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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए महाराष्ट्र में 7600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी


महाराष्ट्र में 10 सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों का उद्घाटन किया

नागपुर स्थित डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के उन्नयन के लिए आधारशिला रखी

शिरडी हवाई अड्डे पर नए एकीकृत टर्मिनल भवन की नींव रखी

महाराष्ट्र में मुंबई स्थित भारतीय कौशल संस्थान और विद्या समीक्षा केंद्र
का उद्घाटन किया

महाराष्ट्र में परियोजनाओं के शुभारंभ से अवसंरचना में बेहतरी आएगी, कनेक्टिविटी बढ़ेगी और युवा सशक्त होंगे: प्रधानमंत्री

Posted On: 09 OCT 2024 3:06PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए से महाराष्ट्र में 7600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी। आज की परियोजनाओं में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, नागपुर के उन्नयन और शिरडी हवाई अड्डे पर एक नए एकीकृत टर्मिनल भवन की आधारशिला रखना शामिल है। श्री मोदी ने महाराष्ट्र में 10 सरकारी चिकित्सा विद्यालयों के संचालन का शुभारंभ किया और भारतीय कौशल संस्थान (IIS), मुंबई और महाराष्ट्र के विद्या समीक्षा केंद्र (VSK) का भी उद्घाटन किया।

प्रधानमंत्री ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र को 10 नए चिकित्सा महाविद्यालय और नागपुर हवाई अड्डे के आधुनिकीकरण और विस्तार तथा शिरडी हवाई अड्डे के लिए एक नए टर्मिनल भवन के निर्माण सहित महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं की सौगात दी जा रही है। उन्होंने आज की विकास परियोजनाओं के लिए महाराष्ट्र के लोगों को बधाई दी।

30,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए मुंबई और ठाणे के अपने दौरे को स्मरण करते हुए, प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि मेट्रो नेटवर्क का विस्तार, हवाई अड्डों का उन्नयन, राजमार्ग परियोजनाएं, अवसंरचना, सौर ऊर्जा और टेक्सटाइल पार्क जैसी हजारों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं पहले ही विभिन्न जिलों में शुरू की जा चुकी हैं। श्री मोदी ने रेखांकित किया कि किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के लिए नई पहल की गई है, जबकि महाराष्ट्र में देश के सबसे बड़े कंटेनर बंदरगाह - वधावन बंदरगाह की आधारशिला भी रखी गई है। प्रधानमंत्री ने कहा, "महाराष्ट्र के इतिहास में कभी भी विभिन्न क्षेत्रों में इतनी तेज गति से, और इतने बड़े पैमाने पर विकास नहीं हुआ है।"

