सूचना और प्रसारण मंत्रालय
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एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण (आई-गोट) लैब की स्थापना सीखते रहने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय का एक सराहनीय प्रयास : डॉ. एल. मुरुगन


आकांक्षी भारत के लिए कृत्रिम बुद्धिमता : डॉ. एल. मुरुगन ने उत्पादकता बढ़ाने और प्रशासन को बेहतर बनाने के लिए एआई विधियों को अपनाने का आग्रह किया

Posted On: 25 OCT 2024 2:23PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह 2024 के पुरस्कार वितरण समारोह, आईगोट लैब और लर्निंग सेंटर के उद्घाटन के मुख्य अतिथि डॉ. एल. मुरुगन ने कर्मयोगी सप्ताह के समापन में हिस्सा लिया।

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इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण सचिव श्री संजय जाजू, विशेष सचिव श्रीमती नीरजा शेखर, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य विशिष्ट व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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कर्मयोगी सप्ताह - राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह (एनएलडब्ल्यू)

कर्मयोगी सप्ताह - राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह (एनएलडब्ल्यू) प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख पहल है। इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने 30 लाख से अधिक केंद्रीय सिविल सेवकों के कौशल एवं दक्षताओं को बढ़ाने तथा 22 मिलियन से अधिक राज्य स्तरीय सिविल सेवकों और 5 मिलियन शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) अधिकारियों के लिए निरंतर सीखने की पहुंच सुनिश्चित करने की पहल के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी बताया कि यह कार्यक्रम स्थायी और संविदा आधार पर कार्यरत दोनों तरह के कर्मचारियों के लिए है, जो राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप जीवन पर्यन्त सीखने की प्रक्रियो को बढ़ावा देता है।

आईगोट लैब: सीखने को बढ़ावा देना : डॉ. एल. मुरुगन ने बताया कि मंत्रालय ने सोशल मीडिया के उपयोग, फिल्मी ज्ञान के विकास और फोटोग्राफी कौशल वृद्धि पर केंद्रित तीन वेबिनार आयोजित किए। इसके अतिरिक्त, सभी कर्मचारियों को आईगोट कर्मयोगी पोर्टल पर कम से कम चार घंटे का प्रशिक्षण पूरा करना आवश्यक था, जिसमें कार्यालय प्रक्रियाओं, कार्य स्थल पर महिला सहकर्मियों के प्रति संवेदनशीलता और नेतृत्व जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल थे। उन्होंने मंत्रालय के नवाचारी दृष्टिकोण की भी सराहना की, जिसमें आईगोट लैब की स्थापना को निरंतर सीखने को बढ़ावा देने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास बताया।

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डॉ. एल. मुरुगन ने बेहतर प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित किया

आकांक्षी भारत के लिए एआई अर्थात कृत्रिम बुद्धिमता

"आकांक्षी भारत" के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का लाभ लेने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप, डॉ. एल. मुरुगन ने मंत्रालय से कार्य में उत्पादकता बढ़ाने के लिए कार्यस्थलों में एआई उपकरणों को सक्रिय रूप से शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने उत्पादकता बढ़ाने और बार-बार दोहराए जाने वाले कार्यों के बोझ को कम करने के लिए चैटजीपीटी और जेमिनी जैसे एआई उपकरणों को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि एआई-संचालित डेटा-संचालित निर्णय से सिविल सेवक शासन के शीर्ष प्रभाव वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, ताकि उनके विभागों के भीतर बेहतर सेवा वितरण और नवाचार सुनिश्चित हो सके।

उन्होंने नागरिक-केंद्रित सुशासन को बढ़ावा देने के लिए व्यावहारिक पाठ्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करते हुए बेहतर सेवा वितरण के लिए कुशल शिकायत समाधान के महत्व पर जोर दिया।

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