प्रधानमंत्री कार्यालय
प्रधानमंत्री ने गुयाना की संसद को संबोधित किया
Posted On:
21 NOV 2024 9:27PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुयाना की संसद की नेशनल असेम्बली को संबोधित किया। ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इस संबोधन के लिए स्पीकर श्री मंजूर नादिर ने संसद का विशेष सत्र बुलाया था।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने भारत और गुयाना के बीच लंबे समय से चले आ रहे ऐतिहासिक संबंधों को याद किया। उन्होंने देश के सर्वोच्च सम्मान के लिए गुयाना के लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारत और गुयाना के बीच भौगोलिक दूरी के बावजूद साझा विरासत और लोकतंत्र ने दोनों देशों को एक दूसरे के करीब ला दिया है। दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक लोकाचार और समान मानव-केंद्रित दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि इन मूल्यों ने उन्हें समावेशी पथ पर आगे बढ़ने में मदद की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का 'मानवता सर्वप्रथम' का मंत्र उसे ब्राजील में हाल ही में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन सहित वैश्विक दक्षिण की आवाज को बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने आगे कहा कि भारत विश्वबंधु के रूप में मानवता की सेवा करना चाहता है, जो दुनिया का मित्र है, और इस मौलिक विचार ने वैश्विक समुदाय के प्रति उसके दृष्टिकोण को आकार दिया है, जहां वह सभी देशों को समान महत्व देता है- चाहे वे बड़े हों या छोटे।
प्रधानमंत्री ने वैश्विक प्रगति और समृद्धि लाने के लिए महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। उन्होंने शिक्षा और नवाचार के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच अधिक आदान-प्रदान का आग्रह किया ताकि युवाओं की क्षमता का पूरा उपयोग किया जा सके। कैरेबियाई क्षेत्र को भारत के दृढ़ समर्थन से अवगत कराते हुए उन्होंने राष्ट्रपति अली को दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए धन्यवाद दिया। भारत-गुयाना ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए भारत की गहरी प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भारत और लैटिन अमेरिकी महाद्वीप के बीच गुयाना अवसरों का सेतु बन सकता है। उन्होंने अपने संबोधन का समापन गुयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन के कथन को उद्धृत करते हुए किया, जिन्होंने कहा था, "हमें अतीत से सीखना होगा और अपने वर्तमान को सुधारना होगा तथा भविष्य के लिए एक मजबूत आधार तैयार करना होगा।" उन्होंने गुयाना के सांसदों को भारत आने का निमंत्रण दिया।
प्रधानमंत्री का पूरा संबोधन यहां here देखा जा सकता है।
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एमजी/केसी/केपी
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