हाल ही में मराठी को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता दिए जाने को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि जब किसी भाषा को उसका उचित सम्मान मिलता है, तो केवल शब्दों को ही नहीं, बल्कि पूरी पीढ़ी को आवाज मिलती है। उन्होंने कहा कि इससे करोड़ों मराठी भाइयों का सपना पूरा हुआ है। श्री मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने मराठी को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता मिलने का जश्न मनाया। उन्होंने कहा कि उन्हें महाराष्ट्र के गांवों से लोगों के खुशी और आभार के संदेश मिल रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि मराठी को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता मिलना, उनका काम नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के लोगों के आशीर्वाद का परिणाम है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि छत्रपति शिवाजी महाराज, बाबा साहेब अंबेडकर, ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले जैसी विभूतियों के आशीर्वाद से महाराष्ट्र में प्रगति के कार्य चल रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के कल आए नतीजों और हरियाणा के मतदाताओं ने देश की जनता का मूड साफ तौर पर बता दिया है। उन्होंने कहा कि दो कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद, लगातार तीसरी बार हरियाणा में जीत ऐतिहासिक है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उन लोगों के खिलाफ चेतावनी दी, जो विभाजनकारी राजनीति करते हैं और निजी लाभ के लिए मतदाताओं को गुमराह करते हैं। उन्होंने भारत में मुसलमानों के अंदर डर पैदा करने और उन्हें वोटबैंक में तब्दील करने के प्रयासों की ओर भी इशारा किया तथा अपने लाभ के लिए हिंदू धर्म में जातिवाद में लिप्त लोगों के प्रति तिरस्कार भी व्यक्त किया। श्री मोदी ने राजनीतिक लाभ के लिए भारत में हिंदू समाज को तोड़ने के प्रयत्न करने वालों के खिलाफ चेतावनी दी। प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि महाराष्ट्र के लोग समाज को तोड़ने के प्रयासों को खारिज कर देंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने राष्ट्र के विकास के लिए आधुनिक अवसंरचना के निर्माण का महायज्ञ शुरू किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज हम केवल इमारतें नहीं बना रहे हैं, बल्कि एक स्वस्थ और समृद्ध महाराष्ट्र की आधारशिला रख रहे हैं।उन्होंने लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए राज्य में 10 नए चिकित्सा महाविद्यालयों के उद्घाटन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ठाणे, अंबरनाथ, मुंबई, नासिक, जालना, बुलढाणा, हिंगोली, वाशिम, अमरावती, भंकदरा और गढ़चिरौली जिले लाखों लोगों की सेवा के केंद्र बनेंगे। प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि 10 नए चिकित्सा महाविद्यालय महाराष्ट्र में 900 मेडिकल सीटें और जोड़ेंगे, जिससे राज्य में कुल मेडिकल सीटों की संख्या बढ़कर लगभग 6000 हो जाएगी। लाल किले से 75,000 नई मेडिकल सीटें जोड़ने के अपने संकल्प का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का कार्यक्रम इस दिशा में एक बड़ा कदम है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने चिकित्सा शिक्षा को आसान बनाया है और महाराष्ट्र के युवाओं के लिए नए रास्ते खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के ज्यादा से ज्यादा बच्चे डॉक्टर बनें और वे सपने पूरे करें। श्री मोदी ने कहा कि एक समय में ऐसी विशेष पढ़ाई के लिए मातृभाषा में किताबें उपलब्ध न होना एक बड़ी चुनौती थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने इस भेदभाव को खत्म किया और महाराष्ट्र के युवा मराठी भाषा में चिकित्सा की पढ़ाई कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि युवा अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करके डॉक्टर बनने का सपना पूरा करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जीवन को आरामदायक बनाने का सरकार का प्रयास निर्धंता से लड़ने का एक बड़ा माध्यम है। गरीबी को अपनी राजनीति का ईंधन बनाने के लिए पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए, उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने एक दशक के अंदर 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। देश में स्वास्थ्य सेवाओं में आए बदलाव के बारे में विस्तार से बताते हुए, श्री मोदी ने कहा, “वर्तमान समय में हर गरीब के पास मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड है। उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को भी मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है। श्री मोदी ने कहा कि जन औषधि केंद्रों पर आवश्यक दवाएं बहुत कम कीमत पर उपलब्ध हैं और हृदय रोगियों के लिए स्टेंट 80-85 प्रतिशत सस्ते कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने कैंसर बीमारी के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं की कीमतें भी कम कर दी हैं। श्री मोदी ने कहा कि सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों की संख्या में वृद्धि के कारण चिकित्सा उपचार सस्ता हो गया है। श्री मोदी ने कहा, “आज मोदी सरकार ने गरीबों में भी सबसे गरीब व्यक्ति को सामाजिक सुरक्षा का एक मजबूत कवच दिया है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि दुनिया किसी देश पर तभी भरोसा करती है, जब उसके युवा आत्म-विश्वास से भरे होते हैं। उन्होंने कहा कि आज के युवा भारत का आत्मविश्वास देश के लिए एक नए भविष्य की कहानी लिख रहा है और इस बात पर रोशनी डाली कि विश्व समुदाय भारत को मानव संसाधन के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में देखता है, जहां शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सॉफ्टवेयर विकास के विशाल अवसर हैं। इन अवसरों के लिए भारत के युवाओं को तैयार करने के लिए, प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार उनके कौशल को वैश्विक मानकों के अनुरूप बना रही है। प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र में विभिन्न परियोजनाओं के शुभारंभ का उल्लेख किया, जिसमें शैक्षिक ढांचे को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से विद्या समीक्षा केंद्र और मुंबई में भारतीय कौशल संस्थान का उद्घाटन शामिल है, जहां युवाओं की प्रतिभा को बाजार की मांगों के साथ जोड़ने के लिए भविष्योन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, श्री मोदी ने युवाओं को सशुल्क इंटर्नशिप देने की सरकार की पहल पर रोशनी डाली, जो देश के इतिहास में पहली बार है, जहां छात्रों को उनकी इंटर्नशिप के दौरान 5,000 रुपये का वजीफा मिलेगा। उन्होंने प्रसन्नता जताई कि हजारों कंपनियां इस पहल का हिस्सा बनने के लिए पंजीकरण कर रही हैं, जिससे युवाओं को बहु-मूल्य अनुभव प्राप्त करने और उनके लिए नए अवसर खुलने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए भारत के प्रयासों के सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के शैक्षणिक संस्थान वैश्विक स्तर पर शीर्ष संस्थानों के बराबर खड़े हैं और कल ही विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग द्वारा जारी भारत में उच्च शिक्षा और अनुसंधान की बढ़ती गुणवत्ता पर प्रकाश डाला गया।

