, आदि।

8

उपहार कार्ड

खुदरा और एंटरप्राइज़ उपहार कार्ड

9

गतिशीलता

ऑटो, कैब, उड़ानें, मेट्रो रेल, चार्टर

10

वित्तीय सेवाएं

क्रेडिट, बीमा और निवेश

11

सेवाएँ

कुशल और सदस्यता आधारित

12

कृषि

कृषि इनपुट, आउटपुट और सेवाएं

13

ओनेस्ट

शिक्षा और प्रशिक्षण

 

 

ओएनडीसी नेटवर्क पर भूमिकाएं

 

कुशल कार्यप्रणाली सुनिश्चित करने के लिए प्रतिभागी विभिन्न भूमिकाएं निभाते हैं:

 

1. बायर एप्लीकेशन: यह प्लेटफॉर्म ग्राहकों को ओएनडीसी नेटवर्क पर विक्रेताओं तक पहुंचने में सक्षम बनाता है।

 

2. सैलर एप्लीकेशन: व्यवसायों के लिए उनकी पेशकशों को सूचीबद्ध करने और प्रबंधित करने के लिए इंटरफ़ेस।

 

3. लॉजिटिक्स प्रोवाइडर्स: विभिन्न क्षेत्रों में माल की आवाजाही के लिए सुविधा प्रदाता।

 

4. टेक्नोलॉजी इनेबलर्स: सूचना प्रौद्योगिकी अवसंरचना और उपकरण प्रदाता।

 

ओएनडीसी के लाभ

 

 

ओएनडीसी का प्रभाव

 

 

ओएनडीसी के कार्यान्वयन से भारत की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है:

 

1. बाजार का लोकतंत्रीकरण: यह सुनिश्चित करना कि सभी आकार के व्यवसाय फल-फूल सकें।

 

2. आर्थिक विकास: बढ़ी हुई डिजिटल वाणिज्य गतिविधियां सकल घरेलू उत्पाद में योगदान दे रही हैं।

 

3. रोजगार सृजन: प्रौद्योगिकी, लॉजिस्टिक्स और सहायक सेवाओं में अवसरों का विस्तार।

 

4. उपभोक्ता सशक्तिकरण: विभिन्न विकल्प और प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण की पेशकश।

 

सरकारी विभागों/मंत्रालयों के साथ सहयोग

 

ओएनडीसी अपनी पहुंच और प्रभावशीलता का विस्तार करने के लिए कई सरकारी निकायों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करता है:

 

1. एमएसएमई मंत्रालय: छोटे व्यवसायों और स्थानीय कारीगरों को शामिल करना, उनकी डिजिटल उपस्थिति को बढ़ाना, उदाहरण के लिए एमएसएमई-टीम पहल।

 

2. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय: ओएनडीसी नेटवर्क के माध्यम से नीति संरेखण और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देता है।

 

3. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम: व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे का लाभ उठाना।

 

4. स्टार्टअप इंडिया: ओएनडीसी इकोसिस्टम में स्टार्टअप को एकीकृत करके उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देना।

 

5. क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया: डिजीरेडी सर्टिफिकेशन (डीआरसी) पोर्टल, फरवरी 2024 में शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य एमएसएमई संस्थाओं की डिजिटल तैयारी का आकलन और उन्हें प्रमाणित करना है।

 

6. मत्स्य पालन विभाग: एक डिजिटल मंच प्रदान करना और पारंपरिक मछुआरों, मछली किसान उत्पादक संगठनों, मत्स्य पालन क्षेत्र के उद्यमियों सहित सभी हितधारकों को ई-मार्केट प्लेस यानी ओएनडीसी के माध्यम से अपने उत्पादों को खरीदने व बेचने के लिए सशक्त बनाना।

 

7. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और नाबार्ड: किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और किसानों को नेटवर्क से जोड़ना।

 

एमएसएमई के लिए ओएनडीसी

 

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। ओएनडीसी उन्हें सीमित डिजिटल पहुंच और उच्च प्लेटफॉर्म लागत जैसी चुनौतियों से निपटने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। प्रमुख लाभों में शामिल हैं:

 

1. बढ़ी हुई दृश्यता: एमएसएमई को राष्ट्रव्यापी ग्राहक आधार तक पहुंच प्राप्त हुई।

2. कम लागत: इंटरऑपरेबल प्रोटोकॉल महंगी प्लेटफॉर्म सेवाओं पर निर्भरता को समाप्त करते हैं।

3. कौशल विकास: एमएसएमई को डिजिटल उपकरणों से परिचित कराने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम।

4. निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा: बड़े खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के समान अवसर।

 

 

ओएनडीसी प्रोटोकॉल कैटलॉगिंग, इन्वेंट्री प्रबंधन, ऑर्डर प्रबंधन और ऑर्डर पूर्ति जैसे कार्यों को मानकीकृत करेगा। इस प्रकार, छोटे व्यवसाय विशिष्ट प्लेटफॉर्म केंद्रित नीतियों द्वारा शासित होने के बजाय किसी भी ओएनडीसी संगत अनुप्रयोगों का उपयोग करने में सक्षम होंगे। यह छोटे व्यवसायों को नेटवर्क और व्यवसाय संचालन के बारे में खोजने योग्य कई विकल्प प्रदान करेगा। यह उन लोगों को भी डिजिटल माध्यमों को आसानी से अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जो वर्तमान में डिजिटल वाणिज्य नेटवर्क पर नहीं हैं।