श्री मोदी ने कहा कि दुनिया की निगाहें अब भारत पर हैं क्योंकि देश पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, "वैश्विक अर्थव्यवस्था का भविष्य भारत में है।" उन्होंने आर्थिक प्रगति से आए नए अवसरों का जिक्र किया, खासकर उन क्षेत्रों में जिन्हें दशकों तक नजरअंदाज किया गया था। उन्होंने पर्यटन का उदाहरण दिया और महाराष्ट्र की अमूल्य विरासत, सुंदर प्राकृतिक स्थलों और आध्यात्मिक केंद्रों का पूरा उपयोग करके राज्य को अरबों डॉलर की अर्थव्यवस्था में विकसित करने के लिए अतीत में खोए अवसरों की ओर इशारा किया।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि वर्तमान सरकार में विकास और विरासत दोनों शामिल हैं। भारत के समृद्ध अतीत से प्रेरित होकर उज्ज्वल भविष्य के निर्माण पर बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने शिरडी हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल, नागपुर हवाई अड्डे के आधुनिकीकरण और महाराष्ट्र में चल रही अन्य विकास परियोजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि शिरडी हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल से साईं बाबा के भक्तों को बहुत फायदा होगा, जिससे देश-विदेश से ज्यादा से ज्यादा पर्यटक यहाँ आ सकेंगे। उन्होंने उन्नत सोलापुर हवाई अड्डे के उद्घाटन के बारे में भी बात की, जिससे अब भक्त शनि शिंगणापुर, तुलजा भवानी और कैलास मंदिर जैसे आस-पास के आध्यात्मिक स्थलों की यात्रा कर सकेंगे, जिससे महाराष्ट्र की पर्यटन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

श्री मोदी ने कहा, "हमारी सरकार का हर निर्णय और हर नीति सिर्फ एक लक्ष्य के लिए समर्पित है और वो लक्ष्य है, विकसित भारत!" उन्होंने आगे कहा कि सरकार का लक्ष्य गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं का कल्याण करना है। इसलिए, उन्होंने कहा कि हर विकास परियोजना निर्धन ग्रामीणों, मजदूरों और किसानों को समर्पित है। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि शिरडी हवाई अड्डे पर बनाए जा रहे अलग कार्गो कॉम्प्लेक्स से किसानों को बहुत सहायता मिलेगी, क्योंकि इसके बन जाने से विभिन्न प्रकार के कृषि उत्पादों को देश और विदेश में निर्यात किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि शिरडी, लासलगांव, अहिल्यानगर और नासिक के किसानों को कार्गो कॉम्प्लेक्स से लाभ होगा, क्योंकि वे प्याज, अंगूर, अमरूद और अनार जैसे उत्पादों को बड़े बाजार में आसानी से ले जा सकेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के हित में लगातार आवश्यक कदम उठा रही है, जैसे बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य को समाप्त करना, गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध हटाना, उबले चावल पर निर्यात शुल्क को आधा करना। उन्होंने कहा कि सरकार ने महाराष्ट्र के किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्याज पर निर्यात कर को भी आधा कर दिया है। श्री मोदी ने यह भी कहा कि सरकार ने खाद्य तेलों के आयात पर 20 प्रतिशत कर लगाने और परिष्कृत सोयाबीन, सूरजमुखी और पाम ऑयल पर कस्टम्ज़ ड्यूटी में उल्लेखनीय वृद्धि करने का फैसला किया है, ताकि भारत के किसानों को सरसों, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसी फसलों के लिए उच्च कीमतों का फायदा मिल सके। श्री मोदी ने यह भी कहा कि जिस तरह से सरकार वस्त्र उद्योग का समर्थन कर रही है, उससे महाराष्ट्र के कपास किसानों को बहुत लाभ होगा।

अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार का संकल्प महाराष्ट्र को मजबूत बनाना है। उन्होंने राज्य की प्रगति की रफ्तार पर प्रसन्नता व्यक्त की और आज की सभी विकास परियोजनाओं के लिए महाराष्ट्र के लोगों को बधाई दी।

इस मौके पर महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फड़नवीस वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, नागपुर के उन्नयन की नींव रखी, जिसकी कुल अनुमानित परियोजना लागत लगभग 7000 करोड़ रुपये है। यह विनिर्माण, विमानन, पर्यटन, रसद और स्वास्थ्य सेवा सहित कई क्षेत्रों में विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा और इससे नागपुर शहर और व्यापक विदर्भ क्षेत्र को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने शिरडी हवाई अड्डे पर 645 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाले नए एकीकृत टर्मिनल भवन की आधारशिला रखी। यह शिरडी आने वाले धार्मिक पर्यटकों के लिए विश्वस्तरीय सहुलियतें और सुख-सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। प्रस्तावित टर्मिनल की कंस्ट्रक्शन थीम साईं बाबा के आध्यात्मिक नीम के पेड़ पर आधारित है।

भारत को 'विश्व की कौशल राजधानी' के रूप में स्थापित करने के अपने विज़न के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने भारतीय कौशल संस्थान (IIS) मुंबई का भी उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य अत्याधुनिक तकनीक और व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ एक उद्योग संबंधी तैयार कार्यबल तैयार करना है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत स्थापित, यह टाटा शिक्षा एवं विकास ट्रस्ट और भारत सरकार के बीच एक सहयोग का परिणाम है। ये संस्थान मेक्ट्रोनिक्स, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा एनालिटिक्स, औद्योगिक स्वचालन और रोबोटिक्स जैसे अत्यधिक विशिष्ट क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करने की योजना बना रहा है।

इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के विद्या समीक्षा केंद्र (वीएसके) का उद्घाटन किया।  ये केंद्र छात्रों, शिक्षकों और प्रशासकों को स्मार्ट उपस्थिती, स्वाध्याय जैसे लाइव चैटबॉट के माध्यम से महत्वपूर्ण शैक्षणिक और प्रशासनिक डेटा तक पहुंच प्रदान करेगा। यह विद्यालयों को संसाधनों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने, अभिभावकों और राज्य के बीच संबंधों को मजबूत करने और उत्तरदायी सहायता प्रदान करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली जानकारी प्रदान करेगा। यह शिक्षण प्रथाओं और छात्रों के लिए सीखने को बढ़ावा देने हेतु क्यूरेटेड निर्देशात्मक संसाधन भी प्रदान करेगा।

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