 

एमएसएमई मंत्रालय ने एक उप-योजना "एमएसएमई व्यापार सक्षमता व विपणन पहल" (एमएसएमई-टीम पहल) शुरू की है, जिसका उद्देश्य जागरूकता कार्यशालाओं के माध्यम से पांच लाख एमएसएमई को ओएनडीसी मंच पर शामिल होने में सहायता प्रदान करना है। एमएसएमई टीम योजना का उद्देश्य कैटलॉग तैयारी, खाता प्रबंधन, लॉजिस्टिक्स और पैकेजिंग सामग्री तथा डिजाइन के लिए विक्रेता नेटवर्क प्रतिभागियों के माध्यम से सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (एमएसई) को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। लाभान्वित होने वाले कुल पांच लाख एमएसई में से ढाई लाख एमएसई महिलाओं के स्वामित्व वाले एमएसई होंगे। यह योजना साल 2024 से 2027 तक वैध है। हालांकि, जागरूकता कार्यशालाएं विशेष रूप से महिलाओं और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के स्वामित्व वाले एमएसएमई के बीच अधिक पहुंच के लिए टियर 2 एवं टियर 3 शहरों तथा एमएसएमई समूहों में आयोजित की जाएंगी।

ओएनडीसी स्टार्टअप महोत्सव

 

 

 

उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने 17 मई, 2024 को नई दिल्ली में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम 'ओएनडीसी स्टार्टअप महोत्सव'आयोजित किया। यह आयोजन डीपीआईआईटी की दो प्रमुख गतिविधियों - स्टार्टअप इंडिया पहल और ओएनडीसी के उत्सव एवं सहयोग का प्रतीक है। इस आयोजन में हाइब्रिड मोड में लगभग 5,000 स्टार्टअप्स की भागीदारी देखी गई। कार्यक्रम के दौरान स्टार्टअप्स, यूनिकॉर्न और ईजमायट्रिप, लिवस्पेस, प्रिस्टिन केयर, कार्स24 और जरोधा जैसे उच्च विकास व्यवसायों सहित 125 से अधिक इकोसिस्टम हितधारकों ने आशय पत्र (एलओआई) पर हस्ताक्षर किए। ये एलओआई ओएनडीसी की क्षमता और मंच के साथ सहयोग करने के लिए देश के अग्रणी स्टार्टअप की उत्सुकता को दर्शाते हैं। इस दौरान 'भारतीय ई-कॉमर्स के सहयोगात्मक भविष्य का निर्माण', 'ओएनडीसी - स्टार्टअप सफलता की कहानी'तथा 'ओएनडीसी के माध्यम से स्टार्टअप ग्रोथ को आगे बढ़ाना'जैसे विषयों पर व्यावहारिक पैनल चर्चाएं हुईं और आपसी सहयोग के क्षेत्रों एवं स्टार्टअप व उभरते व्यवसायों के लिए ओएनडीसी के नेटवर्क का विस्तार करने की अपार संभावनाओं पर चर्चा की गई।

छोटे व्यवसायों के बीच जागरूकता, अनुकूलन एवं प्रशिक्षण बढ़ाने के लिए सरकारी पहल

ओएनडीसी ने ओएनडीसी के लाभों का पूरी तरह से लाभ उठाने और ओएनडीसी के अनुरूप बनने के लिए छोटे व्यवसायों के बीच जागरूकता, अनुकूलन व प्रशिक्षण बढ़ाने के लिए विभिन्न पहल की हैं। इनमें शामिल है:

 

1. ओएनडीसी छोटे विक्रेताओं एवं व्यवसायों को ओएनडीसी और इसके लाभों के बारे में जागरूक करने के लिए देश भर में विभिन्न उद्योग संघों के सहयोग से जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित कर रहा है। आरएआई, पीएचडीसीसीआई, फिक्की, नैसकॉम और एफएचआरएआई के सहयोग से कई संयुक्त कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।

 

2. ओएनडीसी ने खुले डिजिटल सत्रों के माध्यम से वर्चुअल प्रशिक्षण और तकनीकी प्रशिक्षण दिया है, जिसमें बड़ी संख्या में स्टार्टअप, छात्र, व्यापारिक नेता, नौकरशाह आदि ने भाग लिया।

 

3. ओएनडीसी ने विक्रेताओं (विशेषकर पहली बार के विक्रेताओं) को डिजिटल कॉमर्स में सफल होने में मदद करने के लिए 14 भाषाओं में एक हैंडबुक विकसित की है और इसे व्यापक रूप से वितरित किया जा रहा है।

 

4. ओएनडीसी भारतीय भाषाओं में ऐप विकास और ई-कॉमर्स में सुधार के लिए भाषिनी के साथ सहयोग कर रहा है।

 

5. ओएनडीसी ने ओएनडीसी के लाभों के बारे में विक्रेताओं की पहचान करने और उन्हें जागरूक बनाने तथा विक्रेता अनुप्रयोगों के माध्यम से जुड़ने के तरीके के बारे में नेटवर्क प्रतिभागियों (एनपी) की सहायता करने के लिए एक फीट ऑन स्ट्रीट कार्यक्रम शुरू किया है। इससे विक्रेताओं को विक्रेता एप्लिकेशन पर शामिल होने और प्रथम-स्तरीय बुनियादी कैटलॉग बनाने के लिए सहायता प्रदान की जाती है।

 

6. भारत के हर गांव को राष्ट्रीय डिजिटल बाजार से जोड़ने के लिए अब सीएससी-कॉमन सर्विसेज सेंटर ओएनडीसी पर लाइव हो गए हैं।

 

7. विक्रेताओं और खरीदारों को ओएनडीसी के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद करने के लिए व्हाट्सएप बॉट "ओएनडीसी सहायक" को 5 भाषाओं में शुरू किया किया गया है।

 

8. ओएनडीसी ने एक अकादमी शुरू की है, जो शैक्षिक और सूचनात्मक पाठ्य तथा वीडियो सामग्री का भंडार है। ओएनडीसी अकादमी ओएनडीसी नेटवर्क के प्रत्येक प्रतिभागी के लिए एक सफल ई-कॉमर्स हेतु मार्गदर्शन और सर्वोत्तम अभ्यास प्रदान करने वाला क्यूरेटेड शिक्षण अनुभव प्रदान कर रही है।

 

ओएनडीसी की प्रमुख उपलब्धियां

 

ओएनडीसी ने अपनी स्थापना के बाद से उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज की हैं:

 

1. प्रायोगिक कार्यक्रम: बेंगलुरु और दिल्ली जैसे चुनिंदा शहरों में सफल कार्यान्वयन।

 

2. पहली ओएनडीसी उचित मूल्य की दुकान: डिजिटल भारत की दिशा में एक कदम के रूप में भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) पर हिमाचल प्रदेश के ऊना और हमीरपुर जिलों में उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) को शामिल करने के लिए प्रायोगिक तौर पर एक शुरुआत की है।

 

3. ओएनडीसी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध सेवाओं और उत्पादों का विस्तार: ओएनडीसी नेटवर्क दो श्रेणियों (एफ एंड बी व किराना) के साथ शुरू हुआ और गतिशीलता, फैशन, सौंदर्य एवं व्यक्तिगत देखभाल, घर तथा रसोई, इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरण, स्वास्थ्य एवं कल्याण और बी 2 बी जैसी कई अन्य श्रेणियों तक विस्तारित हुआ है।

 

4. व्यापक भौगोलिक कवरेज: 2 जनवरी, 2024 तक, विक्रेता और सेवा प्रदाता ओएनडीसी नेटवर्क के भौगोलिक कवरेज का विस्तार करते हुए 616+ शहरों में फैले हुए हैं।

 

 

पुरस्कार एवं सम्मान

 

Year

पुरस्कार

पुरस्कार देने वाली संस्था

2024

नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए उभरती हुई प्रौद्योगिकियों का अनुप्रयोग

ई-गवर्नेंस के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार

2024

चैलेंजर (ब्रांड)

4एम पिच शीर्ष 50 ब्रांड

2024

टेक डिसरप्टर

रिपब्लिक बिजनेस इमर्जिंग टेक्नोलॉजी अवार्ड्स

2024

स्टार्ट-अप ऑफ द ईयर

14वां इंडिया डिजिटल अवार्ड्स (आईडीए)

2023

फिनटेक कंपनी ऑफ द ईयर

ग्लोबल फिनटेक अवार्ड्स

2023

द डिसरप्टर्स

इंडियन बिजनेस लीडर अवार्ड्स (आईबीएलए)

2023

द डिसरप्टिव टेक्नोलॉजी अवार्ड

ग्लोबल आईपी कन्वेंशन (जीआईपीसी)

 

निष्कर्ष

ओएनडीसी भारत में एक निष्पक्ष, खुला और समावेशी डिजिटल वाणिज्य इकोसिस्टम बनाने की दिशा में एक साहसिक कदम का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें एकाधिकारवादी कार्य प्रणालियों की चुनौतियों का समाधान करके और छोटे व्यवसायियों को सशक्त बनाकर, ई-कॉमर्स परिदृश्य को बदलने की क्षमता है।

 

सन्दर्भ:

https://ondc.org/

https://x.com/narendramodi/status/1874668637891781118

https://pib.gov.in/Pressreleaseshare.aspx?PRID=1814143

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1884249

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2020896

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2035082

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2051330

https://pib.gov.in/PressReleseDetailm.aspx?PRID=1984081

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2003348

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2003914

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2007083

https://sansad.in/getFile/loksabhaquestions/annex/1715/AU816.pdf?source=pqals

https://sansad.in/getFile/annex/265/AU531_uRPdIv.pdf?source=pqars

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